भारत के पूर्व राष्ट्रपति और 'मिसाइलमैन' ए पी जे अब्दुल कलाम साहब ने कहा था, "इससे पहले कि आपके सपने सच हों, आपको नए सपने देखने होंगे।" मेरठ वासियों का, शहर के भीतर, मेट्रो से सफ़र करने का वर्षों पुराना सपना आज हकीकत बन चुका है। अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं वाली नई मेरठ मेट्रो ट्रेनों का अनावरण किया जा चुका है, और इसे भारत की ‘सबसे तेज़’ मेट्रो सेवा माना जा रहा है। इसके कोच को 135 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस सपने के साकार होने के बाद, अब हमारा नया सपना होना चाहिए "शहर के भीतर हवाई अड्डा बनाना।" मेरठ के पास अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है। हमारा निकटतम हवाई अड्डा, नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो यहाँ से लगभग 80 किमी दूर स्थित है। आज के लेख में, हम भारत में हवाई यात्रा के फ़ाएदे और इससे जुड़े दिलचस्प आंकड़ों पर चर्चा करेंगे | साथ ही, हम, हवाई यात्रा से जुड़ी कुछ चुनौतियों को भी समझेंगे।
आइए शुरुआत इस बात को समझने से करते हैं कि भारत के लोग, रेलवे और अन्य परिवहन विकल्पों के बावजूद, हवाई यात्रा का विकल्प क्यों चुन रहे हैं:
यात्रा की सुविधा: हवाई यात्रा, ट्रेन यात्रा की तुलना में अधिक तेज़ होती है। आज की व्यस्त दुनिया में, समय बहुमूल्य है। सरकारी डेटा के अनुसार, घरेलू स्तर पर की गई 25% हवाई यात्राएँ, 500 किलोमीटर से कम की दूरी पर की जाती हैं। पहले यह दूरी मुख्य रूप से ट्रेनों द्वारा तय की जाती थी। लेकिन अब अधिकांश लोग, इस दूरी को तय करने के लिए भी हवाई यात्रा करना पसंद कर रहे हैं।
निर्धारित आगमन और प्रस्थान: ट्रेन का शेड्यूल, अक्सर अविश्वसनीय हो सकता है, जिससे यात्रियों को असुविधा होती है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General) रिपोर्ट के अनुसार, भारत की तथाकथित "तेज़ ट्रेनों" में से 95% ट्रेनें, अक्सर देरी से चलती हैं। हालांकि हवाई यात्रा की भी अपनी चुनौतियाँ हैं, लेकिन हवाई अड्डों पर आरामदायक लाउंज (Lounge) होते हैं जहाँ आप अपनी उड़ान का इंतज़ार कर सकते हैं।
स्वच्छता: हवाई यात्रा का विकल्प चुनने के पीछे, स्वच्छता बहुत बड़ा कारण है। विमान ट्रेनों की तुलना में अधिक साफ़ होते हैं, खासकर तब जब बात खाने और शौचालय की आती है। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (Comptroller and Auditor General) की एक हालिया रिपोर्ट ने ट्रेनों में खाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर प्रकाश डाला और बताया कि ट्रेनों में कंबल और लिनेन अक्सर महीनों तक साफ़ नहीं किए जाते। इससे यह स्पष्ट होता है कि कई लोग, ट्रेन के बजाय, हवाई यात्रा करना क्यों पसंद करते हैं।
बेहतर एयरलाइन सेवाएँ: एयरलाइंस, ट्रेनों की तुलना में बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान करती हैं। उड़ान के दौरान, आप आसानी से फ़्लाइट अटेंडेंट (Flight Attendant) से मदद मांग सकते हैं। वे आपकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ख़ासतौर पर प्रशिक्षित होते हैं।
सामान की सुरक्षा: ट्रेन से यात्रा करते समय, यात्रियों को अक्सर अन्य यात्रियों के बीच अपने सामान को रखने के लिए जगह खोजने में संघर्ष करना पड़ता है। कई लोग सोते समय भी अपने बैग के खो जाने की चिंता में रहते हैं। लेकिन हवाई यात्रा के दौरान, आमतौर पर यह समस्या नहीं आती।
समय और पैसे की बचत: उड़ान योजना (UDAN) जैसी नई सरकारी योजनाएं एक घंटे की यात्रा के लिए, 2500 रुपये से भी कम में उड़ानें प्रदान करती हैं । इसका मतलब है कि लोग, ट्रेन टिकट के समान कीमत पर अधिक आराम और समय बचाते हुए यात्रा कर सकते हैं।
चलिए अब जानते हैं कि उड़ान (UDAN) योजना क्या है और यह भारतीय विमानन उद्योग की किस प्रकार से मदद कर रही है? उड़ान (UDAN) योजना, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सराहनीय पहल है। इस पहल का पूरा नाम "उड़े देश का आम नागरिक (Ude Desh Ka Aam Nagrik)" है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य, भारत के छोटे शहरों, जिन्हें टियर II और टियर III शहर कहा जाता है, में हवाई यात्रा को सस्ता और सुलभ बनाना है।
इस योजना के तहत, केंद्र सरकार, हवाई यात्रा से जुड़े कुछ करों को कम करने की योजना बना रही है। उदाहरण के लिए, इसके तहत मूल्य वर्धित कर (Value Added Tax) को 2% तक घटाया जाएगा। साथ ही, सेवा कर को सामान्य दर के दसवें हिस्से तक कम किया जाएगा। इसके अलावा, इस योजना में शामिल हवाई अड्डों को उड़ान कोड साझा करने की अधिक स्वतंत्रता दी जाएगी।
उड़ान योजना का समर्थन करने के लिए एक क्षेत्रीय संपर्क निधि (Regional Connectivity Fund) बनाई जाएगी, जिसे कुछ उड़ानों पर कर लगाकर वित्तपोषित किया जाएगा। राज्यों से इस निधि में 20% योगदान देने की अपेक्षा की जाती है। सरकार का कहना है कि यदि इन उड़ानों का उपयोग करने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ती है, तो व्यवहार्यता अंतर निधि (Viability Gap Funding) की आवश्यकता कम हो जाएगी। यह निधि, तीन साल बाद समाप्त हो जाएगी। यह उम्मीद की जा रही है कि तब तक, पूरा उड़ान मार्ग, वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर हो जाएगा।
उड़ान योजना के मुख्य उद्देश्य:
क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाना: इस योजना के तहत, उन हवाई अड्डों को जोड़ने का प्रयास किया गया है, जिनकी सेवा बहुत खराब है। इससे दूरदराज़ के क्षेत्रों में यात्रा करना आसान होगा।
हवाई यात्रा को किफ़ायती बनाना: इस योजना का लक्ष्य हवाई यात्रा को अधिक लोगों के लिए सुलभ बनाना है। इस प्रकार, किराए में कमी आएगी और अधिक लोग हवाई यात्रा कर सकेंगे।
समावेशी विकास को बढ़ावा देना: यह योजना, विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित विकास को प्रोत्साहित करती है। इससे लोगों, वस्तुओं और सेवाओं का स्थानांतरण आसान होगा, जिससे पर्यटन बढ़ेगा, रोज़गार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
आइए भारत के कुछ सबसे व्यस्त घरेलू एयरलाइन मार्गों (Domestic Airline Routes) पर एक नज़र डालते हैं:
दिल्ली से मुंबई: दिल्ली और मुंबई के बीच के हवाई मार्ग को देश के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक माना जाता है। इस रूट पर प्रतिदिन 56 उड़ानें संचालित होती हैं। एयर इंडिया, इस मार्ग पर 29 उड़ानें प्रदान करता है, जबकि इंडिगो 20 उड़ानें चलाता है। यहाँ पर बड़े विमानों, जैसे कि एयरबस A321neo (Airbus A 321neo) का उपयोग किया जाता है। यह विमान, एक बार में 220 से अधिक यात्रियों को ले जा सकता है। एयर इंडिया, अपने बेड़े में दो बोइंग 777 (Boeing 777) और सात A321 विमानों का भी उपयोग करता है।
मुंबई से बेंगलुरु: इस मार्ग पर प्रतिदिन 39 उड़ानें संचालित होती हैं। इसमें एक नई एयरलाइन, अकासा (Akasa), भी शामिल हुई है, जो प्रतिदिन सात उड़ानें संचालित करती है। इंडिगो, इस मार्ग पर 15 उड़ानें संचालित करता है, जिनमें से 11 में, A321neo विमानों का उपयोग होता है। एयर इंडिया समूह की इस मार्ग पर 16 उड़ानें हैं। इसके अलावा, नया नवी मुंबई हवाई अड्डा, भविष्य में इस मार्ग को प्रभावित कर सकता है। विस्तारा (Vistara) भी इस मार्ग पर एक उड़ान संचालित करता है।
दिल्ली से बेंगलुरु: दिल्ली से बेंगलुरु के मार्ग पर प्रतिदिन 38 उड़ानें संचालित होती हैं। यहाँ इंडिगो 15 उड़ानें और एयर इंडिया समूह 19 उड़ानें प्रदान करता है, जिसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस की दो उड़ानें शामिल हैं। इस मार्ग पर उच्च क्षमता वाले विमानों का उपयोग किया जाता है, जिनमें सभी इंडिगो उड़ानें और एयर इंडिया समूह की पांच उड़ानें, एयरबस A321 का उपयोग करती हैं। भविष्य में और अधिक उड़ानों के शामिल होने की उम्मीद है, क्योंकि दिल्ली में एक नया रनवे खुल रहा है।
दिल्ली से हैदराबाद: इस मार्ग पर इंडिगो और टाटा समूह के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है। यहाँ इंडिगो , 11 दैनिक उड़ानों के साथ सबसे आगे है, जबकि टाटा समूह 10 उड़ानें प्रदान करता है।
दिल्ली से पुणे: अकासा ने हाल ही में व्यस्त दिल्ली से पुणे मार्ग पर अपनी उड़ान शुरू की है। एयर इंडिया समूह, इस मार्ग पर 12 दैनिक उड़ानों के साथ सबसे आगे है, जबकि इंडिगो 9 दैनिक उड़ानें प्रदान करता है।
इन सभी मार्गों पर हवाई यात्रा की उच्च मांग और प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है, जिससे यात्रियों को बेहतर सेवाएँ मिल रही हैं।
हालांकि भारत के भीतर अंतरराज्यों में हवाई यात्रा की मांग असामन छू रही है, लेकिन वहीँ अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा की मांग, कछुए की चाल से बढ़ रही है। हाल के समय में देखा गया कि भारत से अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की संख्या में वृद्धि नहीं हो रही है। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं।
उदाहरण के तौर पर, थाईलैंड और मलेशिया जैसे देशों ने भारतीय यात्रियों को आकर्षित करने के लिए वीज़ा-मुक्त यात्रा (Visa-Free Travel) या आगमन पर वीज़ा (Visa on Arrival) की सुविधा दी है, जिससे लोग इन देशों की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। इसके अलावा, दक्षिण पूर्व एशिया के लिए उड़ान कनेक्शन भी बेहतर हो गए हैं, जिससे वहाँ की यात्रा करना आसान हो गया है।
हालांकि, जब बात यूरोप और उत्तरी अमेरिका की आती है, तो स्थिति बदल जाती है। यूरोप में 2022 से चल रहे संघर्षों के कारण वहाँ की यात्रा करना ख़तरे से खाली नहीं है। इसके अलावा, शेंगेन देशों का वीज़ा प्राप्त करने में भी देरी हो रही है। अमेरिका और कनाडा की उड़ानों पर भी असर पड़ा है, क्योंकि अमेरिकी एयरलाइंस (American Airlines) अब रूसी हवाई क्षेत्र का उपयोग नहीं कर सकतीं, जिससे कुल यातायात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
अमेरिका के लिए वीज़ा प्रक्रिया भी शेंगेन देशों के जितनी ही जटिल है। हालांकि, पिछले एक साल में भारतीय एयरलाइनों ने अपने अंतर्राष्ट्रीय मार्गों का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित किया है। एयर इंडिया समूह अपनी मुख्य एयरलाइन से कुछ उड़ानों को अपने बजट वाहक, एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) में स्थानांतरित कर रहा है। वे इंडोनेशिया, वियतनाम और मध्य एशिया तथा अफ़्रीका के कुछ हिस्सों में नए गंतव्यों की भी खोज कर रहे हैं।
इस प्रकार, भारत में हवाई यात्रा के क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं, लेकिन साथ ही कुछ चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं। हवाई यात्रा की बढ़ती मांग और नए मार्गों के विकास के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में हवाई यात्रा और अधिक सुलभ और किफ़ायती होगी।
संदर्भ
https://tinyurl.com/2ajsskwf
https://tinyurl.com/23mpfyb7
https://tinyurl.com/2aost4ps
https://tinyurl.com/26rrl23u
चित्र संदर्भ
1. ज़मीन पर उतरते विमान को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. नई दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. फ़्लाइट अटेंडेंट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. उड़े देश का आम नागरिक लेखन को संदर्भित करता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
5. एक हवाई अड्डे पर अतुलनीय भारत (Incredible India) के विज्ञापन को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
6. 2021-22 में, भारत के शीर्ष 20 सबसे व्यस्त हवाई अड्डों के स्थानों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. हवाई अड्डे पर इंतज़ार करते यात्रियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)