जल जमाव और उसकी निकासी किसी भी शहर के लिए उतना ही जरूरी है जितनी की किसी गाड़ी के लिए इंधन की। मेरठ उत्तर भारत का सबसे ज्यादा बड़ा कर देने वाला शहर है। यह शहर उद्योग नगरी के रूप में जाना जाता है तथा यहाँ पर इतने बड़े पैमाने पर लघु उद्योग उपस्थित हैं जो की बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया करवाने की क्षमता रखते हैं। एक अभिनव शहर उस शहर को कहते हैं जहाँ पर रोजगार से लेकर जल निकासी का समुचित प्रबंध हो।
मेरठ शहर की स्थापना ब्रितानी सरकार द्वारा करायी गयी थी तथा उस समय के अनुसार ही मेरठ के जल निकासी आदि का बंदोबस्त कराया गया था। मेरठ से जल निकासी का इंतज़ाम यहाँ की काली नदी से किया गया था। समय के साथ मेरठ में जनसँख्या बेतरतीब तरीके से बढ़ी जिसका प्रभाव यह पड़ा की शहर बड़े क्षेत्र में फ़ैल गया। जनसँख्या बढ़ने से शहर भी बढ़ा और यहाँ के पुराने समय में बनाये गए जल निकासी मार्गों में और बड़ी संख्या में जल जाने लगा, विभिन्न लघु उद्योगों का भी जल इन्ही के सहारे नदी में जाने लगा जिसका प्रमाण यह हुआ की प्रदुषण से काली नदी पूरी तरह नाले में रूपांतरित हो गयी और यह और जल लेने में मुश्किलात का सामना करने लगी।
नए जल निकासी के मार्गों को न बनाये जाने के कारण भी हल्की सी भी बारिश में भी शहर में जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जल जमाव से गन्दगी की स्थिति तो बनती ही है बनती है साथ ही साथ यहाँ पर बिमारी के भी हालात भी बन जाते हैं। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक जल निकासी के साधनों के अलावां मानवीय जल संसाधनों को जनसँख्या के आधार पर बनाये जाने पर ही इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
1.http://idronline.org/the-ecology-of-an-itch/
2.http://www.newindianexpress.com/lifestyle/health/2017/aug/13/this-monsoon-keep-fungal-infections-at-bay-1642632.html
3.https://www.jstor.org/stable/24684703?seq=1#page_scan_tab_contents
4.http://ncert.nic.in/ncerts/l/kegy103.pdf
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