कैसे एकजुट लाते हैं दलाई लामा भिन्न बौद्ध परम्पराओं को

मेरठ

 06-07-2018 03:18 PM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

बौद्ध धर्म की तीन परम्पराएं हैं: महायान, हीनयान (थेरवाद) और वज्रयान परन्तु दलाई लामा की उपाधि केवल एक ही व्यक्ति को दी जाती है। आज जो परम पावन दलाई लामा हमारे बीच मौजूद हैं वे अभी तक के 14वें दलाई लामा हैं और आज के दिन 6 जुलाई 2018 को उनका 83वां जन्मदिवस है। तो आज जानते हैं कि किस प्रकार दलाई लामा बौद्ध धर्म की किसी एक परम्परा को बढ़ावा देने के बजाय तीनों परम्पराओं को एक जुट करने का कार्य करते हैं।

14वें दलाई लामा ने अपनी किताब ‘दी हार्ट सूत्र’ में निम्न उल्लेख किया है:

“यह समझना बेहद ज़रूरी है कि पाली ग्रंथों में सन्निहित थेरवाद परंपरा की मूल शिक्षाएं बुद्ध द्वारा दी गयी शिक्षाओं की नींव हैं। इन शिक्षाओं से शुरू करके एक व्यक्ति संस्कृत महायान परंपरा में दिए गए विस्तृत स्पष्टीकरण की अंतर्दृष्टि पा सकता है। अंत में, वज्रयान ग्रंथों से तकनीकों और दृष्टिकोणों को एकीकृत करने से उस व्यक्ति की समझ में वृद्धि हो सकती है। परन्तु पाली ग्रंथों में दी गयी मूल शिक्षा में एक नींव के बिना खुद को महायान परंपरा का अनुयायी बताना व्यर्थ है। यदि किसी के पास विभिन्न ग्रंथों और उनकी व्याख्याओं की इस तरह की गहरी समझ है, तो ‘छोटे’ वाहन (हिनायन) बनाम ‘बड़े’ के बीच विवाद के विचारों से बचा जा सकता है। यदि महायान के कुछ अनुयायियों में यह मानना है कि थेरवाद की शिक्षाएं एक छोटे वाहन की शिक्षाएं हैं जो उनके लायक नहीं हैं और इसके चलते उनमें थेरवाद की शिक्षाओं को अपमानित करने की प्रवृत्ति है तो यह अत्यंत खेदजनक है। इसी प्रकार पाली पारम्परा के अनुयायी भी कभी-कभी महायान की शिक्षाओं की वैधता को अस्वीकार करने की प्रवृत्ति रखते हैं और दावा करते हैं कि ये वास्तव में बुद्ध की शिक्षा नहीं हैं।

यह समझना ज़रूरी है कि किस प्रकार ये परम्पराएं एक दूसरे की पूरक हैं और साथ ही साथ यह भी कि हम सभी इन सभी मूल शिक्षाओं को हमारे व्यक्तिगत अभ्यास में एकीकृत कर सकते हैं।”

थेरवाद एक वंशावली है। महायान एक आन्दोलन है। वज्रयान तांत्रिक प्रथाएं हैं। असल में वज्रयान और महायान ‘वाहन’ हैं और ‘महा’ अर्थात बड़ा तथा ‘वज्र’ अर्थात बिजली। वज्रयान के कई अनुयायी खुद को महायान के अनुयायी भी मानते हैं।

* थेरवाद का अर्थ है ‘बुजुर्गों द्वारा दी गयी शिक्षा’ और इसकी जड़ें श्री लंका में हैं जहाँ यह 12वीं शताब्दी में अपने आधुनिक रूप में विकसित हुआ और पूरे दक्षिणपूर्व एशिया में फैला। इसका मुख्य ग्रन्थ पाली भाषा में लिखा गया है (एक प्राचीन भारतीय भाषा या प्राकृत)। मुख्य सैद्धांतिक पाठ विशुद्धिमग्ग या ‘शुद्धिकरण का पथ’ है, और मुख्य रूप बुद्धघोष हैं। यह तपस्विन (नन) की वंशावली खो गया, और केवल आधुनिक समय में इसे पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है।

* महायान की शुरुआत बुद्ध के एक या दो शताब्दी के बाद होनी शुरू हुई लेकिन निश्चित रूप से पहली शताब्दी में हो चुकी थी। इसका मूल ज़्यादातर उत्तरी भारत है, जो अब शायद पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तारित हो चुका है। ग्रंथों को संस्कृत, गंधारण और कुछ अन्य भाषाओं में लिखा गया था और फिर चीनी और तिब्बती भाषाओं में अनुवादित भी किया गया था। निम्नलिखित अवधारणाओं को महायान माना जाता है: बोधिसत्व मार्ग, माध्यमिका दर्शन, योगकार विद्या, और बुद्ध प्रकृति का विचार। पूर्वी एशियाई (चीनी, जापानी, कोरियाई, वियतनामी) और तिब्बती परंपराएं स्वयं को महायान मानती हैं।

* वज्रयान कुछ सदियों बाद उभरा, ज़्यादातर उत्तरी भारत में तांत्रिक प्रथाओं के चलते। कई तिब्बती परंपराएं वज्रयान हैं, साथ ही साथ कुछ गुप्त एशियाई परंपराएं भी।

संदर्भ:
1.https://www.quora.com/What-are-the-main-differences-between-the-3-major-schools-of-Buddhism-Theravada-Mahayana-and-Vajrayana-What-is-the-brief-history-of-their-development
2.http://viewonbuddhism.org/vehicles.html

RECENT POST

  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • vfrnhh
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 12:41 PM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM


  • मेरठ क्षेत्र में किसानों की सेवा करती हैं, ऊपरी गंगा व पूर्वी यमुना नहरें
    नदियाँ

     18-12-2024 09:26 AM


  • विभिन्न पक्षी प्रजातियों के लिए, एक महत्वपूर्ण आवास है हस्तिनापुर अभयारण्य की आर्द्रभूमि
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:29 AM


  • डीज़ल जनरेटरों के उपयोग पर, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के क्या हैं नए दिशानिर्देश ?
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:33 AM


  • आइए देखें, लैटिन अमेरिकी क्रिसमस गीतों से संबंधित कुछ चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:46 AM


  • राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर जानिए, बिजली बचाने के कारगर उपायों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:30 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id