संस्कृति और इतिहास से समृद्ध, हमारा शहर मेरठ, अपने जीवंत समुदाय और महत्वपूर्ण विकास के लिए हिंदी समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित होता है। अपने अनूठे बाज़ारों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए , प्रख्यात मेरठ, स्थानीय कार्यक्रमों, सांस्कृतिक उत्सवों और सामाजिक पहलुओं का केंद्र है। इस गतिशील शहर से निकलने वाली कहानियां, इसके निवासियों की आकांक्षाओं और लचीलेपन को दर्शाती हैं। अतः आज हम, भारत के शीर्ष हिंदी समाचार पत्रों एवं उनके संक्षिप्त इतिहास के बारे में चर्चा करेंगे। फिर हम तीन शीर्ष हिंदी समाचार पत्रों- दैनिक जागरण, अमर उजाला और दैनिक भास्कर – पर नज़र डालेंगे और उनकी उत्पत्ति, विकास और प्रभाव की जांच करेंगे।
वर्तमान घटनाओं, राजनीति, वैश्विक मामलों, खेल, व्यवसाय, अर्थव्यवस्था, और अन्य विभिन्न विषयों के बारे में ज्ञान तथा ख़बरें प्राप्त करने के लिए, समाचार पत्र, हर किसी की दिनचर्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं । भारत में 6700 से अधिक समाचार पत्र हैं, और समय के साथ इन समाचार पत्रों ने जो विश्वसनीयता बनाए रखी है, उसके कारण यह उद्योग हमेशा फलता-फूलता रहा है।
नीचे भारत के शीर्ष हिंदी समाचार पत्रों की सूची दी गई है:
•दैनिक भास्कर: यह भारत में सबसे अधिक प्रसारित होने वाला हिंदी समाचार पत्र है। इसे पहली बार 1958 में केवल मध्य प्रदेश के पाठकों को लक्षित करके प्रकाशित किया गया था। आज इस अख़बार की उपस्थिति मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़ और पंजाब में है। साथ ही, दैनिक भास्कर समूह के पास, कुल 65 प्रिंट संस्करण, 4 डिजिटल ऐप, और 9 ऑनलाइन पोर्टल हैं।
•दैनिक जागरण: यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा प्रसारित समाचार पत्र है। इसकी स्थापना, श्री पूरन चंद्र गुप्ता ने “लोगों की आवाज़” बनने के आदर्श वाक्य के साथ की थी। तब से, यह अख़बार इसी दिशा पर काम कर रहा है। यह समाचार पत्र पहली बार 1942 में झांसी से प्रकाशित हुआ था, और वर्तमान में इसका मुख्यालय कानपुर में है। इस अख़बार के दो सहयोगी – सिटी प्लस और आई नेक्स्ट । 2010 में, इसने ‘मिड डे’ का भी अधिग्रहण किया। यह समाचार पत्र, हिंदी भाषा के सबसे पुराने पत्रों में से एक है और इसने सबसे लंबे समय तक अपने दर्शकों को सफ़लतापूर्वक बनाए रखा है।
•अमर उजाला: 4.70 करोड़ दर्शकों के साथ, अमर उजाला, भारत का चौथा सबसे बड़ा अखबार है। इसके 21 अलग-अलग संस्करण हैं, जो देश के 6 राज्यों में 179 ज़िलों को कवर करते हैं। इस अख़बार की स्थापना आज़ादी के तुरंत बाद 1948 में आगरा में हुई थी। हालांकि वर्तमान में अमर उजाला हमारे शहर मेरठ से संचालित होता है। 26.75 लाख प्रतियों के साथ, यह समाचार पत्र उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड आदि में बहुत प्रसिद्ध है।
•हिंदुस्तान: पाठकों की संख्या के हिसाब से हिंदुस्तान भारत का दूसरा सबसे बड़ा समाचार पत्र है। यह अख़बार, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विविध लोगों की जिज्ञासाओं को पूरा करता है। हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड के इस अख़बार के अलावा, अंग्रेज़ी में दो और सहयोगी समाचार पत्र – हिंदुस्तान टाइम्स और मिंट हैं। इस अख़बार की जड़ें, स्वतंत्रता-पूर्व के वर्षों में स्थापित हैं और इसकी स्थापना विद्वान मदन मोहन मालवीय ने की थी। तब से यह समाचार पत्र निर्भीक पत्रकारिता के मार्ग पर चल रहा है।
•राजस्थान पत्रिका: राजस्थान पत्रिका राजस्थान और दिल्ली में एक प्रसिद्ध अख़बार है। हालांकि, यह मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में ‘पत्रिका’ नाम से प्रकाशित होता है। इस अख़बार की स्थापना 7 मार्च 1956 को श्री कर्पूर चंद कुलिश द्वारा की गई थी। राजस्थान पत्रिका लोगों की आवाज़ माना जाने वाला अख़बार है और मध्य प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों को कवर करने वाला एकमात्र समाचार पत्र है।
चलिए, अब इन समाचार पत्रों का इतिहास जानते हैं।
दैनिक जागरण का इतिहास-
दैनिक जागरण की स्थापना, पूरन चंद गुप्ता ने वर्ष 1942 में, जागरण समूह के तहत की थी। आज, इसकी पहुंच, भारत के 15 से अधिक शहरों में है और यह उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में उच्च पाठक संख्या वाला प्रमुख हिंदी समाचार पत्र है। जागरण समूह 13 राज्यों में 38 मुद्रण सुविधाओं से 5 अलग-अलग भाषाओं में 10 समाचार पत्र और पत्रिकाएं प्रकाशित करता है।
पूरन चंद गुप्ता के पुत्र श्री महेंद्र मोहन गुप्ता, दैनिक जागरण के संपादकीय निदेशक और कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं।
पूरन चंद्र जी ने दो वर्षों तक, प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था। 1937 में, उन्होंने अपने भाई के साथ धन्नाकुट्टी, कानपुर में ‘युगांतर’ नामक एक प्रिंटिंग प्रेस शुरू की थी। आंदोलन के लिए पत्रक छापने के साथ-साथ उन्होंने जीविकोपार्जन के लिए मुद्रण कार्य भी किया| बाद में आंदोलन के बारे में समाचार प्रकाशित करने के लिए, उन्होंने संप्रदाय के सदस्य जगदीश चंद्र कुलसिया के साथ 1939 में ‘स्वतंत्र’ नामक साप्ताहिक शुरू किया।
एक साल बाद, अंग्रेज़ों का ध्यान आकर्षित होने पर , उन्होंने अपना प्रेस झांसी में स्थानांतरित कर दिया। तब तक गुप्ता आंदोलन के काम और विज्ञापन सुरक्षित करने के लिए नियमित रूप से बॉम्बे, दिल्ली और मद्रास की यात्रा कर रहे थे। उन्हें दैनिक समाचार पत्र शुरू करने पर पूरा विश्वास था। इस प्रकार 1942 में झांसी में जागरण की शुरुआत हुई। उसके बाद कानपुर (1947), रीवा (1953) और भोपाल (1956) में इसके संस्करण शुरू हुए।
जबकि उस समय उत्तर प्रदेश के संस्करण ‘जागरण’ नाम से पंजीकृत थे, मध्य प्रदेश के संस्करण, जागरण (दैनिक) के तहत पंजीकृत थे। समूह ने तब से अपने पदचिह्न का विस्तार करते हुए अधिकांश उत्तरी हिंदी भाषी क्षेत्र, साथ ही पूर्व में कुछ स्थानों को कवर किया है, जिसमें 39 संस्करण शामिल हैं।
अमर उजाला का इतिहास-
अमर उजाला की शुरुआत, 18 अप्रैल 1948 को आगरा में में मुरारी सिंह माहेश्वरी और डोरी सिंह अग्रवाल द्वारा की गई थी। इस समाचार पत्र की वेबसाइट भारत में सबसे तेज़ी से बढ़ती हिंदी समाचार वेबसाइट में से एक है। इस अख़बार के 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में 20 संस्करण हैं। आज, इस अख़बार का स्वामित्व इसके संस्थापक – माहेश्वरी परिवार के वंशजों के पास है।
अमर उजाला पत्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और दिल्ली एनसीआर समेत उत्तर भारतीय क्षेत्र को कवर करता है। 1967 में, इसका बरेली संस्करण भी शुरु हुआ। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आगरा, बुलन्दशहर, अलीगढ, मथुरा, बरेली आदि जिलों का लोकप्रिय समाचार पत्र है। 11 दिसंबर 1968 से ‘अमर उजाला’ का प्रकाशन, मेरठ से भी होने लगा।
दैनिक भास्कर का इतिहास-
दैनिक भास्कर, डी.बी. कॉर्पोरेशन लिमिटेड के स्वामित्व वाला एक हिंदी समाचार पत्र है। इस अख़बार की स्थापना, रमेश चंद्र अग्रवाल ने 1958 में भोपाल में की थी। पिछले कुछ वर्षों में, इस अख़बार ने देश के 11 अन्य राज्यों तक अपनी पहुंच बढ़ा ली है, जिसमें बिहार, दिल्ली, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।
1948 में, दैनिक भास्कर समूह ने भोपाल में अपना पहला समाचार पत्र प्रकाशित किया था, लेकिन उस समय, इसका नाम ‘सुबह सवेरे’ था। उसी वर्ष, यह ग्वालियर में अंग्रेज़ी नाम – ‘गुड मॉर्निंग इंडिया’ से भी प्रकाशित हुआ। 1957 में, हालांकि, अख़बार का नाम बदलकर ‘भास्कर समाचार’ कर दिया गया। फिर, 1958 में, इसका नाम फिर से बदलकर दैनिक भास्कर कर दिया गया। भास्कर शब्द का अर्थ – “उगता हुआ सूरज” है।
1995 में यह मध्य प्रदेश का शीर्ष समाचार पत्र बन गया। इस कारण, यह निर्णय लिया गया कि इसे मध्य प्रदेश के बाहर भी फैलाया जाए। इसलिए, जयपुर को उपयुक्त स्थान माना गया। अतः, 1996 में जयपुर में एक अख़बार शुरू किया गया। यहां, इसने एक ही दिन में, 50,000 प्रतियां बेचकर दूसरा स्थान हासिल किया। बाद में, 19 दिसंबर 1996 को, दैनिक भास्कर ने पहली बार मध्य प्रदेश के बाहर कोई समाचार पत्र प्रकाशित किया। इस दिन 1,72,347 प्रतियां बेचकर, इसने शीर्ष पर रही राजस्थान पत्रिका को पछाड़ दिया और पहले स्थान पर आ गया। जबकि 1999 में राजस्थान में, यह प्रथम स्थान पर आया। इस सफ़लता को देखकर, चंडीगढ़ में भी समाचार पत्र प्रकाशित करने का विचार किया गया।
दरअसल, वहां अंग्रेज़ी अख़बार, हिंदी अख़बारों से 6 गुना ज़्यादा बिकते थे। इस दिशा में किए गए जनवरी 2000 के सर्वेक्षण से पता चला कि अंग्रेज़ी अख़बारों को उनकी गुणवत्ता के कारण, वहां पसंद किया जाता था। इसके बाद, इसने अपने कागज़ आदि की गुणवत्ता में और सुधार किया। इस प्रकार, मई 2000 मे, हिंदी के साथ, अंग्रेज़ी को मिलाकर इसका प्रकाशन शुरू हुआ। परिणामस्वरुप, यहां का शीर्ष अंग्रेज़ी अखबार – द ट्रिब्यून, भी दैनिक भास्कर के पीछे रह गया।
दूसरी ओर, जून 2000 में, दैनिक भास्कर ने 2,71,000 प्रतियों के प्रसार के साथ, हरियाणा में प्रवेश किया। 2006 में, दैनिक भास्कर की शुरुआत, अमृतसर और जालंधर संस्करणों के साथ हुई। बाद में, इसने पंजाब में लुधियाना और भटिंडा तक अपनी उपस्थिति का विस्तार किया। 2010 में, दैनिक भास्कर ने रांची संस्करण के साथ, झारखंड बाज़ार में प्रवेश किया। इसके बाद, जमशेदपुर और धनबाद संस्करण लॉन्च हुए।
संदर्भ
https://tinyurl.com/54axunpm
https://tinyurl.com/3kpnckht
https://tinyurl.com/yrvznd7t
https://tinyurl.com/23sjb8j4
https://tinyurl.com/yc3f6crt
चित्र संदर्भ
1. एकसाथ अख़बार पढ़ते लोगों को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
2. दैनिक भास्कर पढ़ते बुज़ुर्ग को संदर्भित करता एक चित्रण (pixahive)
3. विविध अख़बारों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. दैनिक भास्कर अख़बार की कतरन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)