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हमारे रामपुर शहर में रेडिको खेतान (Radico Khaitan) और नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (National Insurance Company Limited) जैसी कई जानी-मानी कंपनियों के कारखाने और कार्यालय मौजूद हैं। इस तरह की दर्जनों छोटी-बड़ी कंपनियों में सैकड़ों कर्मचारी काम करते हैं। लेकिन, आधुनिक समय में स्वचालन अर्थात बिना इंसानी सहायता के काम कराने का चलन, बड़ी ही तेज़ी के साथ बढ़ रहा है। हालांकि स्वचालन के बढ़ते चलन से बेरोज़गारी की समस्या तो बढ़ रही है, लेकिन इसके कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं। खासकर खनन उद्योग में, जहाँ स्वचालन एक वरदान साबित हो रहा है। यह न केवल मालिकों के लिए बल्कि कर्मचारियों के लिए भी फ़ायदेमंद है। चलिए, जानते हैं कि स्वचालन, कैसे खनन क्षेत्र में सभी के लिए लाभकारी साबित हो रहा है।
पहले के समय में खनन का काम बहुत ही साधारण और पारंपरिक तरीकों से किया जाता था। उस समय, जितनी सामग्री की ज़रुरत होती थी, बस उतनी ही निकाली जाती थी। अक्सर, अतिरिक्त सामग्री, गहरी गुफाओं में तब तक पड़ी रहती थी, जब तक कि किसी को उसकी ज़रुरत नहीं होती।
लेकिन अब इस क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव आ रहा है। स्टैटिस्टा (Statista) के अनुसार, खनन में स्वचालन का बाज़ार, 2017 में $2.24 मिलियन था जिसके, 2026 तक बढ़कर, $4 मिलियन होने की उम्मीद है। यह एक बड़ी छलांग है।
खनन में स्वचालन का अर्थ स्व-चालित ट्रक, मशीनें और सॉफ़्टवेयर (Software) के उपयोग से है, जो प्रक्रियाओं को और भी बेहतर बनाते हैं। हालांकि खनन में मशीनों और वाहनों का उपयोग पहले से हो रहा था, लेकिन हाल के वर्षों में तकनीकी प्रगति ने इस गति को और भी बड़ा दिया है। स्वचालन सिर्फ खनन तक ही सीमित नहीं है। इसका उपयोग विनिर्माण, तेल और गैस, मोटर वाहन और निर्माण उद्योगों में भी किया जा रहा है।
स्वचालित खनन, मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
खनन स्वचालन सॉफ़्टवेयर (Mining Automation Software): इस सॉफ़्टवेयर का उपयोग, खनन कंपनियाँ अपने कार्यों पर बेहतर नियंत्रण पाने के लिए करती हैं। यह सॉफ़्टवेयर ऐसी रिपोर्ट तैयार करता है, जो प्रबंधकों को उत्पादकता को प्रभावित करने वाली समस्याओं की पहचान करने में मदद करती है। इससे जवाबदेही बढ़ती है और कंपनियों को अपने निवेश पर रिटर्न को समझने में मदद मिलती है।
खनन उपकरण स्वचालन (Mining Equipment Automation): कुछ कंपनियाँ खनन स्थलों पर उत्पादकता और सुरक्षा में सुधार के लिए उपकरण स्वचालन का सहारा ले रही हैं। इसमें रोबोटिक उपकरण और सॉफ़्टवेयर का प्रयोग शामिल हैं, जो वाहनों या मशीनों को स्वचालित रूप से संचालित करते हैं।
खनन उपकरण स्वचालन के चार प्रमुख प्रकार होते हैं, जो खनन कार्य को और भी आसान और सुरक्षित बनाते हैं:
⦾ रिमोट कंट्रोल (Remote Control): इस प्रणाली में ऑपरेटर दूर से मशीनों को नियंत्रित करते हैं। ठीक वैसे ही जैसे विडियो गेम में किया जाता है! लेकिन इस स्थिति में वास्तविक मशीनों का प्रयोग होता है!
⦾ टेलीऑपरेशन (Teleoperation): इस प्रणाली में ऑपरेटर वास्तविक समय (Real-Time) में मशीनों को देख और नियंत्रित कर सकते हैं।
⦾ ड्राइवर असिस्ट (Driver Assist): इस प्रणाली में मशीनें ड्राइव करते समय ऑपरेटरों को सहायता प्रदान करती हैं। जैसे कुछ गाड़ियों में पार्किंग असिस्टेंट होता है, जो आपको सही जगह पर पार्क करने में मदद करता है।
⦾ पूर्ण स्वचालन (Full Automation): इस प्रणाली में मशीनें पूरी तरह से स्वचालित होती हैं और मानव इनपुट की आवश्यकता नहीं होती।
इन तकनीकों का उपयोग करके, खनन कंपनियाँ, अपनी दक्षता और सुरक्षा को बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा, स्वचालन के कई अन्य लाभ भी हैं:
⦾ बेहतर निगरानी के साथ सुरक्षित खनन: गहरी खदानों में काम करना जोखिम भरा होता है। इस श्रमिकों को खराब वायु गुणवत्ता और तंग स्थानों जैसे ख़तरों का सामना करना पड़ता है। लेकिन स्वचालन, इन ख़तरों को कम कर सकता है। स्वचालित सिस्टम, खदान के वातावरण की निगरानी करते हैं, जिससे किसी भी समस्या का जल्दी पता लगाया जा सकता है। जैसे ही ख़तरा महसूस होता है, श्रमिकों को तुरंत सतर्क किया जा सकता है।
⦾ पर्यावरण के अनुकूल खनन: खनन प्रक्रिया, अक्सर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाती है। लेकिन स्वचालन यहाँ भी मदद कर सकता है। यह खदानों को उनके पर्यावरणीय प्रभाव को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में सहायता करता है। इससे अपशिष्ट को सीमित और मशीनों से होने वाले हानिकारक उत्सर्जन को कम किया जा सकता है।
⦾ श्रमिकों के लिए कम ख़तरे: स्वचालन के बाद, खदान के ख़तरनाक क्षेत्रों में मानव श्रमिकों की आवश्यकता कम होती है। इसका मतलब है कि कम लोग जोखिम में होते हैं। स्वचालित सिस्टम, यह सुनिश्चित करते हैं कि कार्य सही तरीके से किए जाएँ, जिससे मानवीय भूल की संभावना भी कम हो जाती है।
⦾ ड्रोन (Drones): ड्रोन और रोबोट जैसे स्वचालित उपकरण, जोखिम भरे क्षेत्रों में सुरक्षा मुद्दों की जांच करने के लिए श्रमिकों की जगह ले सकते हैं। कैमरे वाले ड्रोन, चट्टानों में दरारों जैसे ख़तरों की पहचान कर सकते हैं और उन तंग और जलभराव वाली जगहों तक पहुँच सकते हैं जहाँ लोगों का पहुँचना मुश्किल होता है।
इस तरह, खनन में स्वचालन न केवल कार्य को आसान बनाता है, बल्कि सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से भी फ़ायदेमंद है।
जिन मशीनों को ज़मीन के ऊपर से नियंत्रित किया जा सकता है, उन्हें स्वायत्त खनन उपकरण (Autonomous Mining Equipment) कहा जाता है। इनमें रोबोटिक पार्ट्स और स्मार्ट सॉफ़्टवेयर (Smart Software) का उपयोग किया जाता है, जो इन्हें नियमित ट्रकों और उत्खननकर्ताओं से उन्नत बनाते हैं।
इन उपकरणों के कुछ सामान्य उदाहरण हैं:
• ट्रक (Truck)
• लोडर (Loader)
• ढुलाई वाहन (Hauling Vehicle)
• उत्खननकर्ता (Excavator)
• डोज़र (Dozer)
• ड्रिलिंग रिग (Drilling Rig)
इन मशीनों के प्रभावी संचालन के लिए खदानों में औद्योगिक वायरलेस नेटवर्क (Industrial Wireless Network) और औद्योगिक राउटर (Industrial Router) जैसी संचार तकनीकों की आवश्यकता होती है।
स्वायत्त खनन उपकरण कैसे काम करते हैं?
स्वायत्त खनन उपकरण, रोबोटिक पार्ट्स, स्मार्ट सॉफ़्टवेयर, जी पी एस (GPS) और इंटरनेट कनेक्शन के आपसी संयोजन से कार्य करते हैं। ये सभी घटक मिलकर ऑपरेटरों को ज़मीन के ऊपर एक सुरक्षित स्थान से भारी मशीनों को नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करते हैं।
जी पी एस तकनीक के माध्यम से, स्वचालित वाहनों के पास खदान के विस्तृत नक्शे होते हैं, जिनमें ढुलाई के मार्ग भी शामिल होते हैं। ये मार्ग, वास्तविक समय (Real-Time) में अपडेट होते रहते हैं, जिससे ऑपरेटरों को सामग्री को सुरक्षित और कुशलतापूर्वक ढोने, डंप करने और लोड करने में मदद मिलती है।
उपयोग किए जाने वाले सॉफ़्टवेयर के आधार पर, स्वायत्त (Autonomous) खनन उपकरण में निम्नलिखित सुविधाएँ हो सकती हैं:
• बेड़े की ट्रैकिंग (Fleet Tracking)
• अर्ध-स्वायत्त संचालन (Semi-Autonomous Operation)
• पूर्ण-स्वायत्त संचालन (Fully Autonomous Operation)
• रिमोट मशीन संचालन (Remote Machine Operation)
• एक केंद्रीय नियंत्रण प्रणाली (Central Control System), जो ऑपरेटरों को वाहन की निगरानी करने और ब्रेकडाउन या रुकावट की स्थिति में नियंत्रण लेने की अनुमति देती है।
भविष्य में खनन में स्वायत्तता के कई स्तर विकसित किए जा सकते हैं:
⦾ स्तर 1: बुनियादी सहायता (Basic Assistance): इस स्तर पर, सिस्टम खदानों के संचालन में सहायता प्रदान करते हैं। इस दौरान, मानव कर्मचारी को दूर से निर्णय समर्थन या अन्य सहायता मिलती है। उदाहरण के लिए, सॉफ़्टवेयर, भूमिगत खदानों में वाहनों का पता लगाने में मदद कर सकता है।
⦾ स्तर 2: सीमित स्वायत्तता (Limited Autonomy): इस स्तर पर, कुछ विशिष्ट स्थितियों में स्वायत्तता का परिचय दिया जाता है। मानव ऑपरेटर के आदेश पर, स्वचालन प्रणाली नियंत्रण ले लेती है। लेकिन ऐसा केवल छोटी अवधि के लिए होता है।
⦾ स्तर 3: अधिक नियंत्रण (Greater Control): इस स्तर पर, स्वचालित सिस्टम कुछ स्थितियों में कार्यभार संभालते हैं। ऑपरेटर, मशीन को समाधान प्रदान करते हैं और बैकप के रूप में कार्य करते हैं। इस दौरान, खदान के वातावरण की निगरानी पूरी तरह से सिस्टम द्वारा की जाती है।
⦾ स्तर 4: एडवांस्ड लर्निंग (Advanced Learning): इस स्तर पर, सिस्टम कुछ हालातों पर पूरा नियंत्रण रखता है और अपनी पिछली गलतियों से सीखता है। इससे वह समस्याओं का बेहतर अनुमान लगा सकता है और उन्हें हल कर सकता है।
⦾ स्तर 5: पूर्ण स्वायत्तता (Full Autonomy): यह स्वायत्तता का सबसे ऊंचा स्तर है। इस स्तर पर, सिस्टम सभी हालात में पूरी तरह से अपने आप काम करता है और इसे किसी भी मानवीय मदद की ज़रुरत नहीं होती।
इस तरह, स्वायत्त खनन उपकरण, न केवल खनन कार्य को अधिक कुशल बनाते हैं, बल्कि सुरक्षा और उत्पादकता में भी सुधार करते हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/ywoeqcgp
https://tinyurl.com/ynjgxc78
https://tinyurl.com/ytbxop8k
https://tinyurl.com/ytrtqxfn
https://tinyurl.com/ylfulrgj
चित्र संदर्भ
1. भूमिगत खनन मशीन को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. विशालकाय खनन मशीन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. एक साथ कई खनन मशीनों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. खदान के भीतर ड्रोन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. एल एच डी (लोड, हॉल, डंप) नामक भूमिगत खुदाई करती मशीन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. खनन मशीन को देखते व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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