सरकारी तंत्र का कार्य करने का तरीका क्या है और क्या ये बस नेताओं पर ही आधारित है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिन पर गौर किया जाना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। सरकारी तंत्र को दो प्रमुख भागों में बाँटा जा सकता है 1- राजनीति, 2- अधिकारीतंत्र।
राजनीति तंत्र विभिन्न मंत्रिमंडलों पर आधारित होता है जैसे कि स्वास्थ्य मंत्रालय, मानव संसाधन आदि। परन्तु इन्हीं के साथ एक और तंत्र चलता है जिसमें आई.ए.एस. के कर्मचारी कार्यरत होते हैं। यह तंत्र होता है अधिकारीतंत्र। यह तंत्र ब्रिटिश काल के समय से ही चलायमान है। चित्र में पंजाब के अधिकारी तंत्र को दिखाया गया है जो कि ब्रिटिशों द्वारा बनाया गया था। आज भी यह तंत्र बहुत कुछ उसी आधार पर कार्य कर रहा है।
उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं। प्रत्येक जिले में एक जिला मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जाता है। प्रत्येक जिला मजिस्ट्रेट एक खंड कमिश्नर की निगरानी में कार्य करता है। जिला मजिस्ट्रेट प्रत्येक कार्य के लिये खंड कमिश्नर से सम्पर्क करता है तथा खंड कमिश्नर एक चीफ सेक्रेटरी (जो कि पूरे प्रदेश में मात्र एक होता है) की निगरानी में कार्य करता है। इस प्रकार से अधिकारी तंत्र की संरचना होती है। चीफ सिक्रेटरी मुख्यमंत्री की निगरानी में कार्य करता है तथा वह वहीं से ही अन्य नये कार्यों का ब्योरा भी पाता है।
दिये गये चित्र में अधिकारी तंत्र को वृहद् रूप से प्रस्तुत किया गया है। जिले में होने वाली किसी भी प्रकार की घटना या कार्य के लिये सम्पर्क बिंदु के रूप में एक जिलाधिकारी होता है जिससे, पुलिस के अलावा, प्रथम सम्पर्क किया जा सकता है।
1.https://en.wikipedia.org/wiki/District_Collector_(India)
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Government_of_India
3.https://www.quora.com/Administrative-hierarchy-at-district-level-in-india
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.