आधुनिक घरों के निर्माण में ग्रीन गोल्ड 'बांस' की भूमिका

मेरठ

 12-08-2018 10:55 AM
पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें

आधुनिकता के इस दौर में अक्सर लोग घर बनाते समय उसमें कुछ अलग करने के लिए प्राकृतिक स्रोतों का चयन करते हैं, जिनकी ओर दुनिया बरबस ही खींची चली आती है। इन्हीं प्राकृतिक स्रोतों में हम जानते हैं, ग्रीन गोल्ड कहे जाने वाले बांस के विषय में जिसे विश्व में आज बहुमुखी व्यसाय जैसे घर बनाने, फर्नीचर बनाने, किचन के बर्तन बनाने तथा घर की सज्जा सामग्री बनाने इत्यादि के रूप में चयनित किया जा रहा है। लेकिन जैसे कहा जाता है, 'जहां नाक है वहाँ सोना नहीं और जहां सोना है वहाँ नाक नहीं'। यही दृश्य है रामपुर बरेली के विश्व प्रसिद्ध बांस का, यहां बांस का उत्पादन तो बड़े पैमाने पर होता है पर इस स्थान के लोग इसका उपयोग इतने बड़े स्तर तक नहीं कर पा रहे हैं।

प्रकृति के दोहन को कम करने के लिए लोग आज प्रयास कर रहे हैं कि वे जिस वस्तु का उत्पादन करें या जिस घर में रहें वह प्रकृति के अनुकूल हो। इसमें अपने प्रत्येक भाग की उपयोगिता के कारण बांस सबसे ज्यादा सहायक सिद्ध हो रहा है। इसकी लगभग 1500 प्रजाति विलुप्त होने के पश्चात भी आज विश्व में बांस की अनेक प्रजातियां उपलब्ध हैं। यह अन्य वृक्षों की तुलना में सबसे तीव्र विकास करता है तथा ऑक्सीजन का 35% भाग उत्पादित करता है।

असम, आंध्र प्रदेश जैसे राज्य बांस के माध्यम से आधुनिक घरों का निर्माण करने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, खास करके जापान जैसे देशों में, इस प्रकार के घर बनाने को बढ़ावा दिया जा रहा है, क्योंकि यह पर्यावरण के पूर्णतः अनुकूल तथा भूकंपीय क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से भी सहायक सिद्ध होता है। बरेली शायद अभी भी इस क्षेत्र में पीछे है हालांकि यहां के लोग बांस के माध्यम से पतंग बनाने, घर की सज्जा सामग्री बनाने आदि का कार्य कर रहे हैं। प्रस्तुत वीडियो में बरेली में किये जाने वाले बांस के इस कार्य को दर्शाया गया है:


पटना की शगुन सिंह ने उत्तराखण्ड की पहाड़ियों से लगभग 25 किमी दूर वातावरण के अनुकूल बांस और मिट्टी के घर बनाए जो आज प्रमुख पर्यटन स्थल भी बने हुए हैं। साथ ही ये लोगों को इसका प्रशिक्षण भी देती हैं।

इस प्रकार बांस को बिना प्रकृति को नुकसान पहुंचाए, आय के एक अच्छे विकल्प के रूप में चुना जा सकता है। यह अपनी खूबसूरती के कारण प्रकृति को भी एक मनमोहक दृश्य प्रदान कर रहा है।

संदर्भ:
1. http://www.bamboohouseindia.org/why-bamboo-houses/
2. https://www.greenbiz.com/news/2009/07/09/growing-future-bamboo-products
3. https://www.youtube.com/watch?v=hY1P9z-YxhY
4. https://eshe.in/2018/07/10/shagun-singh-geeli-mitti/amp/

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