आइए, जानें विशाल महासागर आज भी क्यों हैं अज्ञात

मेरठ

 15-09-2024 09:25 AM
समुद्र
वैश्विक महासागर का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा ऐसा है, जिसके बारे में वैज्ञानिक अभी तक कोई जानकारी नहीं जुटा पाए हैं। महासागर के इन हिस्सों की जानकारी न होने की वजह से इनका संरक्षण भी नहीं किया जा सकता है। दुनिया के सिर्फ़ 7 प्रतिशत महासागर ऐसे हैं, जिनको समुद्री संरक्षित क्षेत्र के रूप में नामित किया गया है। वैज्ञानिक अभी तक इस अज्ञात हिस्से की जानकारी नहीं जुटा पाए हैं, इसके पीछे अनेकों कारण हैं, जिनमें से एक प्रमुख कारण गहरे समुद्र में तीव्र दबाव है। इसके अलावा, शून्य दृश्यता और अत्यधिक ठंडे तापमान के कारण भी विशाल महासागर का अंवेषण कर पाना बहुत मुश्किल है। महासागर अंवेषण की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक चुनौती इसकी भौतिकी है। नासा के गोडार्ड स्पेस फ़्लाइट सेंटर (Goddard Space Flight Center) के एक समुद्र विज्ञानी डॉ जीन कार्ल फेल्डमैन (Dr Gene Carl Feldman) बताते हैं, कि महासागर के जो हिस्से बहुत गहरे होते हैं, उनमें शून्य दृश्यता, बेहद ठंडा तापमान और दबाव की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है, जिस कारण यहां अंवेषण करना बहुत मुश्किल है। अगर हम यह कहें, कि लोगों को अंतरिक्ष में भेजना समुद्र की तलहटी में भेजने से कहीं ज़्यादा आसान है, तो कुछ गलत नहीं होगा। समुद्र तल पर आपके शरीर पर नीचे की ओर दबाव डालने वाली हवा का दबाव लगभग 15 पाउंड प्रति वर्ग इंच होता है। इस प्रकार गहरे समुद्र में तीव्र दबाव के कारण नीचे का स्थान तलाशना बेहद मुश्किल हो जाता है। तो, आइए, आज जानते हैं, कि विशाल महासागर आज भी क्यों अज्ञात हैं। इन चलचित्रों के जरिए हम यह समझने की कोशिश करेंगे, कि एक महासागर कितना गहरा हो सकता है और नासा महासागरों के अनुसंधान और अंवेषण में अधिक प्रयास क्यों नहीं करता है।


संदर्भ: 
https://rb.gy/czw75x
https://rb.gy/4nu9js
https://rb.gy/8z4l25 
https://rb.gy/8y9brp
https://rb.gy/ypt12m    

RECENT POST

  • उत्तर भारतीय और मुगलाई स्वादों का, एक आनंददायक मिश्रण हैं, मेरठ के व्यंजन
    स्वाद- खाद्य का इतिहास

     19-09-2024 09:25 AM


  • मेरठ की ऐतिहासिक गंगा नहर प्रणाली, शहर को रौशन और पोषित कर रही है!
    नदियाँ

     18-09-2024 09:18 AM


  • क्यों होती हैं एक ही पौधे में विविध रंगों या पैटर्नों की पत्तियां ?
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:16 AM


  • आइए जानें, स्थलीय ग्रहों एवं इनके और हमारी पृथ्वी के बीच की समानताओं के बारे में
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:34 AM


  • आइए, जानें महासागरों से जुड़े कुछ सबसे बड़े रहस्यों को
    समुद्र

     15-09-2024 09:27 AM


  • हिंदी दिवस विशेष: प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण पर आधारित, ज्ञानी.ए आई है, अत्यंत उपयुक्त
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:21 AM


  • एस आई जैसी मानक प्रणाली के बिना, मेरठ की दुकानों के तराज़ू, किसी काम के नहीं रहते!
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:10 AM


  • वर्षामापी से होता है, मेरठ में होने वाली, 795 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा का मापन
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:25 AM


  • परफ़्यूमों में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक रसायन डाल सकते हैं मानव शरीर पर दुष्प्रभाव
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:17 AM


  • मध्यकालीन युग से लेकर आधुनिक युग तक, कैसा रहा भूमि पर फ़सल उगाने का सफ़र ?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:32 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id