1942 की कांग्रेस बैठक के दुर्लभ अनदेखे चित्र

औपनिवेशिक काल और विश्व युद्ध : 1780 ई. से 1947 ई.
15-08-2018 11:04 AM
1942 की कांग्रेस बैठक के दुर्लभ अनदेखे चित्र

72वें स्वतंत्रता दिवस की सभी मेरठवासियों को हार्दिक शुभकामनायें। आज 15 अगस्त पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बात करते हैं 1947 से करीब 5 साल पूर्व सन 1942 के अगस्त महीने की जब भारत का इतिहास पलटने की असली शुरुआत हुई थी। यहाँ बात की जा रही है 8-9 अगस्त 1942 में हुई अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (All India Congress Committee) की बैठक की जहाँ से महत्वपूर्ण ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ की शुरुआत हुई थी। यह सभा मुंबई के अगस्त क्रान्ति मैदान में हुई थी।

इस बैठक में सभी मुख्य भारतीय सवतंत्रता सैनानियों ने भाषण दिया था जिनमें से गांधीजी भी एक थे। आज हम आपके सामने इस बैठक के कुछ दुर्लभ एवं अनदेखे चित्र प्रस्तुत करने जा रहे हैं। ऊपर दिए गए चित्र में गांधीजी को गाड़ी से उतरते देखा जा सकता है।

नीचे प्रस्तुत किये गए चित्र में जवाहरलाल नेहरू को गांधीजी के दायीं ओर और सरदार पटेल को उनकी बायीं तरफ बैठे देखा जा सकता है, तथा गांधीजी काफी शांत चित्त के साथ महिला अध्यक्ष कमलादेवी से वार्तालाप करते देखे जा सकते हैं। साथ ही साथ आचार्य कृपलानी बीच में बैठे कुछ पढ़ते हुए मुस्कुराते हैं।

नीचे दिए गए चित्र में गांधीजी एक पन्ने को बड़े ध्यान से पढ़ते देखे जा सकते हैं। और अंदाज़ा यही रहेगा कि इस पन्ने में उनके भाषण के बोल लिखे हुए थे जिन्हें वे एक बार फिर देख रहे थे। इससे पता चलता है कि यह बैठक कितनी महत्वपूर्ण थी।

और अंत में इन सभी चित्रों में से सबसे महत्वपूर्ण चित्र नीचे दर्शाया गया है। यह वह पल था जब माइक (Mic) पर गांधीजी द्वारा बोला गया एक-एक शब्द उन्हें सुनने वाले हर एक व्यक्ति के हृदय में गढ़ गया था। यह आवाज़ एक व्यक्ति की आवाज़ नहीं, अपितु एक महान प्राचीन राष्ट्र की आवाज़ थी। उनके सभी शब्द दिल में ज्वाला पैदा करने वाले थे। 2 घंटे तक दिये गये उस भाषण ने एक बार में लाखों लोगों को एक महान लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित किया था। इसी भाषण में गांधीजी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था तथा उन्होंने सभी भारतीयों से यह आग्रह किया था कि, “हम सभी या तो भारत को आज़ादी दिलाएँगे या फिर इसकी आज़ादी के लिए लड़ते-लड़ते मौत की आगोश में चले जाएँगे। हम इस तरह अपनी ग़ुलामी बने देखते रहने के लिए नहीं जियेंगे”।

संदर्भ:
1.सभी चित्र: Flames of ’42: विथल एस. झवेरी, भानुशंकर एम. याग्निक
2.https://www.inc.in/en/media/speech/quit-india-speech-ii-at-aicc-bombay-08-08-1942
3.https://www.thequint.com/videos/quit-india-movement-the-precursor-to-indias-freedom-at-midnight-1942-gandhi-nehru-independence

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