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आइए, आज उस समृद्ध ऐतिहासिक महत्व को समझें, जो मेरठ के संग्रहालयों के माध्यम से स्पष्ट होता है। हमारे शहर के शहीद स्मारक पार्क में 1995 में स्थापित ‘राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय’, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित है। इस संग्रहालय में भारत भर के क्रांतिकारी स्थलों का विवरण देने वाली पेंटिंग, मूर्त चित्र और डिजिटल दस्तावेज़ों वाली गैलरियां हैं। यह संग्रहालय ऐतिहासिक परिवर्तनों के दस्तावेज़ीकरण, जीवन शैली, व्यापार, संघर्ष और वास्तुकला जैसे विषयों को प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे शैक्षिक मंच के रूप में भी कार्य करते हैं, और समझ व सामान्य आधार को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
एक तरफ, मुंबई में सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए, शहरी संग्रहालय हैं। मूल रूप से यहां विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय (Victoria and Albert Museum,), 1872 में खोला गया था। इसमें ललित और सजावटी कलाएं, लघु मिट्टी के मॉडल, मूर्त चित्र, मानचित्र और दुर्लभ पुस्तकें शामिल हैं, जो अठारहवीं सदी के अंत से लेकर बीसवीं सदी की शुरुआत तक, मुंबई के इतिहास का दस्तावेजीकरण करती हैं।
कोई भी संग्रहालय इतिहास तथा भौतिक और समुदायों के भीतर होने वाले परिवर्तनों के बारे में कहानियां दिखाने और उन्हें प्रस्तुत करने के लिए मंच प्रदान करते हैं। इनकी प्रस्तुतियों में जीवन शैली, आहार, कपड़े, घरेलू उपयोगिताएं, हथियार, परिवहन, इमारतें व्यापार और संघर्ष जैसे विषय क्षेत्र शामिल हैं। संग्रहालय सांस्कृतिक और प्राकृतिक एवं चल और अचल कलाकृतियों को एकत्रित करके, उनके विभिन्न चरणों का दस्तावेज़ीकरण भी करते हैं। संग्रहालयों में मूर्त और अमूर्त दोनों प्रकार की सामग्रियों को एकत्रित किया जाता है, उन पर शोध किया जाता है, उनकी व्याख्या की जाती है और एक संगठित प्रारूप में उन्हें मनोरंजन या शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए प्रस्तुत किया जाता है।
वस्तुओं के माध्यम से, प्रासंगिक उदाहरणों का हवाला देते हुए, तर्क दिया जाता है कि, शहरी नियोजन प्रक्रियाओं में सक्रिय भागीदारी को शामिल करने के लिए, उन वस्तुओं की भूमिका संग्रह, अनुसंधान और प्रस्तुति से परे होनी चाहिए। उनकी भागीदारी को शहर के सामाजिक और आर्थिक विकास को निर्धारित करने में सकारात्मक भूमिका निभाते हुए देखा जाता है।
इसीलिए, आज संग्रहालय पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने से लेकर भविष्य को देखने के तरीके को बदलने तक, संग्रहालयों में हमारे समाज को प्रतिबिंबित करने और आकार देने की शक्ति है। आज, राष्ट्रों, राजनीतिक दलों और विभिन्न सांस्कृतिक समूहों के बीच बढ़ते तनाव को नज़रअंदाज करना असंभव है। लगता है कि, सामान्य आधार खोजने के बजाय, वर्ग, नस्ल, लिंग और पर्यावरणवाद के मुद्दे और अधिक ध्रुवीकृत होते जा रहे हैं। इसलिए, जनता को इस सामान्य आधार को फिर से स्थापित करने और नस्ल विभाजन के बजाय संबंध बनाने में मदद करने के लिए, कई लोग मानते हैं कि, हमें परिप्रेक्ष्य देने में संग्रहालयों की भूमिका होती है।
1857 की क्रांति के उद्गम स्थल – हमारे शहर मेरठ, में प्रदेश का अकेला ऐसा राजकीय संग्रहालय है, जो प्रथम स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित है। अब इसे पेंटिंग, पुतले, थ्रीडी तस्वीरें(3D Photographs) और डिजिटल दस्तावेजों से बहुत ही आकर्षक ढंग से संवार दिया गया है। इस संग्रहालय का नाम – राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय है। इसमें पांच गैलरीयां हैं, जिसमें देशभर के क्रांति स्थलों के बारे में पूरी जानकारी है। एक आकर्षक मूर्त चित्र भी यहां है।
यह संग्रहालय हमारे शहर के शहीद स्मारक पार्क परिसर में स्थापित है। इस पार्क परिसर में शहीद स्मारक स्तंभ, राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, मंगल पांडेय की प्रतिमा, क्रांति पर आधारित लाइट एंड साउंड शो तथा अमर जवान ज्योति भी है। प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा 1995 में, इस संग्रहालय का निर्माण किया गया था। जबकि, इसका औपचारिक लोकार्पण प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की 150वीं वर्षगांठ पर, 10 मई 2007 को किया गया था।
दूसरी ओर, ‘डॉ. भाऊ दाजी लाड मुंबई शहर संग्रहालय’, ग्रेटर मुंबई नगर निगम की एक संस्था है। इस संग्रहालय की स्थापना हेतू, भारत में पहली बार किसी सांस्कृतिक संस्थान के प्रबंधन के लिए, सार्वजनिक-निजी भागीदारी स्थापित की गई है। फरवरी 2003 में, नगर निगम ग्रेटर मुंबई, जमनालाल बजाज फाउंडेशन और इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज(INTACH) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
यह संग्रहालय 1872 में तत्कालीन विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय, बॉम्बे(Victoria and Albert Museum, Bombay) के रूप में खोला गया था। मुंबई के पहले संग्रहालय के रूप में, यह ललित और सजावटी कलाओं के एक दुर्लभ संग्रह के माध्यम से शहर की सांस्कृतिक विरासत और इतिहास को प्रदर्शित करता है, जो प्रारंभिक आधुनिक कला प्रथाओं के साथ-साथ बॉम्बे प्रेसीडेंसी (Bombay Presidency) के विभिन्न समुदायों की शिल्प कौशल को उजागर करता है। संग्रहालय के स्थायी संग्रह में, मिट्टी के लघु मॉडल, मूर्त चित्र, मानचित्र, लिथोग्राफ(Lithograph), तस्वीरें और दुर्लभ पुस्तकें शामिल हैं। ये वस्तुएं मुंबई के लोगों के जीवन और अठारहवीं सदी के अंत से लेकर बीसवीं सदी की शुरुआत तक शहर के इतिहास का दस्तावेजीकरण करती हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/mprycp78
https://tinyurl.com/2z2ae7sz
https://tinyurl.com/576uvrpb
https://tinyurl.com/5n7s67rr
चित्र संदर्भ
1. बाहर से मेरठ के राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय को दर्शाता एक चित्रण (youtube)
2. विक्टोरिया और अल्बर्ट संग्रहालय को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. मुग़ल कालीन सिक्कों को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
4. काली पलटन मंदिर में एक क्रांति स्मारक को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. मेरठ के राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय को दर्शाता एक चित्रण को दर्शाता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
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