मेरठ में बने व्हीलर क्लब की स्थापना 03 फरवरी 1863 को हुई थी और इसका नाम मेजर जनरल फ्रांसिस व्हीलर के नाम पर रखा गया था जिनको 1861 में बंगाल सेना के मेरठ डिवीजन में नियुक्त किया गया था। व्हीलर क्लब का बैज अभी भी इसके संस्थापक के परिवार पर ही आधारित है। क्लब का गठन कल्याणकारी उपाय के रूप में किया गया था, जो सेना के अधिकारियों और उनके परिवारों को बेफिक्री से आराम करने के लिए सुविधाएं प्रदान करता था, जिससे वे अपने दैनिक तनाव को कम करते और अपने घरों में किसी प्रकार के तनाव होने की गुंजाईश को न के बराबर कर देते थे। इसमें सामाजिक, सांस्कृतिक, मनोरंजक और खेल-कूद जैसी सुविधाओं को प्रदान किया जाता था तथा विभिन्न बड़े लोगों को मिलने जुलने व सामाजिक बात करने के लिए माहौल तैयार किया जाता था।
यह क्लब 1882 में भारतीय कंपनियों के अधिनियम 6 के तहत एक सीमित कंपनी के रूप में पंजीकृत किया गया था, तथा एक एसोसिएशन के रूप में 'लाभ के उद्देश्यों के लिए' एक साथ नौ सदस्यों के साथ पंजीकृत किया गया था। उपलब्ध अभिलेखों या जानकारियों से यह प्रतीत होता है कि क्लब ने शुरुआत में 03 फरवरी 1863 से 14 सितंबर 1907 तक इमारत 29 जे, द मॉल (सी.डब्ल्यू.ई. का वर्तमान कार्यालय) से काम करना शुरू कर दिया था। यह क्लब वर्तमान परिसर में सितंबर 1907 में चला गया (यानी बंगला 102 और 103) तथा इसका शुरूआती किराया प्रति माह 60 रुपये का था। बाद में यह संपत्ति 15 अगस्त 1918 को शेख वहिदुद्दीन और शेख बशीरुद्दीन जो कि लाल कुर्ती मेरठ के रहने वाले थे के द्वारा 6,000 रुपये में खरीदी गई थी। बंगला नंबर 100 भी क्लब द्वारा श्री स्टीफन हंटर, बैंक ऑफ अपर इंडिया के आधिकारिक परिसमापक से खरीदा गया था जो 7 मई 1921 को 13,000/- रूपए के लिए परिसमापन में चला गया था। यह संपत्ति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सामने स्थित है। 20 सितंबर 1933 को 2,166 रुपये के लिए श्री एस.एम. रफीउद्दीन से क्लब द्वारा पेट्रोल कीओस्क खरीदा गया था और बाद में 1936 में बर्मा सेल (वर्तमान भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन) को पट्टे पर दिया गया था।
स्वतंत्रता के बाद, सेना क्लब का प्रबंधन कर रही है क्योंकि इसके अधिकांश सदस्य मेरठ में सेना इकाइयों के कमांडर, मेरठ उप क्षेत्र के अध्यक्ष और एक द्वितीय स्टाफ अधिकारी, मानद सचिव के कर्तव्यों का पालन करते हैं। 1976 में पहली बार इसमें एक पूर्णकालिक वेतन सचिव नियुक्त किये गये थे। वर्तमान काल में यह क्लब सुचारू रूप से चालू है।
प्रथम चित्र ब्रिटिश काल में छपे एक पोस्टकार्ड की है जिसमें व्हीलर क्लब को दर्शाया गया है।
द्वितीय चित्र वर्तमान के व्हीलर क्लब की है।
1. http://www.whelerclub.in/about.php
2. इंडिया: अ हैण्ड बुक ऑफ़ ट्रेवल, पी. बी. रॉय
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