मेरठ को लघु उद्योग क्रांति का शहर यूँ ही नहीं कहा जाता। यहाँ पर कई विभिन्न प्रकार के उद्योग पाए जाते हैं। उन्ही उद्योगों में से एक उद्योग है खादी का।
मेरठ में खादी स्वदेशी आन्दोलन के दौरान बड़े पैमाने पर विकसित हुयी थी। खादी मात्र वस्त्र नहीं है परन्तु यह एक युग प्रवर्तक परिधान है जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विदेशी वस्त्रों को नकारने का कार्य किया था। वर्तमान काल में मेरठ में खादी का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है। यहाँ पर हथकरघा उद्योग बड़े पैमाने पर रोजगार मुहैया करने का एक बड़ा साधन है। मेरठ हापुड़ रास्ते की तंग गलियों में गुजरते हुए सहसा ही यहाँ के हथकरघा उद्योग की आवाज कानों में गूँज जाती है।
पूरे भारत में खादी उत्पादन में यूपी का योगदान कुल 84 फीसदी का है। जबकि मध्य क्षेत्र में खादी उत्पादन में मेरठ क्षेत्र के कार्यरत संस्थानों की भागीदारी कुल 60 फीसदी है। मध्य क्षेत्र में 660 खादी संस्थाएं कार्यरत हैं। इन संस्थानों के पास 1,543 उत्पादन केंद्र, 658 सह बिक्री केंद्र और 1,973 बिक्री केंद्र है। इन संस्थानों के एक लाख 44 हजार परंपरागत चरखे, 24 हजार नए चरखे और 13,420 करघों के माध्यम से करीब 354 करोड़ रुपये से अधिक खादी के कपड़ों का उत्पादन किया जा रहा है। यह आंकड़ा इस बात की पुष्टि कर देता है कि मेरठ में खादी कितना बड़ा उद्योग है। समकालीन समय में सरकार द्वारा खादी पहनने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है तथा खादी के परंपरागत उत्पादों व वस्त्रों के निर्माण के अलावा नए प्रकार के भी कपड़े तैयार किये जा रहे हैं जो कि युवाओं के पसंद के हैं।
1. http://www.kvic.org.in/kvicres/index.html
2. https://inextlive.jagran.com/khadi-jeans-and-tshirt-will-available-in-meerut-101544
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