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आज की भागदौड़ भरी दुनिया में अलग-अलग कारणों से तनाव और चिंता होना आम बात हो गई है। इस तरह की समस्याओं से जूझने वाले लोग आराम करने और बेहतर महसूस करने के लिए अलग-अलग तरीकों की तलाश कर रहे हैं। इस संदर्भ में अरोमाथेरेपी या सुगंध चिकित्सा (Aromatherapy), एक कारगर उपाय साबित हो सकती है। इसके तहत आपके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने हेतु, अलग-अलग पौंधों की सुगंधों का उपयोग किया जाता है। आज के इस लेख में, हम जानेंगे कि अरोमाथेरेपी वाकई में क्या है और इसके क्या लाभ हो सकते हैं? साथ ही आज हम यह भी चर्चा करेंगे कि अरोमाथेरेपी का सुरक्षित रूप से उपयोग कैसे करें और इसके अभ्यास में हमें किन जोखिमों के प्रति सचेत रहना चाहिए?
आसान शब्दों में समझें तो ‘अरोमाथेरेपी, किसी विकार के उपचार में मदद हेतु पौधों से प्राप्त आवश्यक तेलों (Essential Oil) का उपयोग करने की एक विधि है।” "अरोमा" शब्द से ही पता चलता है कि यह विधि तेलों की गंध से संबंधित है। आवश्यक तेल समय के साथ संक्रमण, तनाव और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज हेतु काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। हालांकि अभी भी इस बात के ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, कि ये वाकई में काम करते हैं या नहीं?
आवश्यक तेल क्या हैं?
आवश्यक तेल, पौधों के विभिन्न हिस्सों जैसे जड़ों, पत्तियों, बीज, या फूलों से प्राप्त मज़बूत अर्क होते हैं। प्रत्येक तेल में अलग-अलग सक्रिय तत्व होते हैं, जो यह निर्धारित करते हैं कि इसका उपयोग किस लिए किया जाता है। कुछ तेल शारीरिक समस्याओं जैसे सूजन कम करने या संक्रमण का इलाज करने में मदद करते हैं। वहीँ कई अन्य तेल भावनात्मक मुद्दों जैसे मन को शांत करने या कमरे को सुगंधित बनाने में लाभदायक हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, संतरे के फूल का तेल, मन को शांत करने में कारगर माना जाता है।
आज तक शोधकर्ता पूरी तरह से यह नहीं समझ पाए हैं कि अरोमाथेरेपी कैसे काम करती है? कुछ जानकार मानते हैं कि ‘इस विधि में हमारी गंध की अनुभूति की बहुत बड़ी भूमिका होती है।’ जब आप आवश्यक तेलों को सूंघते हैं, तो आपकी नाक के रिसेप्टर्स (Receptors) आपके मस्तिष्क के उन हिस्सों (एमिग्डाला और हिप्पोकैम्पस (Amygdala And Hippocampus) को संकेत भेजते हैं, जो भावनाओं और यादों की देखरेख करते हैं। इन तेलों को सांस के रूप में शरीर के भीतर लेने से आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, लैवेंडर हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं को शामक औषधि की तरह ही प्रभावित कर सकता है। हालाँकि कई अन्य जानकार यह भी मानते हैं कि तेल के अणु रक्त में हार्मोन या एंज़ाइम के साथ परस्पर क्रिया करते हैं।
अरोमाथेरेपी, मालिश के लिए आवश्यक तेलों का उपयोग करने का एक सामान्य तरीका है। मालिश के दौरान, आपकी त्वचा इन तेलों को अवशोषित करती है, साथ ही आप उन्हें सांस के रूप में भी अपने भीतर लेते हैं।
अरोमाथेरेपी सत्र के दौरान अरोमाथेरेपिस्ट (Aromatherapists), नर्स (Nurses), फिज़िओ थेरेपिस्ट (Physio Therapists), फार्मासिस्ट Pharmacists) और मसाज थेरेपिस्ट (Massage Therapists) जैसे प्रशिक्षित पेशेवर, आपकी त्वचा पर तेल लगाकर या इसे आपको सुंघाकर या आपके मुहं के भीतर इसे डालकर आपको अरोमाथेरेपी प्रदान कर सकते हैं।
स्वास्थ्य स्पा (Health Spas) और अस्पतालों जैसे कई स्थानों पर विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए अरोमाथेरेपी का ही उपयोग किया जाता है। यह थेरेपी दर्द को कम करने, मूड में सुधार करने और लोगों को राहत दिलाने में मदद करती है।
कुछ नैदानिक अध्ययनों से पता चलता है कि जब दाइयाँ गर्भवती महिलाओं पर आवश्यक तेलों (विशेष रूप से गुलाब, लैवेंडर और लोबान) का उपयोग करती हैं, तो उन महिलाओं में चिंता और डर कम हो जाता है, और उन्हें समग्र रूप से बेहतर महसूस होता है। साथ ही उन्हें प्रसव के दौरान दर्द की दवा की आवश्यकता भी कम होती है।
इसके अलावा:
१. अरोमाथेरेपी तनाव को कम करने में मदद कर सकती है। लैवेंडर का आवश्यक तेल, तंत्रिका तंत्र को शांत करके, रक्तचाप और हृदय गति को कम करके तनाव को कम करने के लिए जाना जाता है। चमेली, कैमोमाइल (Chamomile), लेमनग्रास और जेरेनियम (Lemongrass And Geranium) जैसे अन्य तेल भी तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
२. अरोमाथेरेपी आपको ऊर्जावान बना सकती है। खट्टे तेल, विशेषकर नींबू में एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants ) होते हैं, जो ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं। पेपरमिंट ऑयल (Peppermint Oil) आपके व्यायाम प्रदर्शन में सुधार कर सकता है, एकाग्रता बढ़ा सकता है और आपकी थकान को कम कर सकता है।
३. यदि आपको ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो रही है, तो आप रोज़मेरी, बेसिल और सेज जैसे आवश्यक तेलों का उपयोग सकते हैं। ये तेल स्मृति और संज्ञानात्मक प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं।
४. दौड़ भाग भरी जिंदगी के बीच अरोमाथेरेपी आपकी नींद में भी सुधार कर सकती है। लैवेंडर तेल के साथ मोमबत्ती जलाने से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। 15 दिनों तक लैवेंडर तेल का उपयोग करने से बड़ा अंतर आ सकता है। अन्य तेल जैसे बरगामोट (Bergamot), कैमोमाइल (Chamomile) और इलंग-इलंग (Ylang-Ylang) भी आपको बेहतर नींद दिलाने में मदद कर सकते हैं
५. यदि आपका पेट ख़राब है, तो आवश्यक तेल पाचन एंज़ाइमों को उत्तेजित करके पाचन में सुधार करने में भी मदद कर सकते हैं। अदरक और पुदीना जैसे तेल इरिटेबल आंत्र सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) जैसी समस्याओं का इलाज कर सकते हैं। सौंफ और जुनिपर बेरी का तेल भी पाचन के लिए फायदेमंद होता है।
६. आवश्यक तेलों में सूजनरोधी गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। उदाहरण के लिए, अजवायन के तेल में एंटीवायरल और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। अदरक, नीलगिरी और लोहबान जैसे अन्य तेल आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत कर सकते हैं।
७. अरोमाथेरेपी बालों के स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकती है। अक्सर बालों के देखभाल उत्पादों में कठोर रसायनों से बचने के लिए आवश्यक तेल को डाला जाता है। रोज़मेरी, हेलिक्रिसम और लोहबान (Helichrysum And Myrrh) जैसे तेल आपके बालों को घना और मज़बूत बना सकते हैं। छह महीने तक रोज़मेरी तेल का उपयोग करने से बालों के झड़ने की स्थिति में भी मदद मिल सकती है।
संक्षेप में अरोमाथेरेपी या सुगन्ध चिकित्सा निम्नलिखित विकारों से निपटने में मदद कर सकती है:
- बालों का झड़ना
- उत्तेजना, मनोभ्रंश
- चिंता
- कब्ज़
- पागलपन
- अनिद्रा
- दर्द (संधिशोथ, कैंसर और सिरदर्द से पीड़ित लोगों को अरोमाथेरेपी का उपयोग करते समय कम दर्द निवारक दवाओं की आवश्यकता होती है)
- खुजली
- घाव भरने
- हरपीज़ संक्रमण
-रजोनिवृत्ति के लक्षण
-सोरायसिस (Psoriasis)
अरोमाथेरेपी का उपयोग करने के कुछ सामान्य तरीके यहां दिए गए हैं:
१. अप्रत्यक्ष साँस लेना:
- रूम डिफ्यूज़र (Room Diffuser): कमरे में खुशबू फैलाने के लिए डिफ्यूज़र में आवश्यक तेल मिलाएं।
- टिशू या तकिया (Tissue Or Pillowcase): टिशू, अपने तकिये या कपड़े पर कुछ बूंदें डालें।
- अरोमाथेरेपी मोमबत्तियाँ और फ्रेशनर (Aromatherapy Candles And Fresheners): अरोमाथेरेपी के लिए बनी मोमबत्तियाँ या रूम स्प्रे का उपयोग करें।
- आभूषण: अरोमाथेरेपी कंगन या पेंडेंट पहनें जिनमें आवश्यक तेल लगे हुए हों।
२. प्रत्यक्ष साँस लेना:
- वेपोराइज़र मास्क (Vaporizer Mask): विशेष मास्क का उपयोग करें जो आपको सीधे तेल में सांस लेने की अनुमति देता है।
- नेज़ल स्टिक (Nasal Stick): नेज़ल स्टिक का उपयोग करके तेल अपने शरीर के भीतर लें।
३. त्वचा अवशोषण:
- मालिश: मालिश के लिए किसी वाहक तेल या लोशन के साथ आवश्यक तेलों को पतला करें।
- स्नान और अन्य उत्पाद: स्नान नमक (Bath Salts), लोशन, साबुन, शैंपू और डिटर्जेंट में पतला आवश्यक तेल मिलाएं।
अरोमाथेरेपी से किसे बचना या सावधान रहना चाहिए?
- गर्भवती महिलाएं और गंभीर अस्थमा पीड़ित और एलर्जी से ग्रस्त व्यक्ति आवश्यक तेलों का उपयोग केवल प्रशिक्षित पेशेवर और डॉक्टर की देखरेख में ही करें।
- गर्भवती महिलाएं और दौरे वाले लोग हाईसोप तेल (Hyssop Oil) का उपयोग करने से बचें।
- उच्च रक्तचाप वाले लोग रोज़मेरी और स्पाइक लैवेंडर (Spike Lavender) जैसे उत्तेजक आवश्यक तेलों से दूर रहें।
- एस्ट्रोजन-निर्भर ट्यूमर (Estrogen-Dependent Tumors) वाले लोग सौंफ,सेज और क्लैरी सेज (Clary Sage) जैसे तेलों का उपयोग न करें, जिनमें एस्ट्रोजन (Estrogens) होता है।
यदि सही ढंग से न किया जाए तो आवश्यक तेलों का उपयोग खतरनाक हो सकता है।
इसके संभावित जोखिमों में शामिल हैं:
- यदि आवश्यक तेलों को निगल लिया जाए या अनुचित तरीके से उपयोग किया जाए, तो आवश्यक तेल जहरीले भी हो सकते हैं।
- यदि तेल को पतला न किया जाए तो यह आपकी त्वचा पर जलन पैदा कर सकता है।
- गलत तरीके से तेल भीतर लेने से फेफड़ों में गंभीर संक्रमण हो सकता है, जिसे केमिकल न्यूमोनाइटिस (Chemical Pneumonitis) कहा जाता है।
- कीमोथेरेपी से गुज़र रहे लोग भी किसी भी आवश्यक तेल का उपयोग करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।
नीचे एक सूची दी गई है, जिसमें पौधों, पत्तियों, फूलों और लकड़ी से बने विभिन्न आवश्यक तेलों के कुछ लाभों को दर्शाया गया है। यह जानकारी उत्तरी अमेरिका के नर्सिंग क्लीनिक (Nursing Clinics Of America) कि एक समीक्षा से ली गई है।
१. बीज
- मीठी सौंफ: सूजन कम करती है, कीटाणुओं से लड़ती है, गैस से राहत देती है, मांसपेशियों को आराम देती है।
-इलायची: कीटाणुओं से लड़ती है, पाचन समस्याओं को कम करती है।
२. तने, पत्तियाँ और सुइयाँ
-सिस्टस (Cistus): प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है, घावों को ठीक करने में मदद करता है।
-नीलगिरी: घावों और जलन का इलाज करता है, बंद नाक को साफ करता है, अस्थमा में मदद करता है।
-रोज़मेरी: सूजन कम करती है, दर्द से राहत देती है, मांसपेशियों को आराम देती है, घावों को ठीक करने में मदद करती है।
३. पंखुड़ियाँ और फूल
-जेरेनियम (Geranium): चिंता को कम करता है, विश्राम को बढ़ावा देता है, सूजन को कम करता है।
-लैवेंडर: रक्तचाप और चिंता को कम करता है, नींद में मदद करता है, नसों को शांत करता है, दर्द से राहत देता है।
-चमेली: मूड अच्छा करती है, रोमांटिक भावनाओं को बढ़ाती है, तंत्रिकाओं को शांत करती है।
४. छिलके और फल
-नींबू: रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, चिंता कम करता है, कीटाणुओं से लड़ता है।
-मीठा संतरा: दर्द से राहत देता है, कीटाणुओं से लड़ता है, दुर्गंध कम करता है, चिंता कम करता है।
-जुनिपर बेरी: दर्द से राहत देता है, सूजन कम करता है।
५. लकड़ियाँ और रेज़िन
-देवदार की लकड़ी: कीटाणुओं से लड़ती है।
-चंदन: कीटाणुओं से लड़ता है, मूड अच्छा करता है, तंत्रिका तंत्र को शांत करता है।
-लोबान: चिंता कम करता है, घावों को भरने में मदद करता है, मूड अच्छा करता है।
संदर्भ
Https://Tinyurl.Com/Y2s8c33j
Https://Tinyurl.Com/Mrckmmp3
Https://Tinyurl.Com/2ppadc5r
Https://Tinyurl.Com/Yuwwxveu
चित्र संदर्भ
1. अरोमाथेरेपी को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
2. आवश्यक तेलों को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
3. अरोमाथेरेपी कराती महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (pexels)
4. एमिग्डाला को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. पीले फूलों के आवश्यक तेल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
6. सुगंधित मोमबत्ती को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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