वर्तमान काल में हम पृथ्वी के जिस रूप को देखते हैं, यह हमेशा से इस प्रकार से नहीं थी। आग के गोले से होते हुए जीवनदायी गृह बनने के पीछे हजारों करोड़ों साल लगे हैं। पहले पृथ्वी एक बड़े भूखंड में विभाजित थी जो बाद में वर्तमान रूप में आई। मेरठ से मात्र 100 किलोमीटर के अंतराल पर एक महासागर हुआ करता था शायद ही आज इस बात पर कोई भरोसा करे। परन्तु एक ऐसा समय था जब पृथ्वी पर 2 बड़े भूखंडों को छोड़ कर अन्य सभी स्थानों पर जल ही भरा हुआ था तथा वर्तमान के हिमालय के क्षेत्र में भी एक समंदर था जिसका नाम टेथिस समुद्र है। गोंडवाना भूमि के विखंडन के दौरान वर्तमान दुनिया की रूप रेखा का निर्माण हुआ। अब सर्वप्रथम यह जानने की आवश्यकता है कि असलियत में गोंडवाना भूमि है क्या? गोंडवाना असलियत में एक अत्यंत वृहद् भूमि का टुकड़ा था जो कि 250 मिलियन साल पहले पृथ्वी के गर्भ में स्थित विभिन्न प्लेटों के विखंडन से बना था। गोंडवाना में वर्तमान काल के अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, इंडिया, मेडागास्कर, ऑस्ट्रेलिया और न्यू ज़ीलैण्ड के भूमि भाग शामिल थे। ये पेंजिया (Pangaea) नाम से जाने जाते थे। पेंजिया दो विभिन्न भागों में विभाजित था। प्रथम भाग में उपरोक्त दिए गए भूभाग आते हैं और दूसरा भाग जो कि लौरासिया (Laurasia) नाम से जाना जाता है आज के यूरोप, एशिया और नॉर्थ अमेरिका को समाये हुए था। अब यह जानने की आवश्यकता है कि गोंडवाना भूमि का विखंडन किस प्रकार से हुआ? दक्षिणी महाद्वीप के रूप में गोंडवाना भूमि के समय ग्रह आज की तुलना में काफी गर्म था- अंटार्कटिक पर बर्फ की परते नहीं थी और डायनासोर अभी भी पृथ्वी पर घूमते थे। इस समय तक पृथ्वी पर जुरासिक काल था। और अधिकाँश गोंडवाना वर्षावन के रूप में स्थित था। महान महाद्वीप या गोंडवाना भूमि अत्यधिक तनाव में थी तथा लगभग 170 मिलियन और 180 मिलियन वर्ष पहले गोंडवाना भूमि ने अपना खुद का विभाजन शुरू किया।
अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका गोंडवाना के दूसरे भाग से अलग हो गया। लगभग 140 मिलियन साल पहले दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के बीच दक्षिण अटलांटिक महासागर आ गया जिसने इनको दो अलग भूमि खण्डों के रूप में बना दिया। इस बीच महाद्वीप के पूर्वी हिस्से में मेडागास्कर भारत से विखंडित हुआ। इसके प्रमाण आज भी दक्षिण भारत में स्थित लेमर के प्रजाति से हो जाता है। भारत और मेडागास्कर के विखंडन के समय ही ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका भी यहाँ से विखंडित हो गए। ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका लंबे समय तक एक दूसरे से चिपक गए और एक ही भूभाग का निर्माण कर लिया था; वास्तव में अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया ने लगभग 45 मिलियन वर्ष पहले तक अपना अंतिम विभाजन नहीं किया था। उस समय अंटार्कटिका ने पृथ्वी के ठंडा होने के कारण ठंडा होना शुरू कर दिया। जबकि ऑस्ट्रेलिया उत्तर की तरफ बह गया। आज भी ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप एक वर्ष में लगभग 1.2 इंच (3 सेंटीमीटर) की दर से उत्तर की ओर जाता है। इस दौरान टेथिस समुद्र की जगह पर हिमालय का निर्माण होना शुरू हुआ। आज भी हिमालय के क्षेत्र में समुद्र में पाए जाने वाले प्राचीन काल के जीवाश्म हमें मिल जाते हैं। इसी के साथ धीरे-धीरे कई नदियों का विकास होना शुरू हुआ और गंगा और यमुना का भी जन्म इसी काल के बाद हुआ। मेरठ की जमीन का निर्माण इसी काल में नदियों द्वारा लायी गयी मिट्टी से होना शुरू हुआ।
1.https://www.livescience.com/37285-gondwana.html
2. http://www.parks.tas.gov.au/file.aspx?id=6555
3. http://hindi.indiawaterportal.org/gondwanaland-hindi
4. http://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/24809/6/06_chapter%203.pdf
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