मिटृटी की बिगड़ती हालत एक चिन्ताजनक विषय है मेरठ जैसे कृषि आधारित शहर में। न केवल जैविक नजरिए से बल्कि पोषक तत्त्व असंतुलन के कारण भी। सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी का प्रभाव आज कृषि उत्पाद में भी नजर आने लगा है। खेती में रासायनिक उर्वरक के अत्यधिक उपयोग के कारण उपजाऊ मिट्टी की उत्पादन क्षमता में भारी मात्रा में कमी आई है। जिसका सीधा असर मनुष्य के स्वास्थ्य पर पड़ा है।
आज के दौर में हम गाय के गोबर का एक बड़ा हिस्सा जलाकर ऊर्जा के रूप में उपयोग कर रहे हैं, न कि खेत में जैविक खाद के रूप में।
आइये जानते हैं मेरठ की मिट्टी के बारे में कि कौन-सी मिट्टी मेरठ के किस शहर में मिलती है।
1. जलोढ़ या चिकनी बलुई - मवाना, परीक्षितगढ़, मछरा, खरखोड़ा, राजपुर, मेरठ, दुआरल्ला, सरधना, सरूरपुर, रोहता।
2. उपजाऊ दोमट मिट्टी - हस्तिनापुर, परीक्षितगढ़।
3. दोमट मिट्टी - हस्तिनापुर, परीक्षितगढ़।
4. भृत्तिका या चिकनी मिट्टी - हस्तिनापुर, परीक्षितगढ़।
5. रेशमी मिट्टी - हस्तिनापुर, परीक्षितगढ़
हम प्रयास करें कि रासायनिक खादों के स्थान पर हम जैविक या प्राकृतिक खाद का ही प्रयोग करें और अपनी भूमि की उर्वर शक्ति को बनाए रखें। इससे हमारी ज़मीन और साथ ही साथ हमारा भी स्वास्थ्य सदा आनंदित रहेगा।
संदर्भ:
1. http://meerut.nic.in/others/presurvey_report.pdf
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