मेरठ के फूलों से हमारे देश के कई पुष्प बाज़ार महक रहे हैं। मेरठ में फूलों की खेती करना एक लाभदायक व्यवसाय साबित हो रहा है। हमारे शहर के प्रगतिशील किसान, गुलाब, रजनीगंधा, गेंदा, ग्लैडियोलस, गुलदावरी और ज़रबेरा जैसे फूलों की खेती कर रहे हैं। उद्यान विभाग के अनुसार, मेरठ में लगभग, 1350 हेक्टेयर में फूलों की खेती की जा रही है। फूलों की खेती को फ़्लोरिकल्चर (Floriculture) कहा जाता है। यह आज भारत में एक तेज़ी के साथ बढ़ता हुआ उद्योग है। आज के इस लेख में हम देखेंगे कि फ़्लोरिकल्चर भारत को कैसे आर्थिक लाभ पहुँचाता है। इसके बाद, हम समझेंगे कि वैलेंटाइन दिवस (Valentine's Day) पर फूलों के आदान-प्रदान से भारत की अर्थव्यवस्था को कैसे बढ़ावा मिलता है। फिर, हम भारत में कुशल फूल उत्पादन के लिए उपयोगी ग्रीन हाउस (Greenhouse) तकनीक पर चर्चा करेंगे। इसके बाद हम अब, ताड़ के फूलों के आर्थिक महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे। अंत में, हम देखेंगे कि ताड़ के पेड़, पर्यावरणीय स्थिरता में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
फूलों की खेती, पुष्प किसानों को कैसे लाभान्वित कर रही है? फूल की खेती करने से भारत में रोज़गार के अवसर बढ़ते हैं। पुष्प कृषि के क्षेत्र में आज लाखों को कार्यरत हैं। किसान फूलों की खेती करते हैं और नर्सरी (Nursery) बनाते हैं। इसके अलावा, फूलों के कलाकार, नर्सरी के कर्मचारी और फूल विक्रेता भी इस उद्योग से लाभ कमाते हैं। भारत में कई तरह के फूलों की खेती की जाती है। इनमें से कई फूल विदेशों में भी बेचे जा सकते हैं। गुलाब, कारनेशन (Carnation) और ऑर्किड (Orchid) जैसे फूल, पूरी दुनिया में बहुत पसंद किए जाते हैं। विदेशों में इन फूलों की बिक्री से इस उद्योग में कार्यरत लोगों को अच्छी आय मिलती है। इसके अलावा फूलों की खेती से भारत में पर्यटन के अवसर भी बढ़ते हैं। उद्यान और फूलों की प्रदर्शनी में खूबसूरत भारतीय फूल दिखाए जाते हैं। इससे देश के पर्यटन उद्योग को फायदा पहुंचता है। इन फूलों को उगाने वाले किसानों को भी आय के नए स्रोत मिलते हैं। इससे उन्हें अलग-अलग प्रकार की खेती करने का मौका मिलता है। इसके परिणामस्वरूप, किसान पारंपरिक फसलों पर कम निर्भर हो सकते हैं और अतिरिक्त आय कमा सकते हैं।
किसानों और फूल विक्रेताओं के लिए फ़रवरी का महीना बहुत ही व्यस्तता और रौनक भरा होता है। दिलचस्प रूप से वेलेंटाइन दिवस पर होने वाली फूलों की से भी भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है। इस खास दिन हुई फूलों की बिक्री से भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) में छोटा सा योगदान जरूर जाता है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केंद्र (International Trade Centre) के अनुसार, 2021 में भारत से लगभग 45 मिलियन डॉलर के फूलों का निर्यात हुआ था। इस निर्यात में गुलाब सबसे लोकप्रिय फूल हैं। इस दिन हर गुलदस्ता एक आर्थिक गतिविधि की श्रृंखला शुरू करता है। यह श्रृंखला देश की जी डी पी (GDP) को मज़बूत बनाती है। किसान फूलों को बड़ी ही मेहनत से उगाते हैं। विक्रेता उन्हें खुशी से बेचते हैं। इस प्रक्रिया के हर चरण से अर्थव्यवस्था को लाभ होता है। फूलों की बिक्री से जो पैसा मिलता है, वह व्यक्तिगत व्यवसायों की मदद करता है। इससे रोज़गार के अवसर भी पैदा होते हैं।
भारत में फूलों के अच्छे उत्पादन के लिए ग्रीनहाउस प्रौद्योगिकी (Greenhouse Technology) का भी सहारा लिया जा रहा है।
फूलों की खेती करने में इच्छुक किसान अपनी जरूरत के अनुसार नीचे दिए किसी भी एक ग्रीनहाउस को अपनी भूमि में लगा सकते हैं।
कम लागत वाला ग्रीनहाउस: इस ग्रीनहाउस को 700-गेज पॉलीथीन शीट (Polyethylene Sheet) से बनाया जाता है। इसे बांस के सहारे खड़ा किया जाता है, जो सुतली और कीलों से बंधा होता है। इसका आकार, उपयोग और उपलब्ध स्थान पर निर्भर करता है। इस ग्रीनहाउस के अंदर का तापमान, बाहर की तुलना में 6 से 10 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है।
मध्यम लागत वाला ग्रीनहाउस: इस ग्रीनहाउस को 15 मिमी जी आई पाइप (GI Pipe) से बनाया जाता है। इसमें 800-गेज यूवी-स्थिरीकृत पॉलीथीन का आवरण लगाया जाता है। वेंटिलेशन (Ventilation) के लिए
इसमें थर्मोस्टेट (Thermostat) द्वारा नियंत्रित एग्ज़ॉस्ट पंखे (Exhaust Fan) का उपयोग किया जाता है। इसके भीतर एक कूलिंग पैड (Cooling Pad) भी होता है जो हवा को नम बनाता है। इसका फ़्रेम, लगभग 20 साल तक चलता है, जबकि आवरण की उम्र लगभग 2 साल होती है।
हाई-टेक ग्रीनहाउस (High-Tech Greenhouse): इस प्रकार के ग्रीनहाउस का तापमान, आर्द्रता और प्रकाश को पौधों की आवश्यकताओं के अनुसार स्वचालित रूप से नियंत्रित किया जाता है। इसके भीतर लगे सेंसर, इन मापदंडों की तुलना मानक मानों से करते हैं। समायोजन की आवश्यकता होने पर सिस्टम उपयुक्त उपकरणों को सक्रिय करता है। इसके भीतर तापमान सेंसर, हीटिंग या कूलिंग तंत्र और थर्मोस्टेट के साथ संचालित पंखा लगा होता है। भीतर की सापेक्ष आर्द्रता को ऑप्टिकल टैगिंग उपकरणों (Optical Tagging Devices) से मापा जाता है।
फूलों की कृषि करने के लाभ और तरीकों के बारे में अब हम अच्छे से जान चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताड़ के पेड़ भी आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होते हैं।
आइए अब कुछ लाभदायक ताड़ प्रजातियों और उनके उपयोगों के बारे में जानते हैं।:
1. अरेंगा पिनाटा (Arenga pinnata) - (काला चीनी ताड़ - Black Sugar Palm): यह ताड़, मलेशिया में पाया जाता है और इसकी ऊँचाई, लगभग 12 मीटर होती है। इस पेड़ में 20 से 28 पंख के आकार के पत्ते उगते हैं। इसके रस से चीनी, शराब और अरक (एक आसुत शराब) बनाई जाती है। इसके गूदे से सागो (Sago, एक प्रकार का स्टार्च) प्राप्त होता है। इसके पत्तों से नमी प्रतिरोधी फ़ाइबर भी मिलता है।
2. एटलिया कोह्यून (Attalea cohune) - (कोह्यून पाम - Cohune Palm): मध्य और दक्षिण अमेरिका में पाया जाने वाला यह ताड़, लगभग 18 मीटर ऊँचा होता है। इसके सीधे, पंख के आकार के पत्ते होते हैं। इसके बीजों से निकाले गए तेल का उपयोग साबुन बनाने में किया जाता है। दक्षिण अमेरिका के अमेज़ॅन क्षेत्र में ए. फ़्यूनिफ़ेरा (A. funifera) से जल प्रतिरोधी फ़ाइबर प्राप्त होता है।
3. बोरासस फ़्लेबेलिफ़र (Borassus flabellifer) - (पाल्माइरा पाम - Palmyra Palm): यह ताड़, उष्णकटिबंधीय एशिया में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई, लगभग 20 मीटर होती है। इसके पत्ते भी पंख के आकार के होते हैं। पौधे के विभिन्न भागों से निकाले गए फ़ाइबर का उपयोग झाड़ू, टोपी और चटाई बनाने में किया जाता है। इसके फल और बीज खाने योग्य होते हैं।
4. कोपर्निसिया प्रुनिफ़ेरा (Copernicia prunifera) - ( कार्नाउबा वैक्स पाम - Carnauba Wax Palm): यह ताड़ उष्णकटिबंधीय दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है और इसकी ऊँचाई लगभग 10 मीटर होती है। इसके पत्ते पंख के आकार के होते हैं। इसकी पत्तियों से कार्नाउबा मोम (Carnauba Wax) भी बनाया जाता है, जिसका उपयोग पॉलिश, वार्निश और मोमबत्तियों में किया जाता है।
5. एलाइस गुनीनेसिस (Elaeis guineensis) - ( अफ़्रीकी तेल ताड़ - African Oil Palm): यह ताड़ पश्चिमी और मध्य अफ़्रीका में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई, 18 मीटर या उससे अधिक होती है। इस पेड़ में 200 से 300 के गुच्छों में काले, अंडाकार फल उगे रहते हैं। फल के आवरण से और कर्नेल तेल बीज से ताड़ का तेल निकाला जाता है।
6. फ़ीनिक्स डेक्टाइलेफ़ेरा (Phoenix dactylifera) - (खजूर का पेड़ - Date Palm): यह पेड़, मध्य पूर्व का मूल निवासी है। इसे लगभग 6000 ईसा पूर्व से इसके फलों के लिए उगाया जा रहा है। इसकी ऊँचाई लगभग 30 मीटर होती है। एक पेड़, 100 साल या उससे अधिक समय तक, हर साल 250 किलोग्राम (550 पाउंड) खजूर दे सकता है।
7. रॉयस्टोनिया रेजिया (Roystonea regia) - (क्यूबा रॉयल पाम - Cuban Royal Palm): यह एक सीधा और सुंदर प्रजाति का वृक्ष होता है। यह पेड़, मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, वेस्ट इंडीज़ और उष्णकटिबंधीय अमेरिका में पाया जाता है। इसकी ऊँचाई, लगभग 30 मीटर होती है। इसमें सुंदर पंखदार पत्तियां और एक चिकना, हल्का भूरा तना होता है। इसे अक्सर सजावटी पौधे के रूप में उगाया जाता है।
हालांकि ताड़ के पेड़ों का महत्व केवल पर्यटकों को आकर्षित करने तक ही सीमित नहीं है। ये पेड़ स्थानीय समुदायों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संसाधन साबित होते हैं। जब ताड़ की अधिक संख्या में उगते हैं, तो लोग उनके फल, तेल और अन्य उत्पादों को बेचकर पैसे कमा सकते हैं। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में ताड़ के पेड़ों से निर्मित उत्पादों की मांग बहुत अधिक है।
ताड़ के पेड़ों का एक बड़ा लाभ यह भी है, कि ये पेड़ कई तरह से उपयोगी साबित होते हैं। लोग नारियल और खजूर जैसे फलों को बेच सकते हैं। ताड़ के तेल का उपयोग खाना, सौंदर्य प्रसाधन और जैव ईंधन (Biofuel) बनाने में होता है। इसके अलावा, ताड़ की पत्तियों का उपयोग टोकरियों, टोपियों और अन्य हस्तशिल्प बनाने में किया जा सकता है, जिससे स्थानीय कारीगरों की आय में वृद्धि होती है। ताड़ के पेड़, पर्यावरण के लिए भी फ़ायदेमंद साबित होते हैं। ये कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) को अवशोषित करते हैं, जिससे जलवायु परिवर्तन (Climate Change) के प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है। ताड़ के पेड़ लगाकर और उनकी देखभाल करके, आप ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) से लड़ने में योगदान कर सकते हैं। इस प्रकार, ताड़ के पेड़ न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/24hzfdhx
https://tinyurl.com/25hbng93
https://tinyurl.com/2bx8ohyn
चित्र संदर्भ
1. फूलों की क्यारी में बैठे माली को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
2. गुलाब के फूलों को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
3. मधुमालती (Rangoon Creeper) को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
4. गुड़हल (Hibiscus) को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
5. अरेंगा पिनाटा (Black Sugar Palm) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. कोपर्निसिया प्रुनिफ़ेरा (Carnauba Wax Palm) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. रॉयस्टोनिया रेजिया (Cuban Royal Palm) को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)