पंचतंत्र से मिली जीवन की सीख

मेरठ

 09-05-2018 01:00 PM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

पंचतंत्र मात्र कहानियों का एक समूह नहीं है परन्तु यह कहानियों से अधिक एक सीख और शिक्षा है। पंचतंत्र की कहानियां विष्णु शर्मा द्वारा तीसरी शताब्दी में लिखी गयी थीं। पंचतंत्र में जानवरों व पक्षियों को मुख्य किरदारों में बताया गया है तथा किसी भी मानव को इन कहानियों में प्रस्तुत नहीं किया गया है। ये कहानियां एक शिक्षा को अपने में समाहित कर के रखती हैं। पंचतंत्र को इस प्रकार से लिखा गया है जिसे छोटे से छोटे बच्चे और बड़े सभी आसानी से समझ सकें। इन कहानियों में राजाओं व प्रजा के गुणों को भी प्रदर्शित किया गया है।

पंचतंत्र भारत की एकमात्र ऐसी कहानियों की श्रृंखला है जिसे पूरे विश्व भर में कई भाषाओँ में विभाजित किया गया है। पंचतंत्र कहानियां पूरे पचास से अधिक भाषाओं में मौजूद, दो सौ से अधिक विभिन्न संस्करणों में अनुवादित की गयी हैं, और इनमें से तीन-चौथाई भाषाएं भारतीय नहीं हैं। ग्यारहवीं शताब्दी के आरंभ में यह काम यूरोप पहुंच गया, और 1600 से पहले यह यूनानी, लैटिन, स्पेनिश, इतालवी, जर्मन, अंग्रेजी, पुरानी स्लाविक, चेक, और शायद अन्य स्लाविक भाषाओं में अनुवादित किया गया था। इसकी सीमा जावा से आइसलैंड तक बढ़ी है। इस कहानी पर बार-बार काम किया गया है। इसको विस्तारित, सारणित, कविता में बदल दिया गया है। तथा गद्य में यह दोबारा लिखी गयी हैं। मध्ययुगीन और आधुनिक स्थानीय भाषाओं में पंचतंत्र का अनुवाद किया गया है, और संस्कृत में पुन: इसका अनुवाद किया गया है। लोक कथाओं के आधुनिक छात्रों द्वारा एकत्रित मौखिक कहानियों के संग्रह में यह कहानी दिखाई देती है।

मेरठ में हर बच्चा आज पंचतंत्र की कुछ कहानियों को जानता है। लेकिन कुछ लोगों की पुस्तक में 5 तंत्रों की संरचना और कैसे कहानियों के प्रारूप को वास्तव में मौखिक कहानी कहने के लिए बनाया गया है, के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। राजकुमारों में नैतिकता को आत्मसात करने के लिए उन्हें धार्मिक राजा बनने की प्रेरणा देने के लिए इन कहानियों को बनाया गया था। आइए आज पञ्चतंत्र की संरचना देखें-

पंचतंत्र मुख्य रूप से पांच किताबों का संग्रह है, इन किताबों के नाम निम्नलिखित हैं:
* मित्र-भेद: दोस्तों का अलगाव (शेर और बैल की कहानी)
* मित्र-लाभ या मित्र-संप्राप्ति: दोस्तों का लाभ (कबूतर, कौआ, चूहा, कछुआ और हिरण की कहानी)
* काकोलुकियम: युद्ध और शांति (कौवे और उल्लू की कहानी)
* लब्धप्रणाशम्: लाभ का नुकसान (बंदर और मगरमच्छ की कहानी)
* अपरीक्षितकारकम्: जल्दबाज़ी का काम (ब्राह्मण और नेवले की कहानी)

उपरोक्त लिखित कहानियों में विभिन्न प्रकार की शिक्षा को प्रस्तुत किया गया है जिससे व्यक्ति को बेहतर शिक्षा के साथ ही साथ बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।

1. https://ipfs.io/ipfs/QmXoypizjW3WknFiJnKLwHCnL72vedxjQkDDP1mXWo6uco/wiki/Panchatantra.html 2.  https://books.google.co.in/books?id=Ucz06oE4YyEC&printsec=frontcover&dq=panchtantra&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwijxbXYouXaAhWBPY8KHYI6CZMQ6AEIMTAB#v=onepage&q&f=false

RECENT POST

  • मेरठ की ऐतिहासिक गंगा नहर प्रणाली, शहर को रौशन और पोषित कर रही है!
    नदियाँ

     18-09-2024 09:18 AM


  • क्यों होती हैं एक ही पौधे में विविध रंगों या पैटर्नों की पत्तियां ?
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:16 AM


  • आइए जानें, स्थलीय ग्रहों एवं इनके और हमारी पृथ्वी के बीच की समानताओं के बारे में
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:34 AM


  • आइए, जानें महासागरों से जुड़े कुछ सबसे बड़े रहस्यों को
    समुद्र

     15-09-2024 09:27 AM


  • हिंदी दिवस विशेष: प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण पर आधारित, ज्ञानी.ए आई है, अत्यंत उपयुक्त
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:21 AM


  • एस आई जैसी मानक प्रणाली के बिना, मेरठ की दुकानों के तराज़ू, किसी काम के नहीं रहते!
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:10 AM


  • वर्षामापी से होता है, मेरठ में होने वाली, 795 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा का मापन
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:25 AM


  • परफ़्यूमों में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक रसायन डाल सकते हैं मानव शरीर पर दुष्प्रभाव
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:17 AM


  • मध्यकालीन युग से लेकर आधुनिक युग तक, कैसा रहा भूमि पर फ़सल उगाने का सफ़र ?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:32 AM


  • पेट्रोलियम के महत्वपूर्ण स्रोत हैं नमक के गुंबद
    खनिज

     09-09-2024 09:43 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id