स्वर्णिम गुप्त काल में रामपुर एवं अहिक्षेत्र

मेरठ

 26-05-2018 01:44 PM
छोटे राज्य 300 ईस्वी से 1000 ईस्वी तक

मौर्यों के साम्राज्य के पतन के बाद एक बार फिर भारत में एकक्षत्र राज्य की कमी पड़ गयी थी। बड़े राज्यों व वंशों में शुंग, कुषाण, सातवाहन आदि भारत के बड़े वंश के रूप में उभर कर सामने आये थे। सातवाहनों का शासन दक्षिण भारत में था तथा शुंगों और कुषाणों ने उत्तर भारत के एक बड़े भूभाग पर अपना अधिकार बनाया हुआ था। कुषाण राज्यवंश उत्तरप्रदेश के बनारस के पास तक फैला हुआ था तथा रामपुर क्षेत्र भी इन्हीं के शासन क्षेत्र में आता था। रामपुर के पास स्थित रामनगर का अहिक्षेत्र भी कुषाणों के अधिकार क्षेत्र में था। विभिन्न खुदाइयों से इसके प्रमाण हमको मिलते हैं।

परन्तु यदि पूरे भारत की बात की जाए तो कोई एक ऐसा राज्यवंश नहीं था जो कि एकक्षत्र भारत पर राज करता हो। गुप्तों का उदय भारत के लिए स्वर्ण युग के समान था। इस राज्यवंश के दौरान भारत की सीमा अप्रतिम रूप से बढ़ी थी और इस काल में वास्तुकला व मूर्तिकला का भी विकास तीव्र गति से हुआ था। रामपुर का क्षेत्र भी गुप्त वंश के अधिकार क्षेत्र में आता था। रामपुर के पास स्थित अहिक्षेत्र से गुप्त काल में बने अप्रतिम मंदिरों के साक्ष्य मिले हैं जो कि आकार में पिरामिड की तरह दिखाई देते हैं। चित्र में अहिक्षेत्र के ऐसे ही एक पिरामिड जैसे मंदिर को दर्शाया गया है। गंगा और यमुना की मिट्टी की बनी मूर्तियाँ भी अहिक्षेत्र से ही प्राप्त हुयी थीं। ये मूर्तियाँ वास्तु के अनुसार दुनिया की सबसे खूबसूरत मूर्तियों की श्रेणी में आती हैं। समुद्रगुप्त और चन्द्रगुप्त द्वितीय के दौर में गुप्त वंश अपने चरम पर पहुँच गया था। इस काल में बनाये गए सिक्के ब्रिटिश संग्रहालय लन्दन में दुनिया के 100 सबसे उत्कृष्ट मानव निर्मित सम्पदा में आते हैं। इस काल में स्वर्ण के सिक्कों का प्रचलन बड़े पैमाने पर हुआ था जो यह सिद्ध करता है कि गुप्त काल वास्तव में स्वर्ण युग कहलाने के लायक है। गुप्तों के पतन के बाद यह पूरा क्षेत्र पुनः छोटे राज्यों के अंतर्गत आ गया था। गुप्त राजवंश ने 319 ईसवी से लेकर 550 ईसवी तक भारत पर शासन किया था। इनके अंत के दौर पर विदेशी आक्रमणों की संख्या में इजाफा हो गया था। आक्रमणकारियों में मुख्य रूप से हूण जनजाति थी। हूणों के बारम्बार आक्रमण से गुप्त राजवंश अत्यंत निर्बल हो गया था और अन्तोगत्वा यह पूर्ण रूप से ख़त्म हो गया।

गुप्तों के पतन के बाद उत्तरभारत में कई छोटे-छोटे वंश शासन करने लगे। इसी बीच 7वीं शताब्दी ईसवी में उस दौर के उत्तरभारत के सबसे शक्तिशाली राज्य का जन्म हुआ। यह राजवंश गुर्जर प्रतिहार के नाम से जाना जाता है। मिहिरभोज इसी राजवंश के शासक थे तथा इस राजवंश की राजधानी कन्नौज थी। उत्तरभारत का एक बड़ा भाग इस वंश के अधिकार क्षेत्र में आता था। रामपुर, बरेली, बुलंदशहर आदि क्षेत्र इसी राजवंश के अंतर्गत आते थे। उत्तरभारत में इस राजवंश ने अनेकोनेक मंदिरों का निर्माण करवाया जो कि आज भी हमें दिखाई दे जाते हैं। 11वीं शताब्दी में इस राजवंश के अंत के बाद ही उत्तरभारत के एक बड़े क्षेत्र में मुस्लिम सल्तनत की स्थापना होती है।

1. http://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/164964/10/10_chapter%204.pdf
2. http://ccrtindia.gov.in/guptasculp.php
3. द वकाटक गुप्त एज, आर सी मजूमदार, ए एस अल्तेकर
4. अर्ली इंडिया, रोमिला थापर
5. प्राचीन भारत का इतिहास भाग 1-2, के सी श्रीवास्तव

RECENT POST

  • भारत के 6 करोड़ से अधिक संघर्षरत दृष्टिहीनों की मदद, कैसे की जा सकती है ?
    संचार एवं संचार यन्त्र

     04-01-2025 09:29 AM


  • आइए, समझते हैं, मंगर बानी और पचमढ़ी की शिला चित्रकला और इनके ऐतिहासिक मूल्यों को
    जन- 40000 ईसापूर्व से 10000 ईसापूर्व तक

     03-01-2025 09:24 AM


  • बेहद प्राचीन है, आंतरिक डिज़ाइन और धुर्री गलीचे का इतिहास
    घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ

     02-01-2025 09:36 AM


  • विविधता और आश्चर्य से भरी प्रकृति की सबसे आकर्षक प्रक्रियाओं में से एक है जानवरों का जन्म
    शारीरिक

     01-01-2025 09:25 AM


  • क्या है, वैदिक दर्शन में बताई गई मृत्यु की अवधारणा और कैसे जुड़ी है ये पहले श्लोक से ?
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     31-12-2024 09:33 AM


  • लोगो बनाते समय, अपने ग्राहकों की संस्कृति जैसे पहलुओं की समझ होना क्यों ज़रूरी है ?
    संचार एवं संचार यन्त्र

     30-12-2024 09:25 AM


  • आइए देखें, विभिन्न खेलों के कुछ नाटकीय अंतिम क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     29-12-2024 09:21 AM


  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id