हज़ार साल पहले गए थे बंजारे भारत से यूरोप साथ लेकर अपनी भाषा

मेरठ

 07-07-2018 01:36 PM
ध्वनि 2- भाषायें

यूरोप में रहने वाले जिप्सी (Gypsy) भारत से ही विस्थापित हुए थे। यह एक समूह था जो कि बंजारों की तरह सभी स्थानों पर घूमा करता था। करतब दिखाना, नृत्य गान आदि करना बंजारों का प्रमुख कार्य हुआ करता था। आज भी भारत में और यूरोप में पाए जाने वाले बंजारों का प्रमुख कार्य यही है। जब बंजारे भारत से यूरोप आदि देशों में विस्थापित हुए तब वे अपने साथ यहाँ की भाषा भी ले गए। बंजारों की भाषा ‘रोमा’ नाम से जानी जाती है। इस भाषा को आज भी बंजारे बड़े पैमाने पर बोलते हैं हालांकि वर्तमान के युवा इस भाषा के प्रयोग को छोड़ रहे हैं। लगभग 1 हज़ार वर्ष पहले ये बंजारों का समूह यूरोप में आया था पर आज भी हम भारतीय भाषा को इनकी भाषा में पाते हैं जिनमें हिंदी, राजस्थानी आदि भाषाओं का समागम है। यह दुर्भाग्य ही है कि इनकी भाषा पर ज़्यादा शोध नहीं किया जा सका है अन्यथा रोमा भाषा में हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं के प्रयोग को ठीक से समझा जा सकता था। भारत से बंजारे किस प्रकार यूरोप गए थे, इसे नीचे दिए गए नक्शे के माध्यम से दर्शाया गया है।



जैसे कि पंजाबी में नमक को ‘लून’ कहा जाता है और रोमा भाषा में भी नमक को ‘लून’ ही कहा जाता है। हिंदी में ‘चोर’ शब्द का प्रयोग किया जाता है और वहीं पर रोमा में भी चोर के लिए ‘चोर’ शब्द का ही प्रयोग किया जाता है। संस्कृत का ‘शरद’ शब्द जो कि ऋतु से जुड़ा हुआ है, का प्रयोग भी रोमा में ‘शरद’ किया जाता है तथा उनके एक त्यौहार का नाम भी शरद है। ‘देवल’ शब्द रोमा में देव या भगवान को प्रदर्शित करता है। यदि किसी ने कहा कि ‘मैं तुम्हारे साथ चलूँगा’ तो इसको रोमा में ‘जाव तुमेसा’ कहा जाता है जो कि हिंदी से अत्यंत लगा हुआ शब्द है। रोमा में यदि गिनती को देखें तो यह इस प्रकार से होती है- येक (1), दुय (2), त्रिन (3), श्तार (4), पंज (5), शोव (6), येफ्ता (7), ओख्तो (8), इन्या (9), देश (10) आदि तथा 20 को ‘बीष’ नाम से बुलाया जाता है। इस प्रकार से हम देख सकते हैं कि इसमें हिंदी और फारसी शब्दों को प्रयोग किया गया है। अतः हम इस नतीजे पर पहुँच सकते हैं कि रोमा भाषा में हिंदी और भारतीय भाषाओँ का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया गया है। इन शब्दों के अलावा इस भाषा में कई मुहावरों का भी प्रयोग है जो कि भारतीय भाषाओँ से जुड़ा हुआ है।

‘अमारो बारो देम’ रोमा भाषा में एक बहुत प्रसिद्ध कथन है जिसका अर्थ है ‘हमारी बड़ी भूमि’, राजस्थानी में अमारो बारो शब्द का प्रयोग हमें देखने को मिलता है।

‘आप सीधे नहीं चल सकते जब सड़क झुकी हो’ (रोमा- नश्ती ज़्हस वोरता पो द्रोम ओ बांगो) जिप्सी जिस राह से भी जाते हैं वहां पर वे एक निशान छोड़ते हैं पत्तियों और 7 पत्थरों का उपयोग कर के। यह अभी भी ‘पत्रन’ के नाम से जाना जाता है और पत्र शब्द हिंदी में पत्ते को प्रदर्शित करता है।

‘आशेन देवलेसा रोमाले’ अर्थात आप भगवान के साथ रह सकते हैं आशेन और देव शब्द हिंदी के शब्दों की तरफ ध्यान आकर्षित करते हैं।

इस प्रकार से रोमा भाषा में कई मुहावरे और लोकोक्तियाँ भी हैं जो कि भारतीय भाषाओं को अपने में छिपाए हुए हैं। इन भाषाओं के अध्ययन से विश्व भर में भाषायिक फैलाव को देखा जा सकता है और रोमा भाषा के आविष्कार को भी देखा जा सकता है।

संदर्भ:

1.https://www.facebook.com/ratnesh.mathur/media_set?set=a.10151063288771239.433395.610321238&type=3
2.https://forum.wordreference.com/threads/romani-gypsy-comparison-with-indian-languages.320820/
3. http://romove.radio.cz/en/clanek/18659

RECENT POST

  • आइए जानें, देवउठनी एकादशी के अवसर पर, दिल्ली में 50000 शादियां क्यों हुईं
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:23 AM


  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id