वैश्विक महासागर का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ऐसा है, जिसके बारे में वैज्ञानिक अभी तक कोई जानकारी नहीं जुटा पाए हैं। महासागर के इन हिस्सों की जानकारी न होने की वजह से इनका संरक्षण भी नहीं किया जा सकता है। दुनिया के सिर्फ़ 7 प्रतिशत महासागर ऐसे हैं, जिनको समुद्री संरक्षित क्षेत्र के रूप में नामित किया गया है। वैज्ञानिक अभी तक इस अज्ञात हिस्से की जानकारी नहीं जुटा पाए हैं, इसके पीछे अनेकों कारण हैं, जिनमें से एक प्रमुख कारण गहरे समुद्र में तीव्र दबाव है। इसके अलावा, शून्य दृश्यता और अत्यधिक ठंडे तापमान के कारण भी विशाल महासागर का अंवेषण कर पाना बहुत मुश्किल है। महासागर अंवेषण की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक चुनौती इसकी भौतिकी है। नासा के गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर (Goddard Space Flight Center) के एक समुद्र विज्ञानी डॉ जीन कार्ल फेल्डमैन (Dr Gene Carl Feldman) बताते हैं, कि महासागर के जो हिस्से बहुत गहरे होते हैं, उनमें शून्य दृश्यता, बेहद ठंडा तापमान और दबाव की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है, जिस कारण यहां अंवेषण करना बहुत मुश्किल है। अगर हम यह कहें, कि लोगों को अंतरिक्ष में भेजना समुद्र की तलहटी में भेजने से कहीं ज़्यादा आसान है, तो कुछ गलत नहीं होगा। समुद्र तल पर आपके शरीर पर नीचे की ओर दबाव डालने वाली हवा का दबाव लगभग 15 पाउंड प्रति वर्ग इंच होता है। इस प्रकार गहरे समुद्र में तीव्र दबाव के कारण नीचे का स्थान तलाशना बेहद मुश्किल हो जाता है। तो, आइए, आज जानते हैं, कि विशाल महासागर आज भी क्यों अज्ञात हैं। इन चलचित्रों के जरिए हम यह समझने की कोशिश करेंगे, कि एक महासागर कितना गहरा हो सकता है और नासा महासागरों के अनुसंधान और अंवेषण में अधिक प्रयास क्यों नहीं करता है।
संदर्भ:
https://rb.gy/czw75x
https://rb.gy/4nu9js
https://rb.gy/8z4l25
https://rb.gy/8y9brp
https://rb.gy/ypt12m