कचनार - पटाखे फोड़ने वाला पेड़

मेरठ

 18-05-2018 01:25 PM
पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें

अक्सर हम एक शब्द सुनते हैं कच्ची कली कचनार की। कचनार का अपना एक अहम स्थान है पेड़ जगत में। यह पेड़ सौंदर्य तो प्रस्तुत करता ही है और साथ ही साथ यह खाने के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। कचनार का पेड़ दक्षिणी एशिया का मूल वृक्ष है। यह चीन, बर्मा, भारत, नेपाल, पकिस्तान और श्रीलंका में पाया जाता है। इस वृक्ष का वैज्ञानिक नाम ‘बौहिनिया वरिएगाता’ है। कचनार एक पतझड़ वाला वृक्ष है जिसकी ऊँचाई करीब 15 मीटर तक होती है। ये पेड़ हरे रंग का होता है और इसका पुष्प हलके गुलाबी नीला रंग का होता है। पेड़ के पत्ते ऊंट के पैर की छाप की तरह दिखाई देते हैं। कचनार में पहला पुष्प सर्दियों के अंत में आता है।

इसका फल करीब 15-30 सेंटी मीटर लम्बा होता है। कचनार मोर पुष्प से अत्यंत सम्बंधित है और यह विश्व भर में एक सुन्दर पुष्प देने वाले वृक्ष की श्रेणी में आता है। यह पेड़ भनभनाने वाली चिड़ियों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। कचनार का पत्ता, पुष्प और पुष्प की कली खाने के प्रयोग में लायी जाती है। यह पेड़ विटामिन-सी का प्रमुख श्रोत है। इस वृक्ष का प्रयोग मात्र खाने या सौन्दर्य के लिए ही नहीं बल्कि इसका प्रयोग आयुर्वेद में भी औषधि के रूप में किया जाता है। यह क्रीमी रोग (पेट के कीड़े), गलसुआ रोग, कवकरोधी , जीवाणुरोधी, दर्द, बुखार आदि प्रयोग में लाया जाता है। इस पेड़ की आयु 40 से 150 साल की होती है। कचनार के कली की सब्जी सबसे स्वादिष्ट बनती है। कचनार की सब्जी की विभिन्न विधियाँ गूगल आदि पर मिल जाती है। नीचे दिए गए सन्दर्भों की सूची में कचनार की सब्जी की विधि दी गयी है।

कचनार का परागन एक अत्यंत रोचक प्रक्रिया का पालन करता है। जब कचनार का फल पक जाता है तब यह फट कर बिखर जाता है जिससे इसके अन्दर के बीज आस पास करीब 30-35 मीटर दूर जाकर गिरते हैं। फिर सही मौसम आने पर यही बिखरे हुए बीज पौधे के रूप में जमीन से बाहर निकलते हैं। इसके फटने पर ऐसा लगता है मानो कोई पटाखा फूटा हो। रामपुर में कचनार का पेड़ बड़ी मात्रा में पाया जाता है। यहाँ पर इस सुन्दर पुष्प को उद्यानों व बगीचों में आसानी से देखा जा सकता है।

1. https://en.wikipedia.org/wiki/Bauhinia_variegata
2. http://www.planetayurveda.com/library/kachnar-bauhinia-variegata
3. https://selectree.calpoly.edu/tree-detail/bauhinia-variegata
4. https://nishamadhulika.com/368-kachnar-kali-recipe.html

RECENT POST

  • इस विश्व हिंदी दिवस पर समझते हैं, देवनागरी लिपि के इतिहास, विकास और वर्तमान स्थिति को
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:31 AM


  • फ़िनलैंड के सालाना उपयोग से अधिक विद्युत खपत होती है, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:27 AM


  • आइए जानें, भारत और अमेरिका की न्यायिक प्रणाली के बीच के अंतरों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:26 AM


  • आइए जानें, हमारी प्रगति की एक प्रमुख चालक, बिजली के व्यापार के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:43 AM


  • भारत में परमाणु ऊर्जा का विस्तार: स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक सशक्त कदम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:30 AM


  • आइए, आज देखें, अब तक के कुछ बेहतरीन तेलुगु गीतों के चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     05-01-2025 09:25 AM


  • भारत के 6 करोड़ से अधिक संघर्षरत दृष्टिहीनों की मदद, कैसे की जा सकती है ?
    संचार एवं संचार यन्त्र

     04-01-2025 09:29 AM


  • आइए, समझते हैं, मंगर बानी और पचमढ़ी की शिला चित्रकला और इनके ऐतिहासिक मूल्यों को
    जन- 40000 ईसापूर्व से 10000 ईसापूर्व तक

     03-01-2025 09:24 AM


  • बेहद प्राचीन है, आंतरिक डिज़ाइन और धुर्री गलीचे का इतिहास
    घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ

     02-01-2025 09:36 AM


  • विविधता और आश्चर्य से भरी प्रकृति की सबसे आकर्षक प्रक्रियाओं में से एक है जानवरों का जन्म
    शारीरिक

     01-01-2025 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id