मेरठ में अपराध दर

शहरीकरण - नगर/ऊर्जा
22-04-2018 11:30 AM
मेरठ में अपराध दर

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) की रिपोर्ट 'क्राइम इन इंडिया, 2014' में कहा गया है कि बिहार की राजधानी पटना के बाद मेरठ में प्रति व्यक्ति हत्या दर देश में दूसरे स्थान पर है। 2014 में पटना में 10.00 की तुलना में मेरठ की आबादी में हर लाख के लिए 6.5 की हत्या दर थी। झारखंड में रांची 5.4 के साथ तीसरे स्थान पर था। 4.5 की हत्या दर के साथ शीर्ष पांच में आगरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश का दूसरा शहर बन गया। भारत के 53 शहरों से डेटा एकत्र किया गया था, जिसमें केरल के कन्नूर में सबसे कम हत्या दर (0.1) थी, इसके बाद तमिलनाडु में मामलापुरम (0.2)। हत्याओं की संख्या के मामले में, दिल्ली 472 मामलों और 496 पीड़ितों के साथ तालिका के शीर्ष पर था। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी में हत्या की दर 2.9 पर मेरठ से बहुत कम थी। राज्य के आंकड़ों के मुताबिक, यू.पी. के सात शहरों के लिए डेटा उपलब्ध है, जिसमें मेरठ की हत्या दर सबसे ज्यादा है और हत्या सम्बन्धी मामलों में यह दूसरे स्थान पर है। यूपी में 107 घटनाओं और 109 पीड़ितों के साथ राज्य की राजधानी लखनऊ हत्या सम्बन्धी मामलों की सूची में सबसे ऊपर है। लखनऊ (3.7) में मेरठ और आगरा के बाद राज्य में तीसरी सबसे ज्यादा हत्या दर है। यही सामायिक समय है कि हम मेरठ की अपराध दर पर एक नज़र डालें, अपराध में बढ़ोतरी के कारण मेरठ पिछड़े शहरों की श्रेणी में आ गया है।

हाल ही में हुए कथुआ मामले का मुख्य आरोपी भी मेरठ से ही सम्बंधित है। यह केस सभी को हैरान कर देने वाला था। ऐसी ही घटना मेरठ शहर के समीप चांदपुर गाँव में हुई थी, एक 16 साल की लड़की का अपहरण किया गया और फिर उसका बलात्कार किया गया। हत्या और बलात्कार के मामले आज के समय में बहुत देखे जा रहे हैं; राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) की रिपोर्ट के तहत 2016 में 20,000 बच्चों का बलात्कार हुआ और 2015 में 10,934 बच्चों का। इनमें से कई बच्चों की हत्या भी कर दी गयी।

*2013 में राज्य भर में महिला उत्पीड़न के 32,546 मामले दर्ज करवाए गए थे।
अब सवाल यह उठता है कि क्या उत्तर-प्रदेश हमारे और हमारे बच्चों के लिए एक सुरक्षित राज्य है?

पुलिस द्वारा उठाये गए कदम -
अभी हाल ही में पुलिस द्वारा एक टास्क फ़ोर्स (Task Force) का गठन किया गया है। इस टास्क फ़ोर्स में 10 सदस्य रहेंगे जिसमें कि मेरठ के SSP, संभागीय आयुक्त और गैर सरकारी संगठनों (NGO) के सदस्य मौजूद होंगे। इस फ़ोर्स का उद्देश्य शहर में बच्चों को वेश्यावृत्ति से दूर रखना है और शहर में शांति लाना है। मेरठ में अपराध विकराल रूप ले रहा है जिसको रोका जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

1.www.news18.com/news/india/my-son-was-in-meerut-didnt-go-to-kathua-rape-and-murder-1717463.html
2.www.ndtv.com/india-news/accused-1836967?amp=1&akamai-rum=off
3.www.timesofindia.com/meerut-mp-launches-focused-task-force-to-free-child-prostution-by-2019/articleshow/63720092.cms
4.https://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/Meerut-murder-rate-second-highest-in-India-NCRB-report/articleshow/48657843.cms
5.http://www.neighbourhoodinfo.co.in/crime/Uttar-Pradesh/Meerut
6.
http://crime-in-india.github.io/cities/Meerut/