Post Viewership from Post Date to 01-Nov-2024 (31st) Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2714 95 2809

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

अच्छे मेडिकल कॉलेज तलाश रहे मेरठवासी, इनसे किन सुविधाओं की अपेक्षा करें ?

मेरठ

 01-10-2024 10:03 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति
यदि आप चिकित्सा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको मेरठ शहर से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। हमारे अपने शहर में कई प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज हैं, जहाँ आप एम बी बी एस (MBBS) की पढ़ाई कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (Lala Lajpat Rai Memorial Medical College) को मेरठ के सबसे सम्मानित शिक्षण संस्थानों में गिना जाता है। इसे अपनी उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा के लिए जाना जाता है।
इसके अलावा, सुभारती मेडिकल कॉलेज (Subharti Medical College) भी एक बेहतरीन विकल्प है जहाँ एम बी बी एस के साथ-साथ, विभिन्न स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। इन दोनों के अलावा, मेरठ में तीर्थंकर महावीर मेडिकल कॉलेज (Tirthankar Mahavir Medical College) भी है, जो एम बी बी एस सहित कई चिकित्सा कार्यक्रम प्रदान करता है।
लेकिन आज, हम मेरठ की सीमाओं को पार करते हुए भारत के कुछ सर्वश्रेष्ठ मेडिकल संस्थानों पर एक नज़र डालेंगे। हम इन संस्थानों की विशेषताओं और इनके द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का विश्लेषण करेंगे। अंत में, हम भारत में चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने के अवसरों और संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। चलिए, इस यात्रा की शुरुआत करते हैं।
पिछले एक दशक में भारत की चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। ये बदलाव न केवल छात्रों के लिए नए अवसरों का द्वार खोल रहे हैं, बल्कि देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को भी सशक्त बना रहे हैं। उदाहरण के लिए, 2023-24 के दौरान भारत में 702 नए मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) की स्थापना का लक्ष्य रखा गया था, जबकि 2013-14 में इनकी संख्या केवल 387 थी। इसका मतलब है कि पिछले दस वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 81 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
साथ ही, स्नातक पाठ्यक्रम, विशेषकर एम. बी. बी. एस.की सीटों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। 2013-14 में जहाँ इन सीटों की संख्या 51,348 थी , जो अब 2023-24 में बढ़कर 108,990 तक पहुंच गई हैं। यह लगभग 110 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। ये बदलाव और नए कानून भारत में आधुनिक चिकित्सा शिक्षा को एक नई दिशा दे रहे हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। साथ ही,ये बदलाव वैश्विक मानकों के अनुरूप भी है।
भारत की चिकित्सा पद्धति को विनियमित करने के लिए लाइसेंसिएट ऑफ़ मेडिकल प्रैक्टिस (Licentiate of Medical Practice) की स्थापना की गई, और 1958 में मेडिकल रजिस्ट्रेशन एक्ट (Medical Registration Act) लागू हुआ। हाल के वर्षों में, 2019 में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission) अधिनियम का गठन भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा है। हालांकि, भारत को दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सा शिक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है, लेकिन हमारी चिकित्सा की गुणवत्ता में व्यापक भिन्नता देखने को मिलती है। हमारे समक्ष, एक प्रमुख चुनौती मेडिकल कॉलेजों का असमान वितरण है। अधिकांश कॉलेज शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी महसूस होती है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की अत्यधिक आवश्यकता है।
इसके अलावा, चिकित्सा अनुसंधान के लिए, धन आवंटन की कमी भी एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। मेडिकल कॉलेजों में एक मज़बूत शोध पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है। यदि हम इस दिशा में कदम बढ़ाते हैं, तो चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में बड़े सुधार देखने को मिल सकते हैं।
हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारत में कुल 706 मेडिकल कॉलेजों में लगभग 108,915 एम. बी. बी. एस. सीटें उपलब्ध हैं। इनमें से लगभग 55,000 सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों (Government Medical Colleges) के लिए हैं, जबकि शेष सीटें निजी कॉलेजों (Private Colleges) में हैं। इन सीटों में से 15% कोटा सीटों का आवंटन मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (Medical Counseling Committee) द्वारा किया जाएगा, जबकि बाकी 85% सीटों का प्रबंधन राज्य प्राधिकरण द्वारा नीट काउंसलिंग 2024 (NEET Counseling 2024) के माध्यम से किया जाएगा।
अब चलिए, एक नज़र भारत के शीर्ष मेडिकल संस्थानों पर डालते हैं:
⦿ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)- All India Institute of Medical Sciences), दिल्ली
⦿ पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ((PGIMER)- Post Graduate Institute of Medical Education and Research), चंडीगढ़
⦿ क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज ((CMC)- Christian Medical College), वेल्लोर
⦿ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज़ ((NIMHANS)- National Institute of Mental Health and Neuro Sciences), बेंगलुरु
⦿ जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ़ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च ((JIPMER)- Jawaharlal Institute of Postgraduate Medical Education and Research), पुडुचेरी
⦿ संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज़ (Sanjay Gandhi Postgraduate Institute of Medical Sciences), लखनऊ
⦿ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ((BHU)- Banaras Hindu University), वाराणसी
⦿ अमृता विश्व विद्यापीठम (Amrita Vishwa Vidyapeetham), कोयंबटूर
⦿ कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज (Kasturba Medical College), मणिपाल
⦿ मद्रास मेडिकल कॉलेज और गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल (Madras Medical College and Government General Hospital), चेन्नई
इन संस्थानों में शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की एक समृद्ध परंपरा रही है। यह परंपरा, छात्रों को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा शिक्षा प्रदान करती है। एक आदर्श मेडिकल कॉलेज का बुनियादी ढांचा छात्रों को एक प्रेरणादायक और समृद्ध वातावरण में पढ़ाई करने का अवसर देता है।
एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में आप निम्नलिखित सुविधाओं की उम्मीद कर सकते हैं:
भौतिक बुनियादी ढांचा: कॉलेज में आरामदायक कक्षाएँ, सेमिनार हॉल, बोर्ड रूम और चर्चा कक्ष होते हैं, जो सभी आधुनिक फ़र्नीचर से सुसज्जित होते हैं। इनमें ओ एच पी (OHP), एल सी डी (LCD),और डी एल पी (DLP) प्रोजेक्टर जैसी तकनीकें उपलब्ध होती हैं, जिससे छात्रों को एक इंटरैक्टिव अनुभव (Interactive Experience) मिलता है। इसके अलावा, मल्टीमीडिया-सक्षम व्याख्यान (Multimedia-enabled Lectures) जैसी सुविधाएँ, छात्रों के लिए सीखने की प्रक्रिया को और भी रोचक बनाती हैं। यहाँ, ट्यूटोरियल कार्यशालाओं (Tutorial Workshops) के लिए विशेष सुविधाएँ भी उपलब्ध होती हैं।
कौशल प्रयोगशाला: यहाँ छात्रों के लिए एक समर्पित कौशल प्रयोगशाला होती है, जो उन्हें नए कौशल सीखने और अभ्यास करने के लिए एक सुरक्षित और सहयोगी वातावरण प्रदान करती है।
संग्रहालय: मेडिकल स्कूल में संग्रहालय, एक महत्वपूर्ण शैक्षिक संसाधन होते हैं। संग्रहालय, छात्रों को ज्ञान की गहराई से समझने का अवसर प्रदान करते हैं।
यहाँ कुछ प्रमुख संग्रहालय होते हैं:
⦿ एनाटमी संग्रहालय (Anatomy Museum)
⦿ पैथोलॉजी संग्रहालय (Pathology Museum)
⦿ फ़ार्माकोलॉजी संग्रहालय (Pharmacology Museum)
⦿ माइक्रोबायोलॉजी संग्रहालय (Microbiology Museum)
छात्रावास: कॉलेज में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग छात्रावास की सुविधाएँ होती हैं। इन्हें, छात्रों की ज़रूरतों और बजट के अनुसार डिज़ाइन किया जाता है। यहाँ, 24 घंटे वाई- फ़ाई कनेक्टिविटी (Wi-Fi Connectivity) उपलब्ध होती है, जिससे छात्रों को अध्ययन में कोई रुकावट नहीं होती।
खेलकूद और शारीरिक गतिविधियाँ: कॉलेज परिसर में खेलकूद की सुविधाएँ, छात्रों के शारीरिक विकास और खेल भावना को बढ़ावा देती हैं। यहाँ क्रिकेट, बास्केटबॉल, फ़ुटबॉल, वॉलीबॉल, टेबल टेनिस और हॉकी जैसे प्रमुख खेलों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इंट्रा-कॉलेज (Intra-College) और इंटरकॉलेजिएट मैच (Intercollegiate Matches), साथ ही खेल दिवस जैसे कार्यक्रम छात्रों को अपनी प्रतिभा और कौशल को प्रदर्शित करने के कई अवसर प्रदान करते हैं।
इस प्रकार, एक अच्छे मेडिकल कॉलेज का बुनियादी ढांचा, न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है, बल्कि छात्रों के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइए, इस प्रेरणादायक यात्रा का हिस्सा बनें और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अपने सपनों को साकार करें।

संदर्भ

https://tinyurl.com/27w9ewwm
https://tinyurl.com/274ctl9z
https://tinyurl.com/222watbu
https://tinyurl.com/2a6n46cn
https://tinyurl.com/25ajgrng

चित्र संदर्भ

1. बी आर डी मेडिकल कॉलेज,गोरखपुर को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. सरकारी मेडिकल कॉलेज, तिरुवनंतपुरम के गेट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. मेडिकल की तैयारी करती छात्राओं को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. राजकीय मेडिकल कॉलेज, बदायूँ को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5.नलबाड़ी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id