क्यों सरकारी स्कूल इंग्लिश मीडियम नहीं?

मेरठ

 05-05-2018 01:50 PM
ध्वनि 2- भाषायें

लोगों में अंग्रेजी भाषा सीखने का जूनून चढ़ गया है, लोग अपनी अंग्रेजी को सुधारने के लिए न जाने कितने संस्थानों से जुड़ रहे हैं। देश भर में अंग्रेजी सिखाने के लिए कई संस्थाएं हैं और यह ज़ोर-शोर से अपना प्रचार भी करती हैं। सुना तो होगा ही, ''आइ कैन टॉक इंग्लिश आइ कैन वाक इंग्लिश'' इसका अर्थ है कि मैं अंग्रेजी बोल भी सकता हूँ और उसे इस्तेमाल कर जीवन की राह पर चल भी सकता हूँ। यह सन्देश एक दम साफ़ है और यह कहना चाह रहा है कि अंग्रेजी भाषा का दबदबा भारत में अंग्रेजी हुकूमत खत्म होने के बाद भी है।

केवल 4 प्रतिशत भारतीय एक पूरा पन्ना अंग्रेजी का पढ़ कर उसे दूसरी किसी हिन्दुस्तानी भाषा में बदलने के योग्य हैं, 12 से 13 प्रतिशत आबादी अंग्रेजी में अपना नाम लिखना जानती है और कुछ हद तक अंग्रेजी समझती भी है। लेकिन आज भी भारत के ज़्यादातर लोग स्थानीय भाषा का प्रयोग करते हैं जैसे- भोजपुरी, बंगाली, तमिल आदि। भारत में कार्यरत रहने के लिए और संगठित क्षेत्र में काम करने के लिए सबसे ज़्यादा मांग उन लोगों की है जिन्हें अंग्रेजी बोलना आता हो और इसीलिए लोग अंग्रेजी सीखने के लिए दिल-ओ-जान से मेहनत कर रहे हैं। अंग्रेजी सीखने में लोगों की मदद आज स्मार्टफ़ोन भी कर रहा है और वे इन्टरनेट के सहारे अंग्रेजी बोलने का प्रशिक्षण ले रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में कुल 5,000 सरकारी विद्यालयों को हाल ही में अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित करने कि नीति बनाई गयी। परन्तु बिजनोर ज़िले में बुनियादी शिक्षा विभाग 50 विद्यालयों के लिए केवल 107 शिक्षकों को नियुक्त कर पाया है जहाँ पर कुल 250 शिक्षकों की आवश्यकता है। इन विद्यालयों में आधारिक संरचना काफ़ी कमज़ोर है जो कि एक अंग्रेजी माध्यम वाले विद्यालय में मज़बूत होनी चाहिए। पहले भी शिक्षा विभाग ने कई शीक्षकों (जो कि अंग्रेजी में पढ़ा सकें) को आमंत्रित आवेदन दिया था। 50 विद्यालयों में कुल 200 सह अद्यापकों की ज़रुरत थी और 50 प्रधानाध्यापकों की, लेकिन प्रधानाध्यापकों के केवल 48 आवेदन मिले और सह अध्यापकों के केवल 59।

मेरठ में 65 विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में बदलने की योजना बनाई गई है, हर ब्लॉक में 13 अंग्रेजी विद्यालय। हर ज़िले के अधिकारियों को यह कार्य दिया गया है कि वे हर ब्लॉक के लिए 5 विद्यालयों की एक सूची बनायें जिनमें शिक्षकों की कमी है, फ़िर उन विद्यालयों में अंग्रेज़ी का अच्छा ज्ञान रखने वाले शिक्षकों को भेजा जाएगा। उत्तर प्रदेश की सरकार ने यह आर्डर जारी किये हैं कि हर ब्लॉक के विद्यालय अंग्रेजी माध्यम का सहारा लेकर शिक्षा दें, और इसी प्रकार उत्तर प्रदेश का हर विद्यालय अंग्रेजी माध्यम में तब्दील हो जाएगा।

1.https://www.facebook.com/photo.php?fbid=10154700751416239&set=a. 10150426417856239.356549.6103211238&type=3&theater
2.https://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/107-apply-for-250-posts-in-english-medium-schools/articleshow/63560728.cms

RECENT POST

  • चलिए अवगत होते हैं, भारत में ड्रॉपशिपिंग शुरू करने के लिए लागत और ज़रूरी प्रक्रियाओं से
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:30 AM


  • आध्यात्मिकता, भक्ति और परंपरा का संगम है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:26 AM


  • भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लचीलेपन का श्रेय जाता है, इसके मज़बूत डेयरी क्षेत्र को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     13-01-2025 09:26 AM


  • आइए, आज देखें, भारत में पोंगल से संबंधित कुछ चलचित्र
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:30 AM


  • जानिए, तलाक के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए, कुछ सक्रिय उपायों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:26 AM


  • इस विश्व हिंदी दिवस पर समझते हैं, देवनागरी लिपि के इतिहास, विकास और वर्तमान स्थिति को
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:31 AM


  • फ़िनलैंड के सालाना उपयोग से अधिक विद्युत खपत होती है, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:27 AM


  • आइए जानें, भारत और अमेरिका की न्यायिक प्रणाली के बीच के अंतरों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:26 AM


  • आइए जानें, हमारी प्रगति की एक प्रमुख चालक, बिजली के व्यापार के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:43 AM


  • भारत में परमाणु ऊर्जा का विस्तार: स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक सशक्त कदम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:30 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id