प्रचीन काल से ही मनुष्य विभिन्न प्रकार के बर्तनों को बानाते आ रहा है जो की नवपुरापाषाण काल से लेकर सिन्धु सभ्यता तथा मध्यकाल तक दिखाई देता है|
लगभग 2500-1500 ई. पूर्व से मिला प्याला और सुराही जो मेरठ के संग्रहालय में है, आज भी इस बात की पुष्टि करता है| इससे हमे ये ज्ञात होता है की कैसे समय के साथ विभिन्न धातुओं का आविष्कार हुआ और मिट्टी के बर्तन पर आश्रित रहने वाले लोग, धातु से बने बर्तनों की तरफ अग्रसित हुए|
मेरठ में बर्तनों का व्यापार प्रमुख व्यापारों में से एक है, दूसरा है कैंची का| मेरठ मे वर्तमान समय मे कई प्रकार के बर्तनों का व्यापार होता है, जहाँ से भारत के विभिन्न भागो मे बर्तनों को निर्यात किया जाता है|