भारतीय समाज में अचानक खाद्य के मामले में कई परिवर्तनों को दर्ज किया गया है। इन परिवर्तनों ने स्वास्थ्य के लिए कई नकारात्मक परिवेशों को जन्म दिया है। आज मॉल, बुफे, रेस्तरां आदि की लोकप्रियता बड़े पैमाने पर बढ़ गयी है। बेतरतीब तरीके से खुलती ये दुकानें कई प्रकार के भोजन को प्रस्तुत कर रही हैं। इन्हीं खानों में से चाइनीज खानों की लोकप्रियता सबसे तेज़ी से बढ़ी है। सड़क के किनारे से लेकर बड़े से बड़े मॉल में भी चाइनीज खाना बड़े पैमाने पर मिलता है। जब हम बुफे आदि में खाना खाते हैं तो हम जितना सोचे रहते हैं उससे काफी कम खाना ही खा पाते हैं, कारण कि पेट जल्द भर जाता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है? यह अजीनोमोटो (Ajinomoto) या एम.एस.जी. (M.S.G.) के कारण होता है। यह पदार्थ कम खाना खाने पर भी ऐसा प्रतीत करा देता है जैसे कि व्यक्ति ने बहुत ज्यादा खाना खा लिया हो। बुफे रेस्तरां वालों की यह एक योजना है जिससे लोग कम खा पाएं और होटल मालिकों का ज्यादा मुनाफा हो। अजीनोमोटो या एम.एस.जी. आदि का उपयोग शरीर के लिए दुष्प्रभावी परिणाम को आमंत्रण देता है।
सर्वप्रथम हमें इन पदार्थों के बारे में जानने की आवश्यकता है-
अजीनोमोटो स्वाद वर्धक जापानी पदार्थ होता है जिसके खाने में पड़ने से एक नया सा स्वाद आ जाता है। अक्सर यह देखा जाता है कि घर पर बनाये उसी खाने का स्वाद होटल के खाने से अत्यंत कम होता है जिसका सीधा सा सम्बन्ध अजीनोमोटो से है। अजीनोमोटो सामान्यतया चायनीज खाने में डाला जाता है और यह भी हास्यास्पद सत्यता है कि चीन में खाने में अजीनोमोटो नहीं डाला जाता है। हम यह कह सकते हैं कि भारत में यह नया संस्करण है चीनी खाने का जो चीन में भी इस्तेमाल नहीं होता। अजीनोमोटो जिसको एम.एस.जी. भी कहा जाता है का वैज्ञानिक नाम मोनोसोडियम ग्लूटामेट (Monosodium Glutamate) है। इसकी खोज सर्वप्रथम सन 1909 में जापानी वैज्ञानिक प्रोफेसर किदुने इकेदा ने की थी और उन्होंने इसका पेटेंट भी तभी करवाया था। अजीनोमोटो का रसायनिक सूत्र C5H9O4 है। अजीनोमोटो मानव शरीर में, टमाटर में व चीज में भी उत्पन्न होता है परन्तु दोनों में अंतर है। रासायनिक विधि से बनाया गया अजीनोमोटो प्राकृतिक अजीनोमोटो से खतरनाक होता है।
अजीनोमोटो को खाने पर जीभ को ऐसा लगता है कि जैसे खाने का स्वाद बढ़ गया है और यह विचार उत्पन्न करता है कि खाने में प्रोटीन की अधिकता है। बिना अजीनोमोटो के आज दुनिया भर में कई बड़े उत्पाद न होते जैसे कि कई च्विंग-गम, डब्बे के भोज्य पदार्थ, और आइस-क्रीम आदि। भारत में बने सामान्यतया सभी चायनीज खाने में इसका प्रयोग किया जाता है। अजीनोमोटो से शरीर को कई नुकसान हैं जैसे कि इसके खाने से मानव की कोशिकाएं अत्यंत तीव्रता से कार्य करने लग जाती हैं जिससे या तो खाने वाले की मौत हो सकती है या फिर उसकी कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। इसके प्रयोग से रक्तचाप में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिलती है जो कि शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक है। अजीनोमोटो के प्रयोग से हार्ट अटैक (हृदयघात) की समस्या का जन्म भी होता है।
अजीनोमोटो के प्रयोग से सबसे आम समस्याएं हैं- सर दर्द, आँखों की रौशनी जाना, पेट में गड़बड़ी, जलन, शरीर की त्वचा पर दबाव, छाती में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, ह्रदय गति में वृद्धि, आदि। ये सभी दिक्कतें अजीनोमोटो का सेवन करने वाले 40% लोगों में पायी जाती हैं।
अजीनोमोटो दिमाग पर भी दुष्प्रभाव डालता है, यह व्यक्ति को अपना आदि बना देता है। व्यक्ति द्वारा लिया गया दो पल का स्वाद उसके जीवन के लिए खतरे का कार्य करता है। करीब 4 वर्ष पहले मैगी में अजीनोमोटो सम्बंधित दिक्कत को दर्ज किया गया था जिसके बाद सम्पूर्ण भारत भर में मैगी को अपने उत्पाद को वापस कंपनी में मंगाना पड़ा था। अजीनोमोटो या एम.एस.जी. मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है। इस जहर से बचने में ही भलाई है। ऐसे उत्पाद का हमें इस्तेमाल करना चाहिए जो कि मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो और जरूरी हो।
1.http://www.turmeriq.com/2013/03/17/dangers-of-msg-a-common-indian-chinese-food-ingredient/
2.https://timesofindia.indiatimes.com/india/MSG-is-everywhere-Heres-why-you-still-never-see-it/articleshow/47560251.cms
3.http://www.thehindu.com/news/national/andhra-pradesh/how-harmful-is-ajinomoto/article7324603.ece
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