आज के युग में अधिकांश लोग प्रौद्योगिकी से घिरे हुए हैं। समुद्र में पानी की तरह, लोग हर दिन प्रौद्योगिकी में तैर रहे हैं। लोग प्रौद्योगिकी पर अधिक से अधिक आश्रित हो रहे हैं, हम भी अपने आस पास लोगो को इंटरनेट से घिरा हुआ देख सकते हैं। इंटरनेट ने 1997 से ही विश्व में अपनी पहचान बना ली थी, तब तक इंटरनेट जानकारी प्रदान करने का अच्छा स्रोत बन चुका था। इसने मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है।
लेकिन क्या हमने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि भारत में सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा और दुनिया की चौथी सबसे आम भाषा हिन्दी का उपयोग इंटरनेट में काफ़ी कम है। हम जब भी इंटरनेट में कुछ खोजते हैं तो हमको हिंदी की तुलना में अंग्रेजी में अधिक सामग्री देखने को मिलती है। हिन्दी भाषा में सामग्री कम उपलब्ध होने का मुख्य कारण यह है कि अधिकांश भारतीय लोग यह नहीं जानते कि इंटरनेट पर देवनागरी(हिंदी) लिपि कैसे टाइप करते हैं। इस आधुनिक तकनीक की दुनिया में हिन्दी लिखने के लिए कई ऐप लॉन्च हो गए हैं, और साथ ही देवनागरी लिपि में टाइप करने के लिए, इन्स्क्रिप्ट कीबोर्ड(जो भारत सरकार द्वारा अनुमोदित है) का उपयोग भी एक स्थायी और आसान समाधान है। हम इन्हें अपने कंप्यूटर पर स्थापित कर, हिन्दी में अपने विचार लिख सकते हैं।
हिंदी भाषा विषय यानी देवनागरी विषय को लिखने और बनाने की कोशिश करने वाले कई लोगों द्वारा तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आइए हम इन मुद्दों को समझे, यदि आप देवनागरी विषय के बजाय आप बॉक्स और प्रश्न चिह्न देखते हैं, तो आपको अपने वेब ब्राउज़र पर स्थित कोडिंग और डिकोडिंग को UTF(Unicode Transformation Format) में बदलें। वहीं हमको ये ध्यान रखना होगा कि हिंदी (देवनागरी विषय) विभिन्न ब्राउज़रों (क्रोम, फ़ायरफ़ॉक्स, माइक्रोसॉफ्ट इत्यादि) और विभिन्न उपकरणों पर अलग-अलग खुलती है।
एक रिपोर्ट के अनुसार "वेब पर हिन्दी सामग्री का उपयोग बढ़ रहा है। यह अंग्रेजी सामग्री के 19 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में वर्ष-दर-वर्ष 94 प्रतिशत बढ़ गयी है।"
10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन को हिन्दी की महानता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था, जो दुनिया में 250 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा है और यह दुनिया की चौथी सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है।
1.https://www.ashtangayoga.info/sanskrit/fonts-schriften-fuer-devanagari-und-lautschrift-iso-15919/sanskrit-devanagari-problem-solving/
2. http://studenttravelplanningguide.com/global-trends-in-foreign-language-demand-and-proficiency/
3.https://www.businesstoday.in/technology/internet/google-says-hindi-content-consumption-on-internet-growing-at-94-percent/story/222861.html
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