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कैसे मेजर ध्यानचंद सहित अन्य खिलाड़ियों ने 1936 के बर्लिन ओलंपिक्स को ऐतिहासिक बनाया

मेरठ

 28-07-2024 09:21 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला
ओलंपिक खेलों का इतिहास बहुत पुराना है तथा इसने ऐसे एथलीटों और खिलाड़ियों को जन्म दिया, जिन्होंने खेल जगत में अपनी महत्वपूर्ण छाप छोड़ी। 1936 में, बर्लिन (Berlin) में हुआ ओलंपिक खेल, ओलंपिक खेलों की एक महत्वपूर्ण श्रृंखला थी। ऐसा इसलिए भी था क्यों कि 1936 में बर्लिन में हुए ओलंपिक खेलों का पहली बार टेलीविजन पर प्रसारण किया गया। यह बहु-खेल आयोजन, 1 अगस्त 1936 से लेकर 16 अगस्त 1936 तक चला। ओलंपिक खेल इतिहास में कुछ एथलीट ऐसे भी रहे जिन्होंने ओलंपिक के इतिहास में अपनी अलग कहानी लिखी। इन्हीं एथलीट्स में से एक हैं, जेसी ओवेंस (Jesse Owens), जिन्होंने 1936 बर्लिन  ओलंपिक्स में चार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। जेम्स  क्लीवलैंड ओवेंस (James Cleveland Owens) या जेसी ओवेंस ने लगभग 25 साल तक ब्रॉड जंप जिसे लंबी कूद कहा जाता है, का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम रखा। 1936 बर्लिन  ओलंपिक्स  में चार स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी थी। ओलंपिक में उनकी सफलता को  अडॉल्फ़ हिटलर (Adolf Hitler) की 'महत्वपूर्ण हार' के रूप में भी वर्णित किया जाता है। इसके अलावा भारत के मेजर ध्यानचंद ने भी बर्लिन  ओलंपिक्स के दौरान, अपने आश्चर्यजनक प्रदर्शन से पूरी दुनिया को चौंका दिया था। उनके खेल प्रदर्शन से हिटलर इतना अधिक प्रभावित हुआ था कि उसने मेजर ध्यानचंद को अपनी सेना में एक वरिष्ठ पद और जर्मन (German) नागरिकता की पेशकश की।  उस समय, भारत ने जर्मनी को, फ़ाइनल में , 8-1 के स्कोर से हराकर   स्वर्ण पदक जीता। यह मैच ओलंपिक हॉकी इतिहास के महत्वपूर्ण हॉकी मैचों में से एक है। इस दौरान प्राप्त स्वर्ण पदक ओलंपिक में भारत का तीसरा पुरुष हॉकी स्वर्ण पदक था तथा यह हॉकी के दिग्गज मेजर ध्यानचंद का आखिरी ओलंपिक मैच भी था। 1936 के बर्लिन ओलंपिक खेल सिर्फ़ एक विश्वव्यापी खेल आयोजन नहीं थे, बल्कि  इन्हें नाज़ियों की अपनी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए एक माध्यम के रूप में देखा गया। 1936 तक, नाज़ियों का जर्मनी पर नियंत्रण था, तथा इस पर अंतर्राष्ट्रीय बहस हुई कि क्या जर्मनी में 1936 के ओलंपिक का बहिष्कार किया जाना चाहिए। पहले अनेकों देशों ने इसका बहिष्कार किया लेकिन अंतिम समय में खेल आयोजन में उपस्थित होने का फैसला किया। तो आइए आज हम बर्लिन  ओलंपिक्स के उन प्रतिष्ठित हस्तियों के चलचित्रों को  देखें, जिन्होंने 1936 में हुए ओलंपिक खेल को ऐतिहासिक बनाया।


संदर्भ:
https://t.ly/L9Lck
https://t.ly/tpZQv
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