मेरठ गन्ना उत्पादन में भारत के उन गिने चुने जिलों में से है जो सबसे ज्यादा गन्ना उत्पादन करते हैं। मेरठ मात्र गन्ना उत्पादन में ही नहीं बल्कि यह अपनी शक्कर की मिलों के लिए भी जाना जाता है। मेरठ में प्रति हेक्टेयर 708 क्विंटल गन्ने का उत्पाद होता है। मेरठ में कुल 1,28,541 हेक्टयेर की जमीन पर गन्ना बोया जाता है जो कि यहाँ बोयी जाने वाली अन्य फसलों से कहीं ज्यादा है। यदि हम देखें तो अधिकांश अपराधों का आधार आर्थिक होता है। अक्सर यही होता है कि धर्म, जाति और राजनीति की एक परत वास्तविक मुद्दों को बड़ी आसानी से छुपा लेती है। मेरठ एक अत्यंत संपन्न जिला होने के बावजूद भी भारत के 700 जिलों में से दूसरी सबसे खराब अपराध दर के साथ खड़ा है। यहाँ पर यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि समस्त बिन्दुओं का अध्ययन किया जाए।
मेरठ जिला विभिन्न गिरोहों द्वारा लंबे समय से प्रभावित है। यहाँ पर "गन्ना" उद्योग पर नियंत्रण के लिए इन विभिन्न गिरोहों में विभिन्न लड़ाइयाँ होती रहती हैं। यहाँ का यह मामला ऐतिहासिक है। जब हम नॉएडा, गाजियाबाद से मेरठ की तरफ बढ़ते हैं तो पाते हैं कि कई एकड़ की जमीन पर गन्ना बोया जाता है। यह भी महत्वपूर्ण बिंदु है कि इसी कारण उत्तर भारत को सम्पूर्ण भारत का शक्कर क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। 1900 के दशक में इस क्षेत्र में 50 से अधिक शक्कर के कारखाने थे। शुरूआती समय में ये सारी शक्कर मिलें अमीर लोगों को संविदा पर चलाने के लिए दी जाती थी तथा यहाँ पर ठेकेदारी व्यवस्था पर कार्य किया जाता था। विभिन्न ठेकेदारों ने बल का प्रयोग कर के मिलों पर अपना कब्ज़ा बनाये रखा जिससे इनके मध्य बड़ी लड़ाइयाँ हुईं।
यह भी सत्य है कि यहाँ के लोग अत्यंत विद्रोही किस्म के लोग हैं। 1857 की क्रांति के दौरान भी यदि देखा जाए तो यहाँ के लोग ही ज्यादातर सिपाही थे और उन्होंने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध क्रांति की थी। यहाँ के लोगों को यदि जरा सा भी लगता है कि उनके साथ कोई ज्यादती कर दी गयी है तो वे चुनौती देने को तत्पर हो जाते हैं। इस प्रकार से लोग हथियार उठा लेते हैं और कानून को तोड़ते हुए वे आगे निकल जाते हैं। वे सब कानूनन अपराधी हो जाते हैं। मेरठ के कैराना निर्वाचन क्षेत्र में छह चीनी मिले हैं: चार निजी और दो सहकारी। यहाँ पर गत कुछ दिन पहले ही गन्ना और शक्कर मिलों के कारण ही शासन में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। यहाँ पर अपराध अपने चरम पर है। इस प्रकार से हम यह भी देख सकते हैं कि गन्ने और शक्कर के मिल पर बनायी जाने वाली दावेदारी यहाँ पर अपराध की प्रमुख जड़ों में से एक है।
1.https://www.hindustantimes.com/india-news/how-turf-wars-over-sugarcane-factories-started-a-circle-of-crime-in-badlands-of-western-up/story-oRhZASgv15LC1pyQh983yO.html
2.http://indianexpress.com/article/india/ganna-trumps-jinnah-in-kairana-bypoll-when-sugarcane-arrears-pile-up-5184737/
3.http://prarang.in/Meerut-Hindi/Flora/_By_Habitat
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