भारत कला और हुनर के क्षेत्र में काफ़ी प्रसिद्ध है। आज हम बहुत सी भारतीय चित्रकलाओं का आनंद उठा सकते हैं, और उसके माध्यम से भारतीय संस्कृति को महसूस कर सकते हैं। दिल्ली और मेरठ के बीच एक नया एक्सप्रेसवे (Expressway) बनाया जा रहा है। इसे दिल्ली और मेरठ की ओर से कुछ किलोमीटर तक निर्मित कर दिया गया है। दिल्ली की तरफ से तो सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। यह कुछ सालों पहले दिल्ली के हौज़ खास से शुरू हुई थी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) सराय काले खान-ग़ाज़ियाबाद खंड पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के नवनिर्मित फ्लाईओवर के सौंदर्यीकरण के लिए विभिन्न कलाकारों को बुला रही है। कलाकार फ्लाईओवर के स्तंभों और मोड़ आदि के किनारे पर चित्र बनाते हैं। ये चित्र बेहद आकर्षक होते हैं और इनमें से सबसे उल्लेखनीय चित्र महाराष्ट्र का वार्ली कला है। वार्ली चित्रकला एक आदिवासी कला है और यह ज़्यादातर उत्तरी सह्याद्री क्षेत्र के आदिवासियों द्वारा बनाया जाता है। इस आदिवासी कला की शुरुआत महाराष्ट्र में हुई थी और यह वहाँ आज भी बनायी जाती है।
यह एक्सप्रेस वे दिल्ली को मेरठ से डासना के जरिये जोड़ता है। राष्ट्रीय हाईवे 24 जो कि उत्तर प्रदेश गेट तक है, उसे 14 लेन तक चौड़ा किया जाएगा, और यह भारत की सबसे चौड़ी सड़क होगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे एक नियंत्रित राजमार्ग होगा। इस समय यात्रियों को यह दूरी तय करने में 2 घंटे लगते हैं लेकिन एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद उन्हें केवल 45 मिनट लगेंगे। इस एक्सप्रेसवे की दीवारों पर बहुत से चित्र बनाए गए हैं और अभी भी बनाये जा रहे हैं। यात्री यात्रा के दौरान इन चित्रों का मज़ा ले सकते हैं। ये चित्र मानो यात्रियों का स्वागत करने के लिए बनाये जा रहे हैं।
सौन्दर्यीकरण के लिए बहुत सी मुहीम चलाई जा रही हैं। ऐसी ही एक मुहीम दिल्ली को हरा-भरा करने के लिए हाल ही में निकली है जिसे चित्र में दर्शाया गया है। इसे वर्टीकल गार्डन कहते हैं, नगर निगम के अनुसार यह एक अभिनव सोच है और इससे दिल्ली के वातावरण में अच्छे बदलाव आ सकते हैं। वर्टीकल गार्डन आज एक ट्रेंड बन गया है और इसी कारण दिल्ली के दक्षिणी हिस्सों में 11 वर्टीकल गार्डन बनवाये जा रहे हैं। यह एक अच्छी मुहीम है क्योंकि इससे वायु प्रदूषण नियंत्रित तो होगा ही, साथ ही साथ अर्बन हीट आइलैंड इफ़ेक्ट (UHI) भी कम होगा। CSIR की जाँच द्वारा एक रिपोर्ट निकाली गई जिसके मुताबिक दिल्ली के तापमान में 5 से 10 सेलसियस का बदलाव आया है, यह बदलाव UHI द्वारा हुआ है। UHI भूमि को गर्म और प्रदूषित करता है, लेकिन अगर हम पेड़ रोपें तो UHI को नियंत्रित किया जा सकता है। दिल्ली सरकार ने नागरिक एजेंसीयों से राष्ट्रिय राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए बड़े पैमाने पर वर्टीकल गार्डन लगवाने का अनुरोध किया है।
क्या हमारे मेरठ में भी ऐसी मुहीम चलायी जा सकती है जिससे यहाँ पर भी मौसम में हो रहे बादलावों को रोका जा सके और यहाँ पर वायु प्रदूषण भी कम हो सके? क्यों नहीं! बदलते मौसम की मार से हमारा मेरठ भी कहाँ बचा है। चित्रकारी की भी मुहीम यहाँ चलायी जा सकती है जो कि सौंदर्य को चार चाँद लगाने के लिए महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। जैसा कि बेगम पुल से लेकर दिल्ली महामार्ग तक? यदि हर व्यक्ति अपने वातावरण में बदलाव देखना चाहता है तो उसे खुद वो बदलाव बनना होगा।
1. http://indianexpress.com/photos/india-news/beautification-of-the-delhi-meerut-expressway-with-stunning-artwork-5164716/
2. https://timesofindia.indiatimes.com/city/delhi/why-vertical-gardens-is-such-a-cool-idea/articleshow/63851881.cms
3. http://www.dnaindia.com/delhi/report-go-green-delhi-government-promotes-vertical-gardening-to-curb-pollution-in-national-capital-2608412
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