शालिग्राम

मेरठ

 30-03-2018 09:07 AM
शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

शालिग्राम वैष्णव द्वारा पूजा किया जाने वाला सबसे पवित्र पत्थर है और इसका उपयोग विष्णु की पूजा करने के लिए किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार जीवन के छह मूल्यों के लिए (सदाचार, धन, संरक्षण, अच्छे स्वास्थ्य, सुख और आध्यात्मिक आशीर्वाद) श्री शलीग्राम की पूजा की जाती है।

गौतमीय तंत्र के अनुसार,
'गाण्डकायस कैव देसे च सालाग्राम स्थलम महात।
पाषाणा ताड़ भवम यात तत सालाग्राम इति स्मृतं।'

गण्डकी नदी में शालिग्राम पत्थर बड़े संख्या में पाया जाता है, वास्तविकता में शालिग्राम पत्थर एक प्रकार का जीवाश्म है जो कि हिमालय के बनने के पहले यहाँ पर उपस्थित टेथिस समुद्र में पाया जाता था। जब गोंडवाना भूमि का निर्माण हो रहा था उसी दौरान यहाँ पर बड़े संख्या में जमीन के नीचे की प्लेटों में उथल पुथल हुयी जिससे यह क्षेत्र ऊपर की तरफ उठने लगा और समुद्र के स्थान पर हिमालय का निर्माण हुआ। लाखों वर्ष बीत जाने के बाद वे जीव जीवाश्म में बदल गए और इस प्रकार से शालिग्राम का निर्माण हुआ। शालिग्राम में पाए जाने वाले जीव को अमोनाईट (Amonite) भी कहते है। शालिग्राम पत्थर सबसे ज्यादा नेपाल में पाए जाते हैं।

वैष्णवों के अनुसार शालिग्राम "भगवान विष्णु का निवास स्थान है" और जो कोई भी इसे रखता है, उसे इसकी रोज़ पूजा करनी चाहिए। भगवान कृष्ण ने स्वयं महाविस्तार में 'युधिष्ठिर' से शालिग्राम के गुणों का उल्लेख किया है। शालिग्राम पत्थरों को केवल गंडकी नदी में पाया जाता है, जो हिमालयी धारा है, जिसे इतिहास से नारायणी, शालिग्राम और हिरण्यवती के रूप में जाना जाता है। नेपाल में दामोदर-कुंड नामक स्थान पर काली-गण्डकी के स्रोत पर एक झील है। निचली गण्डकी को 'मुक्ति-नाथा-क्षेत्र' के नाम से जाना जाता है, जिसे शालिग्राम क्षेत्र भी कहा जाता है।

अधिकांश पुराण इसका समर्थन करते हैं कि शालिग्राम की पूजा से धन, समृद्धि, सफलता, लंबे जीवन, स्वास्थ्य आदि जैसे भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं।

'अपुत्रो लाहेत पत्राम सलाग्राम-पुजनात'

शालिग्राम का महत्व मात्र अध्यात्मिक ही नहीं है परन्तु इसका महत्त्व जैव वैज्ञानिक भी है जो की पृथ्वी पर पाए जाने वाले प्रागैतिहासिक जीवों की जानकारी प्रदान करता है।

1. द यूनिवर्स विदिन: एस्ससेंस ऑफ़ हिंदूइस्म, पार्थ राजगोपाल
2. http://www.rudrakshanepal.com/page-36-About_Saligram

RECENT POST

  • इस विश्व हिंदी दिवस पर समझते हैं, देवनागरी लिपि के इतिहास, विकास और वर्तमान स्थिति को
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:31 AM


  • फ़िनलैंड के सालाना उपयोग से अधिक विद्युत खपत होती है, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:27 AM


  • आइए जानें, भारत और अमेरिका की न्यायिक प्रणाली के बीच के अंतरों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:26 AM


  • आइए जानें, हमारी प्रगति की एक प्रमुख चालक, बिजली के व्यापार के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:43 AM


  • भारत में परमाणु ऊर्जा का विस्तार: स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक सशक्त कदम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:30 AM


  • आइए, आज देखें, अब तक के कुछ बेहतरीन तेलुगु गीतों के चलचित्र
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     05-01-2025 09:25 AM


  • भारत के 6 करोड़ से अधिक संघर्षरत दृष्टिहीनों की मदद, कैसे की जा सकती है ?
    संचार एवं संचार यन्त्र

     04-01-2025 09:29 AM


  • आइए, समझते हैं, मंगर बानी और पचमढ़ी की शिला चित्रकला और इनके ऐतिहासिक मूल्यों को
    जन- 40000 ईसापूर्व से 10000 ईसापूर्व तक

     03-01-2025 09:24 AM


  • बेहद प्राचीन है, आंतरिक डिज़ाइन और धुर्री गलीचे का इतिहास
    घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ

     02-01-2025 09:36 AM


  • विविधता और आश्चर्य से भरी प्रकृति की सबसे आकर्षक प्रक्रियाओं में से एक है जानवरों का जन्म
    शारीरिक

     01-01-2025 09:25 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id