किसी भी राष्ट्र के उन्नत भविष्य के लिए बहुत ज़रूरी है कि उस देश का युवा अच्छे तरीके से शिक्षित हो। बात करें भारत की तो हमारे देश का कितना युवा शिक्षित है ये तो सर्वेक्षण और आंकड़ों के ज़रिये पता लगाया जा सकता है, परन्तु ये कैसे पता लगाया जाए कि वह शिक्षा युवा तक सही तरीके से पहुंचाई जा रही है या नहीं?
इस बात की पुष्टि करने का भी एक माप है कि आखिर विद्यालय सही स्तर की शिक्षा विद्यार्थियों को दे पा रहे हैं या नहीं। इसके लिए विद्यालयों में समय-समय पर मुआयने किये जाते हैं तथा इनकी कमियों को जाना जाता है। विद्यालयों के विभिन्न पहलुओं को जांचा जाता है, जैसे शिक्षा का स्तर, विद्यालय की ईमारत की आधारिक संरचना, शिक्षण कर्मचारियों की उपलब्धता, छात्रों का नामांकन आदि।
आज मेरठ जिले में कम से कम 402 सरकारी विद्यालय हैं। अगले महीने मेरठ के सरकारी विद्यालयों में भी ये निरीक्षण होने वाला है। तीन सदस्यों का एक पैनल (जिसमें 3 प्रधानाध्यापक होंगे) इन विद्यालयों को सभी मायने में परखेंगे। इससे हर विद्यालय की कमी और गुणों के बारे में पता चल पाएगा। इन 402 विद्यालयों में करीब 2।2 लाख विद्यार्थियों का नामांकन है। इससे पहले प्रारंग ने आपको उत्तर प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में कर्मचारियों की कमी के बारे में बताया था (http://meerut.prarang.in/1805051261)।
इस निरीक्षण के बारे में विद्यालयों को करीब एक हफ्ते पहले सूचित कर दिया जाता है ताकि वे सभी दस्तावेज़ों के साथ तैयार हो सकें। कई लोग सोचेंगे कि अचानक से निरीक्षण के बारे में बताने से सच्चाई बाहर आएगी। परन्तु यह समझने वाली बात है कि इस निरीक्षण का उद्देश्य किसी को नीचा दिखाना नहीं है बल्कि विद्यालयों द्वारा झेली जाने वाली दिक्कतों को जानना और उसके लिए उपाय खोजना है। इसलिए इस मामले में विद्यालयों का पूर्ण रूप से इमानदार रहना ही सबके लिए मददगार साबित होता है।
यदि इन निरीक्षणों को गंभीर तरीके से तथा मन में अच्छा भाव लेकर किया जाए तो भारत के भविष्य को और उन्नत होने से कोई नहीं रोक सकता। आखिर पढ़ेगा इंडिया, तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया।
संदर्भ:
1.https://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/panel-to-conduct-inspections-in-meerut-govt-schools/articleshow/64861047.cms
2.https://ccs.in/internship_papers/2012/276_school-inspection-system_aleesha-mary-joseph.pdf
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