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स्कूटर का नाम जब भी हमारे सामने आता है तो पहली स्कूटर जो याद आती है वह है वेस्पा स्कूटर। पुरानी फिल्मों में इस स्कूटर को कई स्थान पर दिखाया गया है। यह पहला 2 पहिया स्कूटर था जिसका आगमन भारत में हुआ था। इसको खरीदने के लिए महीनों की बुकिंग होती थी तथा इसको ब्लैक में भी बेचा जाता था। लोग ज्यादा पैसा खर्च कर के इस स्कूटर को खरीदते थे।
पियाजो कंपनी की स्थापना 1884 में जेनोआ में बीस वर्षीय रिनाल्डो पिआजो द्वारा की गई थी। यह पानी वाले जहाज का काम करते थे और कालांतर में हवाई जहाज और समुद्री जहाज आदि बनाने का काम करने लगे थे। पियाजो देश के सबसे बड़े विमान निर्माताओं में से एक बन गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनके कारखानों पर बमबारी कर दी गयी थी। 1946 में इटली में पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हुआ। मुख्य पोंटेडेरा कारखाने के पुनर्निर्माण को रिनल्डो के बेटे एनरिको को सौंपा गया। उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा को बढ़ाया और एक स्टाइलिश वाहन को बड़े पैमाने पर बाजार में उतारने की रणनीति बनायी। अपने सबसे प्रतिभाशाली वैमानिकी अभियंता कोर्रदिनो डी अस्कानियो द्वारा बनाई असाधारण कलाकृति को उन्होंने स्वीकार किया और प्रारंभिक बिंदु "पेपरिनो" (डोनाल्ड डक) के नाम से जाना जाने वाला प्रोटोटाइप लिया। जिस पर उन्होंने क्रांतिकारी परिवर्तनों की एक श्रृंखला लागू की। उन्होंने ड्राइव श्रृंखला को हटा दिया। सीधे ट्रांसमिशन से संचालित पहिया के साथ, गियर लीवर हैंडलबार पर डाला। वाहन चलाने वाले की रक्षा के लिए एक मोनोकोक फ्रेम और संलग्न बॉडीवर्क तैयार किया गया। अप्रैल 1946 में एमपी 6 प्रोटोटाइप ने आकार ले लिया। इसे पहली बार देखकर एनरिको पियाजो ने टिप्पणी की: "सेम्बरा उना वेस्पा!" जिसका अर्थ हुआ “यह एक ततैय्ये जैसा दिखता है।
उन्होंने पहले वेस्पा 98 सीसी को बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए आगे बढ़ने दिया। जिसमें एक स्पीडोमीटर, एक साइड स्टैंड और स्टाइलिश सफ़ेद-पतले टायर जैसी विशिष्ट वैकल्पिक सुविधाएं प्रदान की गईं। यह एक अत्यंत बड़े पैमाने पर प्रचलित वाहन के रूप में निकली। इसका उत्पादन बढ़ गया: पहले वर्ष में 2,484 स्कूटर से 1948 में 19,822 तक पहुंच गया। 1950 में पहले जर्मन लाइसेंस के साथ उत्पादन 60,000 वाहनों तक पहुंच गया। तीन साल बाद यह 1,71,200 तक बढ़ गया, और दुनिया भर में पियाजो सेवा स्टेशनों की संख्या- अमेरिका और एशिया समेत - दस हजार से अधिक हो गई। यह जादुई अवधि केवल शुरुआत थी: जल्द ही वेस्पा 13 देशों में उत्पादित किया जाने लगा और दुनिया भर के 114 देशों में विपणन किया जाने लगा। इस प्रकार से यह स्कूटर विश्व भर का एक अत्यंत लोकप्रिय स्कूटर बन गया। 1948 में भारत में पहला स्कूटर आया था जब बजाज ऑटो ने वेस्पा स्कूटर आयात किया था। और इसके बाद भारत में मानो स्कूटर का दौर सा आ गया था।
1. http://www.vespa.in/heritage/ 2. http://www.rediff.com/getahead/slide-show/slide-show-1-biking-and-motoring-the-amazing-history-of-the-indian-scooter/20130407.htm 3. पायनियर- फ़ायडॉन प्रेसA. City Subscribers (FB + App) - This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post.
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