दीर्घकालीन गृह ऋण का कैसे करें संचालन?

मेरठ

 08-08-2018 12:04 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

आज के समय में लगभग सभी बैंक एक आम नागरिक की मूलभूत आवश्यकता “मकान” को पूर्ण करने के लिए गृह ऋण की अच्छी 'स्कीम्स' (schemes) अथवा योजनाएं प्रदान करते है। गृह ऋण योजना के अंतर्गत ऋण धारक को एक निश्चित समयावधि के बाद एक पूर्वनिर्धारित आंशिक राशि (क़िस्त या EMI) बैंक को चुकानी पड़ती है।

मुद्रास्फीति या मंदी के दौर में जब मुद्रा का अवमूल्यन होता है, तो इसका प्रत्यक्ष प्रभाव मुद्रा के लेन-देन पर पड़ता है अर्थात बैंक की ब्याज दर पर भी पड़ता है। इस स्थिति में केंद्रीय बैंक (भारतीय रिज़र्व बैंक) रेपो रेट बड़ा देता है। अब प्रश्न उठता है कि यह रेपो रेट है क्या और यह गृह ऋण तथा ऋण धारक को किस प्रकार प्रभावित करता है।

“रेपो रेट” (Repo Rate) वह दर है जिस दर पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण देता है। रेपो दर के बढ़ने से बैंक, केंद्रीय बैंक को ब्याज की अधिक राशि अदा करने के लिए बाध्य हो जाते हैं। परिणामस्वरूप वाणिज्यिक बैंक गृह ऋण की ब्याज दर में भी वृद्धि कर देते हैं, जिसका सीधा प्रभाव ऋण धारक की क़िस्त चुकाने की क्षमता पर पड़ता है।

आज के समय में जब महंगाई की मार देश भर में व्याप्त है, दीर्घकालीन अवधि तक गृह ऋण के बोझ तले जीवनयापन करना “नाकों तले चने चबाने से काम नहीं है” इस समस्या से बचने के लिए लिए हमें निम्न बातों पर ध्यान देना होगा।

व्यक्ति को ऋण लेने से पूर्व ही अपनी नियमित आय का कुछ भाग पूँजी निवेश में लगाना चाहिए, ताकि वह ऋण का भार वहन कर सके। इससे एक निश्चित अवधि के बाद निवेश के अच्छे रिटर्न्स (returns) प्राप्त हो सकते हैं और ऋण का बोझ भी कम किया जा सकता है, इसके लिए आवश्यक है की आप अपने वित्तीय सलाहकार से राय लें और अपनी क्षमता के अनुसार निवेश का उचित विकल्प चुनें।

निवेश के अन्य विकल्प जैसे सावधि जमा, आवर्ती जमा तथा म्यूच्यूअल फंड्स (mutual funds) का चुनाव भी कर सकते हैं। यह विकल्प आपके ऋण को समय से पूर्व ही भुगतान करने में मदद करेगा। आप कोई भी नीति अपनाए किंतु यह सुनिश्चित कर लें की वह आपके पोर्टफोलियो (portfolio) के अनुरूप हो ताकि ऋण का लाभ अर्जित करने के लिए आपको अतिरिक्त ऋण का भार न उठाना पड़े।

संदर्भ:
1.चित्र: Designed by Freepik
2.http://www.forbesindia.com/blog/finance/how-to-deal-with-a-rise-in-home-loan-interest-rates/
3.https://www.quora.com/What-are-the-different-types-of-home-loans-in-India
4.https://economictimes.indiatimes.com/wealth/personal-finance-news/home-loans-set-to-get-costlier-as-rbi-hikes-repo-rate/articleshow/65212959.cms
5.https://www.quora.com/Why-does-the-RBI-increase-the-repo-rate-during-inflation-and-decrease-it-during-deflation

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