मेरठ जिला गन्ने के उत्पाद के लिए जाना जाता है। मेरठ में प्रति हेक्टेयर 708 क्विंटल गन्ने का उत्पाद होता है जो कि प्रदेश के कई जिलों से कही अधिक है। किसी भी फसल की खेती उससे जुड़े उद्योग और व्यापार को भी बढ़ावा देती है, कृषि सम्बंधित उद्योगों के बढ़ने से खाद्य समस्या का हल तो निकलता ही है और साथ ही साथ रोजगार भी। मेरठ में गन्ने की खेती में बढ़ोतरी का पूरा श्रेय यहाँ उपस्थित चीनी मिलों और गुड़ बनाने के उद्योगों के कारण संभव हो पाया है।
एक समय ऐसा भी था जब मेरठ ही नहीं पूरे उत्तरप्रदेश में लोग गन्ने की खेती से विमुख हो चुके थे परन्तु कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा किये गए प्रयोग और गन्ने से प्राप्त होने वाले लाभ ने किसानों को फिर से अपनी तरफ आकर्षित किया और आज उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे ज्यादा गन्ना उत्पादित करने वाला राज्य बन चुका है। मेरठ में कुल 6 शक्कर की मिलें हैं जो यहाँ के गन्ने की खपत को बरक़रार रखती है जिस कारण यहाँ पर गन्ना उत्पाद प्रमुखता से किया जाता है। गन्ने की पैदावार यहाँ के किसानों आदि को बड़े पैमाने पर मुनाफा मुहैया करवा रही है जिससे यहाँ पर रोजगार में भी वृद्धि हो रही है। मेरठ में शक्कर के अलावा गुड़ का भी उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है तथा यहाँ पर उत्पादित गुड़ और शक्कर देश भर में भेजा जाता है। मेरठ में कुल 1,28,541 हेक्टयेर की जमीन पर गन्ना बोया जाता है जो कि यहाँ बोये जाने वाले अन्य फसलों से कहीं ज्यादा है।
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