28 जून, 2018 को मेरठ में बाइक टैक्सी सेवा का शुभ आरंभ हुआ है। जल्द ही शहर की सड़कों पर यह सुविधा उपलब्ध होगी। यह मेरठ शहर में पहली ऐसी पहल है। मेरठ परिवहन कार्यालय के अधिकारियों ने 55 बाइक टैक्सियों को परमिट दिया, जो स्थानीय लोगों की यात्रा को आरामदेह बना सकता है। इस सुविधा का लाभ पाने के लिए एक एप्प (App) बनाया गया है। यह सुविधा ऑनलाइन (Online) के साथ-साथ ऑफलाइन (Offline) भी उपलब्ध है। बाइक टैक्सियों के लिए शुल्क 5 रूपये प्रति किलोमीटर है और सेवा का लक्ष्य अंतिम मिनट कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
इस योजना में मेरठ और बागपत जिले शामिल हैं। इस सेवा का लाभ गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) पर ‘BikeBot’ नाम की एप्प डॉउनलोड करके उठाया जा सकता है। इसके अलावा ग्राहक सीधे ड्राइवर के पास पहुंचकर भी बाइक सेवा बुक कर सकता है। ऑनलाइन सुविधा का लाभ उठाने के लिए ग्राहक को बुकिंग राशि के रूप में 10 रूपये का भुगतान करना होगा। बाइक ड्राइवर की एक तय वर्दी होगी। इसके अलावा, बाइक ड्राइवर के पास दो हेलमेट होंगे, एक स्वयं के लिए और दूसरा ग्राहक के लिए।
भारत में कई शहरों में कुछ कंपनियां बाइक टैक्सी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, बेंगलूरू, हरियाणा, गोवा, अहमदाबाद, हैदराबाद, तेलंगाना और राजस्थान शामिल हैं। केन्द्र सरकार द्वारा दुपहिया वाहनों को कानूनी और व्यावसायिक वाहनों के रूप में अनुमति देने के साथ ही 8 राज्यों ने इस नियम को पहले ही वैध बना दिया है। इसके कारण कंपनियों के लिए लोगों को आसान और आरामदायक यात्रा प्रदान करने के लिए एक कामकाजी ढांचा तैयार करना आसान हो गया है।
विश्व के दुसरे हिस्सों जैसे थाईलैंड में मोटरसाईकिल टैक्सी, बैंकाक और अधिकांश अन्य शहरों, कस्बों और गांवों में सार्वजनिक परिवहन का एक आम रूप है। यहां पर स्थानीय लोगों द्वारा मोटरसाईकिल टैक्सी का उपयोग अधिकतर छोटी यात्रा के लिए किया जाता है, जब उन्हें कहीं तेजी से जाना पड़ता है क्योंकि मीटर-टैक्सी-कैब न केवल महंगी होती हैं, बल्कि मोटरसाईकिल टैक्सी के मुकाबले धीमी गति से चलती हैं। जिस कारण बैंकाक में मोटरसाईकिल टैक्सी ड्राइवरों ने तेज गति से अपनी सेवा प्रदान करने में अपनी प्रतिष्ठा बनाई है और जितना जल्दी हो सके हिलते-डुलते ट्रैफिक से यात्री को निकालने में कामयाबी हासिल की है।
बइक टैक्सी, इंडोनेशिया और थाईलैंड में लोकप्रिय है, लेकिन भारत में यह चुनौती बाइक टैक्सियों के लिए मुश्किल लगती है। भारत में केवल कुछ राज्यों ने ही व्यावसायिक बाइक टैक्सी को मान्यता प्रदान की है। नियमों पर स्पष्टता की कमी इन विफलताओं का एकमात्र कारण नहीं है, बल्कि मध्यम वित्त पोषित स्थानीय खिलाड़ी उबर और ओला जैसे खिलाड़ियों द्वारा ग्राहकों और ड्राइवरों को अपनी ओर आकर्षित करने में असमर्थ हैं। इसके अलावा बाजार खुद तेजी से बढ़ता प्रतीत नहीं होता है। शायद यही वजह है कि उबर और ओला भी बाइक टैक्सी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। अब यह देखने योग्य होगा कि मेरठवासी इस नयी सुविधा को पसंद करेंगे या कुछ समय में ठुकरा देंगे।
1.https://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/vroom-in-its-first-meerut-gets-bike-taxis-for-last-mile-connectivity/articleshow/64775036.cms
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Motorcycle_taxi
3.https://timesofindia.indiatimes.com/trend-tracking/most-bike-taxi-ventures-shut-operations/articleshow/57786171.cms
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.