90 वर्षों के इतिहास को समेटे हुए है हमारा मेरठ शहर, आप पूछेंगे भला कैसे? आईए हम आपको बताते हैं मेरठ के प्रमुख ब्रिटिश काल में निर्मित सुचारू रुप से चलने वाली सिंचाई प्रणालीयों के बारे में जो आज भी यहां के बिजली उत्पादन और कृषि समृद्धि के मुख्य स्रोत हैं। इसमें से प्रमुख है, भोला की झाल।
यह एक महत्वपूर्ण बांध है जो मेरठ के भोला गांव में स्थित है। इसके द्वारा यहां के अधिकांश क्षेत्र को बिजली मिलती है तथा ये गंगाजल और सिंचाई परियोजनाओं का पर्याय भी हैं। बांध के आसपास के क्षेत्रों को शहर के प्रमुख पिकनिक (Picnic) स्थलों में भी गिना जाता है। शहर की भागदौड़ भरी ज़िंदगी से राहत प्राप्त करने के लिये बड़ी संख्या में पर्यटक और स्थानीय लोग प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण वातावरण से मोहित होकर यहां आते हैं। इसका निर्माण 1930 के दशक में ब्रिटिश काल के दौरान हुआ था। भोला में 7 स्वीडिश मशीनों में से 2 आज भी काम कर रही हैं, भले ही वे 90 वर्ष पुरानी हों। यह 640 किलोवाट बिजली उत्पन्न करता है। बांध से मेरठ को पीने के पानी की आपूर्ति सहित कई नहरों का उत्सर्जन भी होता है।
इसी समय 1854 में हरिद्वार में गंगा नहर का निर्माण शुरू हुआ। यह मेरठ की ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजनाओं में से एक है और यही वजह है कि भारत में इंजीनियरों की कमी के चलते अंग्रेजों ने हरिद्वार से कम दूरी पर स्थित रुड़की में भारत के पहले इंजीनियरिंग कॉलेज को स्थापित किया।
गंगा नहर, एक नहर प्रणाली है जिसका उपयोग गंगा नदी और यमुना नदी के बीच के दोआब क्षेत्र की सिंचाई के लिए किया जाता है और साथ ही कुछ हिस्सों में इसका इस्तेमाल मुख्यतः नौवहन हेतु भी किया जाता है। इस प्रणाली में 272 मील और लगभग 4,000 मील लंबी वितरण चैनलों की मुख्य नहर शामिल हैं। इस नहर प्रणाली से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के दस जिलों की लगभग 9000 किमी उपजाऊ कृषि भूमि सींची जाती है। नहर पर कुछ छोटे जलविद्युत संयंत्र हैं, जो कि अपनी पूर्ण क्षमता पर चलने से 33 मेगा वाट बिजली उत्पन्न करने में सक्षम हैं। ये निर्गाजिनी, चित्तौड़ा, सलावा, भोला, जानी, जौली और डासना में हैं। नहर की कुछ शाखाओं के साथ हरिद्वार से अलीगढ़ तक ऊपरी गंगा नहर, और अलीगढ़ से नीचे की शाखाओं को निचली गंगा नहर में विभाजित किया जाता है।
संदर्भ:
1.https://www.atlasobscura.com/articles/160yearold-ganges-canal-superpassages-are-an-engineering-marvel
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Ganges_Canal
3.http://idup.gov.in/post/en/ce-ii-ganga-meerut-about
4.https://www.hindi.nyoooz.com/news/meerut/-this-is-such-a-picnic-spot-that-gives-electricity-to-the-city-and-water-too_128064/
5.https://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/Ganga-water-supply-may-be-delayed/articleshow/48820771.cms
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.