Post Viewership from Post Date to 19-Jul-2024 31st Day
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2690 152 2842

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

तितलियों का जीवन चक्र: प्रकृति की एक खूबसूरत कथा

मेरठ

 18-06-2024 10:03 AM
तितलियाँ व कीड़े

प्रकृति ने हमें वृक्षों, पौधों, फूलों, पशु-पक्षियों एवं कीटों के रूप में कई अनमोल उपहार दिए हैं। इन्हीं अनमोल उपहारों में से एक तितलियाँ प्रकृति की बेहद खूबसूरत रचनाएं हैं। रंग-बिरंगे उड़ने वाले इन जीवों में इंद्रधनुष के सभी रंग देखने को मिल जाते है। चाहे आपकी मनोदशा कैसी भी हो, तितलियों को देखते ही मन प्रफुल्लित हो जाता है। तितलियों के रंग हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह रंग-बिरंगी तितलियां एका-एक इसी रूप में बड़ी नहीं होतीं। किसी भी जीव के जीवन चक्र के दौरान उसके शरीर के स्वरूप में बड़े बदलावों की एक श्रृंखला होती है, जिसे कायापलट कहते हैं। तितलियों का जीवन चक्र भी अन्य पूर्णकायांतरी कीटकों के समान पूर्ण रूप से कायापलट से गुजरता है, जिसके चार चरण होते हैं - अंडा, लार्वा, प्यूपा और वयस्क | प्रत्येक चरण में तितली का स्वरूप पूरी तरह से अलग दिखता है। आइए, इन्ही चार चरणों को अब विस्तार से जानते है | अंडे देने की अवस्था: मादा तितलियाँ अक्सर विशिष्ट पौधों पर ही अंडे देती हैं, जिन्हें मेजबान पौधे कहा जाता है। एक तितली आमतौर पर 200-500 अंडे देती है जो प्रजाति के आधार पर आकार और माप में भिन्न होते हैं। अधिकांश प्रजातियों के अंडे चार से पाँच दिनों में फूट जाते हैं, जबकि कुछ प्रजातियों को तीन सप्ताह तक का समय लग सकता है। लार्वा चरण: अंडों के फुटने पर छोटे इल्ली (caterpillar) भोजन करना और बढ़ना शुरू कर देते हैं। अपने पहले भोजन के रूप में आमतौर पर ये अपने ही अंडे का छिलका ग्रहण करते हैं, जो इन्हें महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करता है। इसके बाद ये मेज़बान पौधे को खाना शुरू कर देते हैं। लगभग सभी प्रजातियों के इल्ली पत्तियां खाते हैं, लेकिन कुछ प्रजातियां तने, जड़ें, फल, बीज, फली या फूल भी खाते हैं। इनकी एक विशेषता यह होती है कि ये केवल मेजबान पौधे को ही खाते हैं। भोजन करने के साथ-साथ इनके शरीर का विस्तार होता है, उनकी त्वचा कड़ी होती जाती है, और अंततः विभाजित होकर झड़ जाती है, जिससे नीचे नई त्वचा दिखाई देती है। इसे निमोचन कहा जाता है। लार्वा बढ़ने के दौरान यह कई बार होता है। प्यूपा चरण: जब इल्ली पर्याप्त रूप से विकसित हो जाता है, तो यह एक संरक्षित स्थान ढूंढता है, आखिरी बार निमोचित होता है, और एक आवरण बनाता है जिसमें वे रूपांतरित हो जाते हैं। इस चरण के दौरान, अधिकांश ‘कीट इल्ली; एक रेशमी कोकून बनाते हैं, जबकि अधिकांश ‘तितली इल्ली’ कोषस्थ कीट (chrysalis) बनाते हैं। प्यूपा चरण में महत्वपूर्ण परिवर्तन होता है। इल्ली पाचक रस छोड़ता है, जो उसके शरीर के अधिकांश हिस्से को "ऊतक कोशिका सूप" में तोड़ देता है, जिससे उसके चार पंख, नए पैर, नई आंखें, नए मुखांग और जननांग विकसित होते हैं। वयस्क अवस्था: पूरी तरह से विकसित वयस्क, प्यूपा को दो भागों में बांटकर खोलता है, रेंगता है और अपने पंखों को फैलाने और सुखाने के लिए उल्टा लटक जाता है। इस स्तर पर, पंख बहुत नरम और गीले होते हैं और तितली को पंखों के सूखने के लिए दो घंटे तक इंतजार करते हुए लटका रहना होता है। एक बार जब पंख सूख जाते हैं, तो वयस्क भोजन करने, एक साथी ढूंढने और फिर से चक्र शुरू करने के लिए उड़ जाता है। एक वयस्क का औसत जीवन काल दो सप्ताह का होता है। कुछ तितलियां, विशेष रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में, एक वर्ष में कई बार प्रजनन करती हैं, जबकि ठंडे स्थानों पर कुछ प्रजातियों को अपना पूरा जीवन चक्र पूरा करने में कई वर्ष लग सकते हैं। आइए, अब तितलियों की प्रजातियों और उनसे सम्बंधित तितली के नाम जानते हैं: पैपिलिओनिडे (Papilionidae) प्रजाति की स्वेलोटेल्स (Swallowtails): अपने नाम के अनुरूप "स्वैलोटेल" प्रजाति की तितलियों के पिछले पंखों पर पूंछ जैसे उपांग होते हैं। हालांकि पैपिलिओनिडे परिवार की सभी तितलियों में यह विशेषता नहीं होती है। स्वैलोटेल के पंखों के रंग और पैटर्न भी विशिष्ट होते हैं, जिससे इसकी पहचान काफी आसान हो जाती हैं। निम्फालिडे (Nymphalidae) प्रजाति की ब्रश-फुटेड तितलियां (Brush-Footed Butterflies): निम्फालिडे प्रजाति तितलियों की सबसे बड़ी प्रजाति है, जिनकी दुनिया भर में लगभग 6,000 प्रजातियाँ वर्णित हैं। उत्तरी अमेरिका में ब्रश-फुटेड तितलियों की 200 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनके आगे के दो पैर आकार में छोटे होते हैं। ब्रश-फ़ुट तितलियां इन छोटे पैरों का उपयोग अपना भोजन करने के लिए करती हैं। पियरिडे (Pieridae) प्रजाति की वाइट और सल्फर (Whites and Sulphurs): पियरिडे परिवार की अधिकांश प्रजातियों में काले या नारंगी रंग के निशान के साथ हल्के सफेद या पीले पंख होते हैं। ये छोटी से मध्यम आकार की तितलियाँ होती हैं। वाइट और सल्फ़र में पैरों के तीन जोड़े होते हैं, और ब्रश-फुटेड के विपरीत इनके सामने के छोटे पैर होते हैं। दुनिया भर में, वाइट और सल्फर तितलियाँ प्रचुर मात्रा में हैं, जिनकी 1,100 प्रजातियाँ वर्णित हैं। लाइकेनिडे (Lycaenidae) प्रजाति की गॉसमर-पंख वाली तितलियाँ (Gossamer-Winged Butterflies): हेयरस्ट्रेक्स (Hairstreaks), ब्लूज़ (Blues) और कॉपर्स (Coppers) को सामूहिक रूप से गॉसमर-पंख वाली तितलियों के रूप में जाना जाता है। इनमें से अधिकांश तितलियाँ काफी छोटी और त्वरित होती हैं। इसलिए इन्हें पकड़ना या इनकी तस्वीर खींचना बेहद मुश्किल होता है। जैसा कि इनके नाम से स्पष्ट है, "गॉसमर-पंख वाली तितलियों के पंखों पर अक्सर चमकीले रंग की धारियाँ होती हैं। हेयरस्ट्रेक तितलियाँ मुख्यतः उष्ण कटिबंध में पायी जाती हैं, जबकि ब्लूज़ और कॉपर्स अधिकांशतः समशीतोष्ण क्षेत्रों में पायी जाती हैं। रिओडिनिडे (Riodinidae) प्रजाति की मेटलमार्क्स (Metalmarks): मेटलमार्क्स तितलियां छोटे से मध्यम आकार की होती हैं, और मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं। इस परिवार की लगभग 1,400 प्रजातियां हैं। जैसा कि इनके नाम से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं, इन्हें मेटलमार्क का नाम धातु जैसे दिखने के कारण मिला है। हेस्परिडी Hesperiidae) प्रजाति की स्किपर्स (Skippers): एक समूह के रूप में, स्किपर्स को अन्य तितलियों से अलग करना आसान होता है। किसी भी अन्य तितली की तुलना में, स्किपर का वक्ष मजबूत होता है जिससे यह पतंगे जैसी प्रतीत होती हैं। स्किपर्स के एंटीना भी अन्य तितलियों की तुलना में भिन्न होते हैं। स्किपर्स के एंटीना एक हुक में के समान होते हैं। अधिकांश स्किपर्स भूरे रंग की होती हैं, जिन पर सफेद या नारंगी रंग के निशान होते हैं। यह देखा गया है कि हमारे उत्तर प्रदेश के 'हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य' का मेरठ क्षेत्र तितली प्रजातियों की विविधता के मामले में अत्यंत समृद्धि क्षेत्र है। यहां पर तितलियों की प्रजातियों की विविधता में भिन्नता का पता लगाने के लिए कई अध्ययन किए गए हैं। इस क्षेत्र में ऐसा ही एक अध्ययन अप्रैल 2021 से नवंबर 2022 के बीच तीन चयनित स्थलों पर तितली प्रजातियों की विविधता को रिकॉर्ड करने के लिए किया गया था। सर्वेक्षण अवधि के दौरान अध्ययन क्षेत्र में, 22 प्रकार की 27 प्रजातियों की कुल 1,171 तितलियां पाई गईं, जो पांच परिवारों से संबंधित थीं: निम्फालिडे (Nymphalidae), पियरिडे (Pieridae), पैपिलिओनिडे (Papilionidae), लाइकेनिडे (Lycaenidae) और हेस्परिडे (Hesperiidae)। इन तितलियों की 27 प्रजातियों में से 11 प्रजातियाँ या तो अभयारण्य के सभी तीन क्षेत्रों में यातीनक्षेत्रोंमेंसेकिसी दो में पाई गईं हैं, जबकि 16 प्रजातियाँ एक विशिष्ट अभयारण्य क्षेत्र में सीमित पाई गईं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/523aa57m
https://tinyurl.com/y7rvtyf6
https://tinyurl.com/5afh6y4b
https://tinyurl.com/2r6z7bcj

चित्र संदर्भ
1. मोनार्क तितली के जीवन चक्र को संदर्भित करता एक चित्रण (NDLA)
2. तितली के अंडो को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. लार्वा चरण को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. प्यूपा चरण को संदर्भित करता एक चित्रण (PickPik)
5. प्यूपा से निकल रही तिलती को संदर्भित करता एक चित्रण ( Flickr)
6. पैपिलिओनिडे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. ब्रश-फुटेड तिलती को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
8. वाइट और सल्फर तिलती को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
9. गॉसमर-पंख वाली तिलती को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
10. मेटलमार्क्स तिलती को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
11. स्किपर्स तिलती को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
12. हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • मेरठ की ऐतिहासिक गंगा नहर प्रणाली, शहर को रौशन और पोषित कर रही है!
    नदियाँ

     18-09-2024 09:18 AM


  • क्यों होती हैं एक ही पौधे में विविध रंगों या पैटर्नों की पत्तियां ?
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:16 AM


  • आइए जानें, स्थलीय ग्रहों एवं इनके और हमारी पृथ्वी के बीच की समानताओं के बारे में
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:34 AM


  • आइए, जानें महासागरों से जुड़े कुछ सबसे बड़े रहस्यों को
    समुद्र

     15-09-2024 09:27 AM


  • हिंदी दिवस विशेष: प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण पर आधारित, ज्ञानी.ए आई है, अत्यंत उपयुक्त
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:21 AM


  • एस आई जैसी मानक प्रणाली के बिना, मेरठ की दुकानों के तराज़ू, किसी काम के नहीं रहते!
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:10 AM


  • वर्षामापी से होता है, मेरठ में होने वाली, 795 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा का मापन
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:25 AM


  • परफ़्यूमों में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक रसायन डाल सकते हैं मानव शरीर पर दुष्प्रभाव
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:17 AM


  • मध्यकालीन युग से लेकर आधुनिक युग तक, कैसा रहा भूमि पर फ़सल उगाने का सफ़र ?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:32 AM


  • पेट्रोलियम के महत्वपूर्ण स्रोत हैं नमक के गुंबद
    खनिज

     09-09-2024 09:43 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id