मेरठ मात्र अपने विभिन्न उद्योगों के लिए ही नहीं बल्कि अपने वृक्षों के लिये भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक समय में मेरठ एक गहन जंगल हुआ करता था लेकिन नगरी करण के कारण यहाँ के जंगल और जानवर ख़त्म हो गए। यहाँ का हस्तिनापुर हाथियों से कभी गुलजार हुआ करता था परंतु आज पूरे जिले में कुछ गिने चुने हाथी ही बचे हुए हैं। यदि मेरठ के परिपेक्ष्य में ध्यान दिया जाए तो पता चलता है कि यहाँ पर कुल 21,314 हेक्टेयर जंगल क्षेत्र है। मेरठ की उर्वर भूमि में विविध प्रकार के पेड़ पौधे उपजते हैं। मेरठ में किये गए एक अन्वेषण के अनुसार मेरठ में कुल 101 से ज्यादा जातियों के पेड़ उपलब्ध हैं। इन पेड़ों की नस्लों में से कुछ के सिर्फ 1 या दो पेड़ ही बचे हैं और विलुप्त होने के मार्ग पर हैं, जैसे बहेड़ा, निर्गुंडी, रक्तचंदन, हरिनहर्रा, रेशम रुई का पेड़ आदि।
पेड़ों ने पर्यावरण में अमूल्य योगदान दिया है। हवा की गुणवत्ता, जलवायु सुधार, जल का शुद्धीकरण, जल संरक्षण, मिट्टी का संरक्षण, और वन्य जीवन का समर्थन करना आदि। वृक्ष हवा को भी सन्तुलित करते हैं तथा तापमान और गर्मी की तीव्रता को कम करने का भी कार्य करते हैं। पेड़ों का महत्त्व पारिस्थितिक, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से असाधारण है। पृथ्वी के स्थलीय जैव विविधता के कम से कम (मिलेनियम पारिस्थितिकी तंत्र आकलन, 2005), 80% उभयचर, 75% पक्षी और 68% स्तनपायी प्रजातियों (2009) का समर्थन करने में पेड़ और वन पारिस्थितिक तंत्र एक व्यापक श्रेणी प्रदान करते हैं। वृक्षों के ज्यादा होने से ही किसी एक शहर की पारिस्थितिकी को सुधारा जा सकता है। जैसा कि हम जानते हैं आज मेरठ में वातावरण अत्यंत दूषित हो रहा है, ऐसे में पेड़ ही एक ऐसे विकल्प हैं जो कि यहाँ के वातावरण को शुद्ध करने में कारगर सिद्ध हो सकते हैं।
वृक्षों में भी डीएनए (DNA) की उपस्थिति होती है जो कि यह सिद्ध करती है कि पेड़ भी जीवित होते हैं तथा इनका भी एक निश्चित जीवन काल होता है। डीएनए एक वंशानुगत या अनुवांशिक संरचना है जो पेड़ से लेकर जीवों के सभी कोशिकाओं में मौजूद होता है। जिसमें जीवित चीजों की संरचना और कार्य की जानकारी उपलब्ध होती है। पौधे का डीएनए न्यूक्लियस (Nucleus), माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) और क्लोरोप्लास्ट्स (Chloroplasts) की झिल्ली से बंधी कोशिकीय संरचनाओं के भीतर उपस्थित होता है।
1. http://prarang.in/Meerut-Hindi/Flora/Trees,_Shrubs,_Creepers
2. http://prarang.in/Meerut-Hindi/Flora/By_Body
3. http://lifeofplant.blogspot.com/2011/04/dna-in-plants.html
4. https://www.onlinejournal.in/IJIRV2I2/082.pdf
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