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जानें प्राचीन मिस्र की ममी से लेकर आधुनिक खिलाड़ियों की गर्दनों तक, टैटू का विकास

मेरठ

 06-08-2024 09:17 AM
स्पर्शः रचना व कपड़े

मेरठ के युवाओं में शरीर में टैटू गुदवाने का क्रेज़ धीरे-धीरे बढ़ता नज़र आ रहा है। यहाँ पर एमजे टैटू स्टूडियो (MJ Tattoo Studio), गेट इंक्ड बाय मानव हुड्डा (Get Ink’d by Manav Hooda) और पारस टैटू स्टूडियो (Paras Tattoo Studio) जैसे प्रसिद्ध टैटू पार्लरों में युवाओं की तादात बढ़ने लगी है। आज के लेख में, हम टैटू की आकर्षक दुनिया में उतरेंगे, और इसकी उत्पत्ति, इतिहास तथा सांस्कृतिक महत्व के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। साथ ही, हम भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध टैटू कलाकारों और उनकी उत्कृष्ट कृतियों पर भी प्रकाश डालेंगे। अंत में, हम टैटू बनवाने से जुड़े संभावित दुष्प्रभावों और जोखिमों पर भी चर्चा करेंगे।
शरीर पर टैटू बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज यह दुनिया भर की कई संस्कृतियों का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। इसके कुछ शुरुआती सबूत, मिस्र और प्राचीन जापान में मिलते हैं।
विविध देशों में टैटू का संक्षिप्त इतिहास निम्नवत दिया गया है:
- प्राचीन मिस्र: मिस्र में लगभग 2000 ईसा पूर्व की एक ममी खोजी गई, जिसके शरीर पर टैटू गुदे हुए थे। मिस्रवासियों के लिए, टैटू आमतौर पर सामाजिक स्थिति को दर्शाते थे। साथ ही वे इन्हें देवताओं के सम्मान में बनाते थे।
- प्राचीन जापान: जापान में टैटू बनाने की शुरुआत जोमोन काल (Jomon Period) (14,000 ईसा पूर्व से 300 ईसा पूर्व) के बीच हुई। मिस्र की तरह, यहाँ भी टैटू के खास अर्थ होते थे, लेकिन इनके डिज़ाइन अलग होते थे। जापान के ऐनू लोग (Ainu People) बहादुरी के प्रतीक के रूप में महिलाओं के हाथ और मुंह पर टैटू बनवाते थे, यह प्रथा आज भी मौजूद है।
- चीन: चीन में टैटू का इस्तेमाल कभी-कभी अपराधियों के (खासकर चेहरे पर, सार्वजनिक शर्म (Public Shame)) को चिह्नित करने के लिए किया जाता था। हालांकि, हान राजवंश (Han Dynasty) (206 ईसा पूर्व से 220 ईसा पूर्व) के दौरान, टैटू को एक कला के रूप में भी देखा जाता था जो सांस्कृतिक मूल्यों को व्यक्त करता था।
- पोलिनेशिया (Polynesia): पोलिनेशिया में टैटू बनाने का एक समृद्ध इतिहास रहा है, खासकर समोआ और फिजी जैसी जगहों पर, जहाँ जटिल ज्यामितीय डिज़ाइन होते हैं जो सांस्कृतिक मान्यताओं को दर्शाते हैं।
- दक्षिण पूर्व एशिया (Southeast Asia): इंडोनेशिया (Indonesia), फ़िलीपींस (Philippines) और थाईलैंड (Thailand) जैसे देशों में भी अनूठे टैटू बनाने की परंपराएँ रही हैं। दुख की बात है कि इनमें से कुछ प्राचीन टैटू शैलियाँ धीरे-धीरे लुप्त हो रही हैं, लेकिन इस टैटू कला के कुछ रूप, आज भी विकसित और फल-फूल रहे हैं ।
18वीं और 19वीं शताब्दी में, समुद्री यात्रा करने वाले यूरोपीय और अमेरिकी लोगों के बीच टैटू बनवाने की परंपरा लोकप्रिय होने लगी। नाविक अक्सर अपनी यात्राओं की याद में या समुद्र में अपनी रक्षा के लिए टैटू बनवाते थे। 20वीं शताब्दी में, टैटू बनवाने की प्रथा ने दुनियाभर में गति पकड़ी। अमेरिका में, मोटरसाइकिल गिरोह (Motorcycle Gangs) और सैन्य सदस्यों ने अपनी सामाजिक स्थिति या अपने समूह के प्रति वफ़ादारी दिखाने के लिए टैटू बनवाना शुरू कर दिया।
हाल के दशकों में, पश्चिमी दुनिया में टैटू बनवाना अब आम बात हो गया है। टैटू को अब आत्म-अभिव्यक्ति और शरीर कला के रूप में देखा जाता है, जिसमें हर तरह के लोग टैटू बनवाते हैं। टैटू बनाने की तकनीकों में प्रगति, जैसे कि इलेक्ट्रिक टैटू मशीन (Electric Tattoo Machine) और स्याही के रंगों की एक विस्तृत श्रृंखला ने पहले से कई ज़्यादा जटिल और विस्तृत टैटू बनाना संभव बना दिया है।
दुनियाभर की विभिन्न संस्कृतियों में टैटू बनवाने का एक समृद्ध और विविध इतिहास रहा है, जिनमें से प्रत्येक के अपने अनूठे अर्थ और प्रथाएँ हैं।
यहाँ कुछ उल्लेखनीय क्षेत्रों और उनकी टैटू परंपराओं पर एक नज़र डाली गई है:
- पोलिनेशिया (Polynesia): पोलिनेशिया में टैटू बनाने की परंपरा लगभग 2,000 साल पुरानी बताई जाती है। यहां टैटू बनवाने की पाँच मुख्य शैलियाँ -माओरी (Maori), समोअन (Samoan), मार्केसन (Marquesan), हवाईयन (Hawaiian) और ताहितियन (Tahitian) हैं, जिनमें से प्रत्येक में ठोस काली स्याही से अलग-अलग ज्यामितीय डिज़ाइन उकेरे जाते हैं। ये टैटू अक्सर पदानुक्रमिक स्थिति और आध्यात्मिक मान्यताओं को दर्शाते हैं।
- अलास्का और कनाडा: अलास्का और कनाडा (Alaska and Canada) की स्वदेशी संस्कृतियों में टैटू बनाने का एक लंबा इतिहास रहा है। यहाँ पर विशेष रूप से चेहरे के टैटू, 3,000 साल से भी अधिक लंबे समय से बनाए जा रहे हैं। शुरुआती कलाकृतियों से पता चलता है कि ये टैटू अक्सर महिलाओं के शरीर में विशेष अवसरों पर उकेरे जाते थे, जो उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को दर्शाते थे। हालांकि, यूरोपीय उपनिवेशीकरण के कारण, 19 वीं शताब्दी के अंत में इस प्रथा में गिरावट आई, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें फिर से उछाल आया है।
- मिस्र: जैसा कि हमने अभी पढ़ा कि प्राचीन मिस्र के लोग 3932 से 3030 ईसा पूर्व से टैटू बनवाते आ रहे हैं। इनमें अक्सर चित्रलिपि शामिल होती थी, जो संस्कृति के संचार के प्राथमिक रूप को दर्शाती है।
- जापान: जापान में टैटू बनवाने की संस्कृति जटिल रही है और संगठित अपराध के साथ इसके ऐतिहासिक जुड़ाव के कारण इसे अक्सर वर्जित माना जाता है। 1600 के दशक की शुरुआत में, सरकार ने अपराधियों को "बोक्केई (Bokkei)" नामक टैटू से चिह्नित किया | यह प्रथा 1800 के दशक के अंत तक चली। हालाँकि बाद में इस प्रथा को समाप्त कर दिया गया है, लेकिन टैटू से जुड़ा कलंक आज भी कायम है। पारंपरिक जापानी टैटू, या "इरेज़ुमी (Irezumi)", अक्सर प्रतीकात्मक पौधे, जानवर, ड्रैगन और मछली जैसे पौराणिक जीवों को दर्शाते हैं, जिनमें से प्रत्येक सांस्कृतिक महत्व से समृद्ध है।
- भारत:
भारत, पाकिस्तान, और मध्य पूर्व में मेंहदी रचाने की कला, 5,000 से अधिक वर्षों से प्रचलित है। मेंहदी के जटिल डिज़ाइन ,प्रेम, भाग्य और समृद्धि के प्रतीक हैं, जो इसे शादी समारोहों के दौरान दुल्हनों के लिए विशेष रूप से लोकप्रिय बनाते हैं, जहां इसे उनके हाथों और पैरों पर लगाया जाता है।
चलिए अब आपको भारत के पाँच लोकप्रिय टैटू कलाकारों से रूबरू कराते हैं:
- लोकेश वर्मा: लोकेश वर्मा डेविल'ज़ टैटू (Devil'z Tattoo) के संस्थापक हैं और ध्वनि-तरंग टैटू (Sound-Wave Tattoo) और अपने शेडिंग (Shading) तथा टेक्सचरिंग कौशल (Texturing Skills) के साथ जटिल विवरणों को कैप्चर करने के लिए जाने जाते हैं। इन्होंने इशांत शर्मा, शिखर धवन, स्वरा भास्कर, रेमो डिसूज़ा (Remo D’Souza) और तापसी पन्नू जैसी मशहूर हस्तियों के टैटू बनाए हैं। लोकेश, 2019 में इटली में अकैडमी टियर पोलो (Academy Tier Polo) के टैटूइंग और फ़ाइन आर्ट्स विश्वविद्यालय (University of Tattooing and Fine Arts) में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित पहले एशियाई कलाकार भी हैं।
- विकास मालानी: विकास मालानी, बॉडीकैनवस टैटू (Bodycanvas Tattoo) के सह-संस्थापक हैं, और अपने पौराणिक कथाओं और प्रकृति से प्रेरित ज्वलंत और रंगीन टैटू डिज़ाइन के लिए प्रसिद्ध हैं। अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें अपनी माँ से प्रेरणा मिली। उन्होंने प्रियंका चोपड़ा, अनुष्का शर्मा और आमिर खान जैसे बॉलीवुड सितारों के साथ काम किया है।
- समीर पतंगे: समीर पतंगे, रंगीन तथा काले और सफ़ेद (Black and White) फोटो यथार्थवाद (Photo Realism) में माहिर हैं। उन्होंने, भारत भर में महत्वाकांक्षी टैटू कलाकारों को प्रेरित किया है। समीर ने ऋतिक रोशन, कंगना रनौत और सुष्मिता सेन के लिए टैटू बनाए हैं। वे बैंगलोर और पुणे में क्रायोन्ज़ टैटू स्टूडियो (Kraayonz Tattoo Studio) के मालिक हैं।
- मो नागा: मो नागा, आदिवासी, सेल्टिक (Celtic), ज्यामितीय और अमूर्त टैटू डिज़ाइन (Geometric and Abstract Tattoo Design) बनाने में माहिर हैं। वह अपनी मोटी, सटीक रेखाओं और गहरे रंग के पिगमेंट (Pigment) के साथ शक्तिशाली और आक्रामक टैटू बनाने के लिए जाने जाते हैं। मो नागा, नई दिल्ली में गोदना ग्राम- टैटू विलेज (Godna Gram - Tattoo Village) के मालिक हैं।
- सनी भानुशाली: सनी भानुशाली, मुंबई के एक प्रसिद्ध टैटू कलाकार हैं, जो अपने फ़ोटोरियलिस्टिक (Photorealistic) और हाइपर-रियलिस्टिक (Hyper-Realistic), खासकर हिंदू पौराणिक कथाओं पर आधारित टैटू बनाने के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। उन्होंने विराट कोहली, हार्दिक पांड्या और क्रुणाल पांड्या जैसी मशहूर हस्तियों के टैटू बनाए हैं।
आज के समय में, टैटू पहले से कहीं ज़्यादा लोकप्रिय हो गए हैं। प्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) के सर्वेक्षण के अनुसार, 40% युवा वयस्कों में से कम से कम, एक के शरीर में टैटू गुदा हुआ है। हालंकि इसका एक दूसरा नकरात्मक पहलू भी है, जिसके बारे में हम सभी को पता होना चाहिए।
उदाहरण के तौर पर टैटू बनवाने के कई दुष्प्रभाव और जोखिम भी होते हैं, जिनकी सूची निम्नवत दी गई है:
✧ त्वचा संक्रमण: टैटू बनवाने की प्रक्रिया से त्वचा की एपिडर्मिस (Epidermis) और डर्मिस परतों (Dermis Layers) को चोट पहुँचती है।
✧ एलर्जिक प्रतिक्रियाएँ (Allergic Reactions): टैटू बनवाने के कारण कुछ लोगों को एलर्जी की प्रतिक्रियाएँ हो सकती हैं, जो आमतौर पर स्याही से संबंधित होती हैं, खासकर अगर इनमें प्लास्टिक हो। लाल, पीले, नीले और हरे रंग के पिगमेंट, सबसे अधिक एलर्जी पैदा करते हैं। इस एलर्जी के लक्षणों में लाल चकत्ते, पित्ती, गंभीर खुजली और सूजन शामिल हैं, जो टैटू बनवाने के कई साल बाद भी हो सकते हैं।
✧ एमआरआई से जटिलताएं (Complications with MRI): एमआरआई स्कैन (MRI Scan), टैटू के साथ इंटरैक्ट (Interact) कर सकते हैं, जिससे बाद में सूजन और खुजली हो सकती है, जो अपने आप ठीक हो जाती है। अगर टैटू को कम गुणवत्ता वाले पिगमेंट से बनाया गया है या टैटू पुराना है तो जोखिम अधिक हो सकता है।
✧ त्वचा कैंसर को छिपाना: टैटू, त्वचा कैंसर या अन्य त्वचा स्थितियों, जैसे कि तिल और लाल धब्बे के संभावित लक्षणों को छिपा सकते हैं, जो बाद में बहुत हानिकारक हो सकता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/2cawp8rz
https://tinyurl.com/28fhmn2d
https://tinyurl.com/2499o3vq
https://tinyurl.com/2xk99ny6

चित्र संदर्भ
1. एक संग्रहालय में, चेरचेन मैन ममी के टैटू को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. मिस्र में खोजी गई टैटू वाली मूर्ति को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
3. एक जापानी व्यक्ति के शरीर पर टैटू को संदर्भित करता एक चित्रण (Nihongo Master)
4. चीन में, एक व्यक्ति के शरीर पर टैटू गुदवाने के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. प्राचीन पोलिनेशिया में, एक व्यक्ति के शरीर पर टैटू गुदवाने के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. एक महिला के कंधे पर टैटू बना रहे व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (pixels)
7. आधुनिक पोलिनेशिया में, एक व्यक्ति के शरीर पर टैटू को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
8. टैटू गुदवाती अमेरिकी महिला को दर्शाता चित्रण (flickr)
9. एक महिला के हाथ में मेहंदी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)

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