बैडमिंटन खेल की शुरुआत सबसे पहले भारत में हुई थी और इस खेल के नियम अंग्रेज़ों द्वारा 1873 में पूना में लिखे गए थे। बैडमिंटन खेल कुछ ही समय में काफ़ी प्रसिद्ध हो गया और राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बहुत से देशों में खेला जाने लगा। इस खेल में दो खिलाड़ी दो विरुद्ध क्षेत्र पर होते हैं, उनके बीच की दूरी एक नेट (Net) से विभाजित होती है। एक खिलाड़ी को स्कोर करने के लिए विरुद्ध खिलाड़ी के क्षेत्र में शटलकॉक गिराना होता है। शटलकॉक बैडमिंटन खेल का एक अहम हिस्सा है। यह आमतौर पर प्लास्टिक का बना होता है मगर कुछ शटलकॉक चिड़ियों के पंख का इस्तेमाल करते हैं।
शटलकॉक के उत्पाद की शुरुआत भारत में ही हुई थी। भारत में शटलकॉक असली परिंदे के पंख के बनाए जाते थे; कुछ शहर जैसे कि मेरठ में आज भी पंख वाले शटलकॉक बनाए जा रहे हैं। पंख वाले शटलकॉक को बनाने के लिए बत्तख और कलहंस के पंख को नोचा जाता है, इस वजह से जानवरों को काफ़ी तकलीफ होती है। चीन में बत्तख के पंख का इस्तेमाल किया जाता है तो वहीँ भारत में कलहंस के पंख का, सभी पंखों को जीवित पक्षियों के बदन से नोचा जाता है जिससे उन्हें असहनीय पीड़ा होती है। पंख को निकालने के बाद उसका वज़न किया जाता है और उसके कोण को परखा जाता है, जो पंख काम के नहीं होतें हैं उन्हें फ़ेक दिया जाता है। कुल हज़ार से भी ऊपर पंख हर रोज़ बर्बाद किये जाते हैं। बत्तख और कलहंस के पंखों को लेफ्ट विंग और राईट विंग की श्रेणी में रखा जाता है। उन दोनों को कभी मिलाया नहीं जाता है। पश्चिम बंगाल में शटलकॉक उत्पाद की कुल 36,000 इंडस्ट्री हैं, मगर इन इंडस्ट्री में हर दिन 5,70,000 पंख कहाँ से आते हैं यह सोचनीय है। हर दिन सफ़ेद बत्तख के पंख की तस्करी बांग्लादेश से की जाती है। हर महीने पश्चिम बंगाल में कुल 10 छोटी शटलकॉक फैक्ट्रियाँ खुलती हैं, बहुत सी फैक्ट्री में 10 साल से कम उम्र के बच्चे भी काम करते हैं। हावड़ा, राजापुर और उलुबेरिया में हर 5 में से 1 बच्चा इन फैक्ट्री में काम करता है।
प्लास्टिक शटलकॉक और पंख वाले शटलकॉक में कौन बेहतर ?
*पंख वाले शटलकॉक ज़्यादा देर तक नहीं टिकते जबकि नायलॉन के शटलकॉक 10 मैच तक आराम से टिक जाते हैं।
*पंख वाले शटलकॉक के हलके होने के कारण उनमें नियंत्रण अच्छा होता है, जबकि प्लास्टिक के शटलकॉक भारी होते हैं।
*पंख वाले शटलकॉक की गति प्लास्टिक के शटलकॉक से बेहद कम होती है, नेट प्ले के लिए पंख वाले शटलकॉक बहुत अच्छे साबित होते हैं।
1.https://www.firstpost.com/living/badminton-shuttlecocks-are-made-from-plucked-feathers-of-live-ducks-and-geese-much-pain-to-animals-3964761.html
2.https://www.quora.com/Are-plastic-shuttles-better-or-feather-shuttles
3.https://wychelmbadmintonclub.wordpress.com/2012/11/10/the-great-feathers-versus-plastics-debate/
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.