Post Viewership from Post Date to 19-Sep-2024 (31st) day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2911 95 3006

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

भारतीय नागरिकों को जारी किए जाने वाले विभिन्न पहचान पत्र, उनके फ़ायदे और उपयोग

मेरठ

 19-08-2024 09:24 AM
सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान
29 सितंबर 2023 तक, आधार कार्ड के लिए ज़िम्मेदार संस्था, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (Unique Identification Authority of India (UIDAI) द्वारा भारतीय नागरिकों के लिए 138.08 करोड़ आधार नंबर जारी किए गए हैं। एक पहचान दस्तावेज के रूप में, आधार के उपयोग से, लाभार्थियों को, अपनी पहचान साबित करने के लिए, कई दस्तावेज़ बनवाने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है और लाभार्थी सुविधाजनक एवं निर्बाध रूप से सीधे अपना अधिकार प्राप्त करने या कोई भी सरकारी कार्य करने में सक्षम हो जाते हैं। इसी प्रकार, भारत में, राज्य सरकारों द्वारा एक आधिकारिक दस्तावेज़ के रूप में उन परिवारों को राशन कार्ड भी जारी किया जाता है जो 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम' (National Food Security Act (NFSA) के तहत, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से सब्सिडी वाला खाद्यान्न खरीदने के लिए पात्र हैं। कई भारतीय नागरिकों द्वारा इन्हें पहचान पत्र के रूप में भी उपयोग किया जाता है। तो आइए, आज भारतीय नागरिकों को जारी किए जाने वाले इन पहचान पत्रों, उनके फ़ायदे और उपयोगों के बारे में विस्तार से जानते हैं। इसके साथ ही, हम भारत में, 5 अलग-अलग प्रकार के राशन कार्ड के बारे में बात करेंगे, जिन्हें दो श्रेणियों, NFSA और 'लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली' (Targeted Public Distribution System (TPDS) के तहत विभाजित किया गया है। आगे, हम भारत में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना और आधार कार्ड से इसके संबंध के बारे में भी जानेंगे।
आधार कार्ड, एक जैवमितिक दस्तावेज़ है जिसमें एक अद्वितीय, 12-अंकीय सार्वभौमिक पहचान संख्या होती है। इसका उपयोग सरकारी डेटाबेस में व्यक्तियों के व्यक्तिगत विवरण को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। आज आधार कार्ड, प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए ज़रूरी होता जा रहा है क्योंकि यह जनकल्याणकारी योजनाओं और नागरिक सेवाओं के लिए ज़रूरी होता है। इससे व्यक्ति का प्रमाणीकरण, अत्यंत आसान तरीके से किया जा सकता है क्योंकि व्यक्ति की पहचान को इलेक्ट्रॉनिक और ऑफ़लाइन माध्यमों से सत्यापित किया जा सकता है। इसके अलावा, व्यक्ति को अब कई दस्तावेज़ ले जाने की ज़रूरत नहीं होती क्योंकि यह एक सार्वभौमिक दस्तावेज़ है।
किसी भी भारतीय नागरिक के पास निम्नलिखित सेवाओं को प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड होना आवश्यक है:
1. बैंक खाता खोलने के लिए:
अब बैंक खाता खोलने के लिए पहचान के कई प्रमाण ले जाने की आवश्यकता नहीं है। आधार कार्ड, किसी भी बैंकिंग सेवा का लाभ उठाते समय, बैंकों और वित्तीय संस्थानों, दोनों के लिए पहचान प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण के रूप में कार्य करता है।
2. आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए, आपको अपने पैन कार्ड को अपने आधार नंबर से लिंक करना होगा। फिर, आप अपना आयकर रिटर्न फॉर्म अपलोड कर सकते हैं और उसे एक ओटीपी के माध्यम से सत्यापित कर सकते हैं जो आपको अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त होगा।
3. पासपोर्ट के आवेदन करने के लिए: आधार कार्ड की शुरुआत से पहले पासपोर्ट प्राप्त करना एक समय लेने वाली प्रक्रिया हुआ करती थी। आजकल, आप अपने आधार कार्ड को पहचान प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण के रूप में संलग्न करके पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। जिसके बाद, आपके आवेदन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में सिर्फ़ 10 दिन का समय लगेगा।
4. डिजीलॉकर का उपयोग करने के लिए: भारत सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों को डिजिलॉकर जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं जिनके माध्यम से व्यक्ति अपने व्यक्तिगत दस्तावेज़ों को अपने आधिकारिक सर्वर पर संग्रहीत कर सकते हैं। आप अपने 12 अंकों के आधार नंबर को लिंक करके इस सुविधा के लिए साइन अप कर सकते हैं।
5. डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए: इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने, पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने के लिए आधार से जुड़े डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र की शुरुआत की है।अब, उन्हें, अपने जीवन प्रमाणपत्र को नवीनीकृत करने के लिए पेंशन वितरण एजेंसियों में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है।
6. शेयर बाज़ार के लिए: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा स्टॉक एक्सचेंजों, केंद्रीय डिपॉज़िटरी, स्टॉक मार्केट सेवा प्रदाताओं और म्यूचुअल फंड वितरकों को UIDAI के साथ पंजीकरण करने का निर्देश दिया गया है। इससे उन्हें सत्यापन उद्देश्यों के लिए आधार कार्ड स्वीकार करने की अनुमति मिलती है।
7.सरकारी सब्सिडी और लाभ प्राप्त करने के लिए: केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आधार कार्ड के माध्यम से, कई सामाजिक कल्याण योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जाते हैं। इससे, उन्हें अपने वितरण तंत्र को सुव्यवस्थित करने की अनुमति मिलती है।
निम्नलिखित कार्यक्रमों का लाभ उठाने के लिए, आधार कार्ड का उपयोग किया जा सकता है:

1. भोजन और पोषण: सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्याह्न भोजन, एकीकृत बाल विकास योजना, खाद्य सुरक्षा।
2. शिक्षा: सर्व शिक्षा अभियान (Sarva Shiksha Abhiyan (SSA))।
3. रोज़गार: इंदिरा आवाज योजना, स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोज़गार योजना, प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम।
4. स्वास्थ्य सेवा: जनश्री बीमा योजना, आम आदमी बीमा योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना।
5. सामाजिक सुरक्षा: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, जननी सुरक्षा योजना, आदिम कमज़ोर जनजातीय समूहों का विकास।
सरकार और सेवा एजेंसियों के लिए उपयोगी:
आधार कार्यक्रम का लक्ष्य, प्रत्येक भारतीय को, सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत पहचान प्रदान करना है। आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से, सरकार अलग-अलग योजनाओं से नागरिकों के डुप्लिकेट रिकॉर्ड हटाने में सक्षम हो सकी है, जिससे सरकारी डाटाबेस अधिक सटीक बन गया है। यह प्लैटफ़ॉर्म सरकार और सेवा एजेंसियों को सटीक और पारदर्शी जानकारी प्रदान करता है। चूंकि, सभी सामाजिक कल्याण कार्यक्रम, UIDAI की सत्यापन प्रणाली के माध्यम से प्रदान किए जाते हैं, इसलिए यह भी सुनिश्चित हो गया है कि योजनाओं का लाभ केवल लक्षित लाभार्थियों तक ही पहुंचें।
नागरिकों के लिए आधार के लाभ:
1. सर्वमान्य: आधार कार्ड एक बहुउद्देश्यीय कार्ड है जिसे आप पहचान, निवास और उम्र के प्रमाण के रूप में उपयोग कर सकते हैं। सभी सरकारी संस्थान, बिना किसी अन्य दस्तावेज़ की आवश्यकता के, सभी सेवाओं और कार्यक्रमों के लिए, इस कार्ड को स्वीकार करते हैं।
2. एक आधार नंबर: आधार एक अद्वितीय संख्या है, और किसी भी निवासी के पास इसकी प्रतिलिपि नहीं हो सकती है क्योंकि यह नागरिकों की बायोमेट्रिक जानकारी से जुड़ा हुआ है।
3. इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिनके पास अन्य कोई पहचान पत्र नहीं है। देश में गरीब तबके के कई नागरिक, ऐसे हैं, जिनके पास उचित पहचान दस्तावेज़ नहीं हैं। वे केवल, आधार कार्ड के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
4. सुवाह्यता: आधार एक सार्वभौमिक संख्या है, इसलिए सेवाएं/एजेंसियां प्रमाणीकरण के लिए, कहीं भी UIADI डेटाबेस से संपर्क कर सकती हैं। इसके अलावा, ई-आधार सुविधा से आपको आसान सत्यापन के लिए हर समय, इसकी एक सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध रहती है।
आधार कार्ड से पहले भारत में, एक अहम एवं मूल माना जाने वाला आधिकारिक दस्तावेज़, जो अधिकांश सरकारी विभागों और कार्यों के लिए मान्य माना जाता था, राशन कार्ड है, जो संबंधित राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाता है। इस कार्ड की सहायता से, योग्य परिवार 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम' (National Food Security Act (NFSA)), 2013 के अनुसार रियायती दरों पर खाद्यान्न खरीद सकते हैं। 2013 में, लोगों को सस्ती कीमतों पर भोजन की एक निश्चित मात्रा और गुणवत्ता प्रदान करने के लिए 'राष्ट्रीय खाद्य और सुरक्षा अधिनियम' पारित किया गया था। हालाँकि, इससे पहले, राज्य, सरकारों की पहचान के आधार पर, योग्य परिवार 'लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली' (Targeted Public Distribution System (TPDS)) के माध्यम से रियायती दरों पर खाद्यान्न खरीद सकते थे। भारत में राज्य सरकारें, लोगों के वर्गीकरण के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों के हिसाब से अलग-अलग राशन कार्ड जारी करती हैं और इस प्रकार भारत में कई प्रकार के राशन कार्ड देखने को मिलते हैं।
वर्तमान में, जिन राज्यों में NFSA लागू है, वहां योग्य परिवारों को दो प्रकार के राशन कार्ड जारी किए जाते हैं, अर्थात् प्राथमिकता घरेलू (Priority Household(PHH)) राशन कार्ड और गैर-प्राथमिकता घरेलू (Non-priority Household (NPHH)) राशन कार्ड।
भारत में NFSA और TPDS के तहत जारी किए जाने वाले राशन कार्डों का विवरण निम्न प्रकार है:
अंत्योदय अन्न योजना (Antyodaya Anna Yojana (आय)
: यह राशन कार्ड, उन गरीब परिवारों को दिया जाता है जिनकी संबंधित राज्य सरकारों द्वारा पहचान की गई आय स्थिर नहीं होती है। इन परिवारों में रिक्शा चालक, दिहाड़ी मज़दूर, कुली आदि, रोज़गार से संबंधित वर्ग आता है। बेरोज़गार लोगों, महिलाओं और वृद्ध लोगों को भी यह कार्ड जारी किया जाता है। ये कार्डधारक, प्रति परिवार, प्रति माह, 35 किलोग्राम खाद्यान्न प्राप्त करने के पात्र हैं। वे, प्रति परिवार, प्रति माह, 15 किलोग्राम गेहूं और 20 किलोग्राम चावल भी प्राप्त कर सकते हैं। इन्हें, चावल के लिए, मात्र 3 रुपये प्रति किलोग्राम और गेहूं के लिए मात्र 2 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती कीमत पर खाद्यान्न मिलता है।
प्राथमिकता घरेलू (Priority Household (PHH): जो परिवार AAY के अंतर्गत नहीं आते हैं वे PHH के अंतर्गत आते हैं। राज्य सरकारों द्वारा अपने विशिष्ट और समावेशी दिशानिर्देशों के अनुसार 'लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली' (Targeted Public Distribution System (TPDS)) के तहत प्राथमिकता वाले घरेलू परिवारों की पहचान की जाती है। PHH कार्डधारकों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह, 5 किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है। इन कार्डधारकों को चावल, 3 रुपये प्रति किलोग्राम, गेहूं 2 रुपये प्रति किलोग्राम और मोटा अनाज, 1 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती कीमत पर मिलता है।
गैर-प्राथमिकता वाले परिवार (Non-Priority Household (NPHH): NPHH राशन कार्ड, उन परिवारों को दिया जाता है जो सरकार द्वारा निर्धारित PHH पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं। इस प्रकार, वे किसी भी खाद्यान्न के हकदार नहीं हैं। यह कार्ड, केवल पहचान प्रमाण के रूप में कार्य करता है।
TPDS के तहत राशन कार्ड: जिन राज्यों में अभी तक NFSA प्रणाली लागू नहीं हुई है, वहां अभी भी TPDS के तहत पुराने राशन कार्ड मानकों का पालन किया जाता है।
ऐसे राज्यों में जारी किए जाने वाले राशन कार्ड निम्न प्रकार हैं:
गरीबी रेखा से नीचे (Below Poverty Line (BPL): राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को यह कार्ड दिया जाता है। BPL परिवारों को आर्थिक लागत के 50% पर, प्रति परिवार, प्रति माह, 10 किलोग्राम से 20 किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है। गेहूं, चावल, चीनी और अन्य वस्तुओं की निर्दिष्ट मात्रा के लिए सब्सिडीयुक्त अंतिम खुदरा मूल्य अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है। प्रत्येक राज्य सरकार, प्रत्येक मात्रा के लिए, अलग-अलग दरें तय करती है।
गरीबी रेखा से ऊपर (Above Poverty Line (APL): राज्य सरकार द्वारा निर्दिष्ट गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन करने वाले परिवारों को यह कार्ड दिया जाता है। APL परिवारों को 100% आर्थिक लागत पर, प्रति परिवार, प्रति माह, 10 किलोग्राम से 20 किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है। प्रत्येक राज्य सरकार, एक निश्चित मात्रा तक चावल, गेहूं, चीनी और मिट्टी के तेल के लिए रियायती खुदरा दर तय करती है।
अन्नपूर्णा योजना (Annapoorna Yojana (AY): AY राशन कार्ड, उन वृद्ध लोगों को दिए जाते हैं जो गरीब हैं और जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक है। इस कार्ड के तहत कार्डधारकों को, प्रति माह, 10 किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है। राज्य सरकारें, अपने द्वारा निर्दिष्ट, इस योजना के अंतर्गत आने वाले वृद्ध लोगों को ये कार्ड जारी करती हैं।
"वन नेशन वन राशन कार्ड" (One Nation One Ration Card" (ONORC)) योजना: यह योजना, भारत में आंतरिक प्रवासियों सहित सभी नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना है जो 2018 में 'खाद्य और आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग, (Department of Consumer Affairs), उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय' (Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution) द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के तहत, प्रवासी श्रमिक और उनके परिवार के सदस्य देश में कहीं भी, किसी भी 'उचित मूल्य की दुकान' (A Fair Price Shop (FPS) से PDS लाभ प्राप्त कर सकते हैं | इस प्रकार, 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम', 2013 (National Food Security Act, 2013 (NFSA)) के तहत, राशन कार्डों की अंतर-राज्य सुवाह्यता के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। उचित मूल्य की दुकान 'आवश्यक वस्तु अधिनियम' 1955 की धारा 3 के तहत लाइसेंस प्राप्त एक सार्वजनिक राशन दुकान है। असम, वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना लागू करने वाला 36वां राज्य है। ONORC योजना को पूरे देश में खाद्य सुरक्षा को सुवाह्य बनाते हुए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सफलतापूर्वक लागू किया गया है। सरकार द्वारा ONORC योजना का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए मेरा राशन, (MERA RATION) नाम से एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है। यह ऐप, 13 भाषाओं में उपलब्ध है। 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पोर्टल' की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, 4.5 लाख से अधिक POS सक्षम उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 20 करोड़ से अधिक राशन कार्ड जारी किए गए हैं।
राशन कार्डों के डिजिटलीकरण से लगभग 81 करोड़ लाभार्थियों को लाभ हुआ है। यह प्रणाली सभी NFSA लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासी लाभार्थियों को आधार प्रमाणीकरण के साथ मौजूदा राशन कार्ड के माध्यम से देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से पूर्ण या आंशिक खाद्यान्न प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। ONORC के साथ, एक राज्य के सभी लाभार्थियों को अन्य राज्यों में समान उचित राशन मिल सकता है।
पात्रता: इस योजना के तहत, 'राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम' (NFSA), 2013 के तहत, कवर किए गए सभी राशन कार्डधारक या लाभार्थी पात्र हैं, जिनके पास आधार कार्ड संख्या है।
आवेदन प्रक्रिया: इच्छुक व्यक्ति को अपने राशन कार्ड का विवरण, निकटतम उचित मूल्य की दुकान पर प्रदान करना होता है। प्राप्तकर्ता, अपने आधार नंबर या अपने राशन कार्ड नंबर के साथ, देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान पर जा सकते हैं। परिवार का कोई भी सदस्य, जिसने अपने राशन कार्ड में अपना आधार नंबर दर्ज कर लिया है, वह प्रमाणीकरण और अपना राशन उठाने के लिए पात्र है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/mpvvr3th
https://tinyurl.com/5d9kkvz5
https://tinyurl.com/bde8j5pj

चित्र संदर्भ
1. भारतीय पहचान पत्र को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. आधार कार्ड को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. पीवीसी आधार कार्ड के सामने के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. एक भारतीय मतदाता के लैमिनेटेड पहचान पत्र को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. राशन कार्ड के साथ खड़ी महिलाओं को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id