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कई बार सही समय पर कही गई, सही कहावत हमें बड़े जोखिमों से बचा सकती है। इन कहावतों की उत्पत्ति का प्रमुख स्त्रोत सांस्कृतिक परंपराएँ, धार्मिक पुस्तकें, साहित्य और लोगों के व्यक्तिगत अनुभव होते हैं। आज के इस लेख में, हम देखेंगे कि इन विभिन्न स्रोतों से कहावतें कैसे ली जाती हैं। साथ ही आज हम कुछ उर्दू कहावतों और उनके अर्थों को जानेंगे और यह भी देखेंगे कि वास्तविक जीवन में इन कहावतों का प्रयोग कैसे किया जा सकता है?
कई ऐतिहासिक कहावतें हमें कई अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त हुई हैं। कुछ कहावतों को कन्फ्यूशियस (Confucius), प्लेटो और बाल्टासार ग्रेसियान (Plato and Baltasar Gracian) जैसे विचारकों द्वारा सोचा और लिखा गया है। अन्य कहावतें कविताओं, कहानियों, गीतों, विज्ञापनों, फिल्मों और किताबों के माध्यम से प्रचलित हुई हैं। यीशु, शेक्सपियर और अन्य प्रसिद्ध विभूतियों द्वारा कही गई बातें भी समय के साथ कहावतों में बदल गई हैं।
कई कहावतें कहानियों पर आधारित होती हैं। उदाहरण के लिए, "बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा?" नामक यह कहावत चूहों से जुड़ी एक कहानी से ली गई है, जिसमें चूहे एक बिल्ली से खुद को बचाने का तरीका ढूंढने की कोशिश कर रहे होते हैं। जे.आर.आर. टॉल्किन और सी.एस. लुईस (J.R.R. Tolkien and C.S. Lewis) जैसे कुछ लेखकों ने भी अपनी किताबों में कहावतें बनाई हैं, जो वास्तविक जीवन में लोकप्रिय हो गई हैं। उदाहरण के लिए, हॉलीवुड फिल्म फॉरेस्ट गम्प (Forrest Gump) से यह कहावत प्रचलित हुई कि "जीवन चॉकलेट के डिब्बे की तरह है।"
मानव इतिहास की सबसे पुरानी दर्ज कहावत लगभग 1800 ईसा पूर्व की सुमेरियन सभ्यता में मिलती है। आधुनिक कहावतों को आधुनिक घटनाओं के संदर्भ से पहचाना जा सकता है, जैसे हाईटियन (Haiti) कहावत "जिस मछली को माइक्रोवेव किया जा रहा है, उसे बिजली गिरने का डर नहीं लगता है" जैसी कहावतों को समझने के लिए आपको आधुनिक वस्तुओं या प्रथाओं का ज्ञान होना चाहिए।
नई-नई कहावतें बनती रहती हैं। उदाहरण के लिए, 1980 के दशक में इथियोपिया में, जबरन सैन्य भर्ती से बचने के बारे में एक कहावत उभरी: "...जो खुद को छुपाता था वह बच्चे पैदा करने के लिए जीवित रहता था।" केन्या में, एक राजनीतिक उम्मीदवार ने 1995 के अपने अभियान के दौरान "तत्काल सर्वोत्तम है" को लोकप्रिय बनाया, जिसका उपयोग आधुनिक लोग त्वरित कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए करते हैं।
20वीं सदी में 1,400 से अधिक नई अंग्रेज़ी कहावतें बनाई गईं। समय के साथ बदलती परिस्थितियों और वातावरण में नई-नई कहावतें बनाने की यह प्रक्रिया सदैव चलती रहती है।
चलिए अब कुछ दिलचस्प हिंदी कहावतों और उनमें निहित अर्थों पर एक नज़र डालते हैं:
१- नाच न जाने आँगन टेढ़ा: कमी ख़ुद में होना, और उसका दोष अपनी परिस्थितियों या दूसरों पर मढ़ देना।
२- जले पर नमक छिड़कना: दुखी आदमी को और अधिक दुखी कर देना।
३- गरजने वाले बादल, बरसते नहीं हैं: बहुत बोलने वाले लोग कुछ ख़ास कर नहीं पाते।
४. जितनी लंबी चादर हो उतने ही पैर फैलाने चाहिए: उदाहरण के तौर पर अपने बजट के अनुरूप ही पैसे खर्च करने चाहिए।
५- अब पछताए क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत: गलती हो जाने के बाद पछताने का कोई भी लाभ नहीं होता है।
६-जैसा देश, वैसा भेस: अपने वातावरण और वहां की संस्कृति के अनुकूल ही व्यवहार करें। उदाहरण के तौर पर यदि आप घर में रहते हैं, तो घर के अनुरूप ही व्यवहार करें और घर के अनुरूप ही कपड़े पहने, वहीं अगर आप ऑफिस में हैं तो ऑफिस के अनुरूप ही कपड़े पहनें और व्यवहार करें।
हिंदी की भांति उर्दू भाषा भी पारंपरिक मुहावरों और कहावतों से समृद्ध है, जो इसके बोलने वालों की सामूहिक चेतना और समूह पहचान को दर्शाती है।
इस लेख में आगे हम आपको कई सबसे आम उर्दू कहावतों और सरल हिंदी में उनके अर्थों से परिचित कराएंगे:
📝 मेहनत कामयाब की कुंजी है: यह कहावत उर्दू और अंग्रेज़ी दोनों संस्कृतियों में लोकप्रिय है। इसका उपयोग किसी को अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने हेतु प्रेरित करने के लिए किया जा सकता है।
📝 हिम्मत ए मर्दा मदद ए खुदा: जो खुद की मदद करता है, उसकी खुदा / भगवान भी मदद करता है।
📝 काम बिन दाम नहीं: इस कहावत का अर्थ है कि यदि आप काम नहीं करेंगे तो पैसा नहीं कमा पाएंगे।
📝 मश्क आदम को कामिल बना देती है: अभ्यास मनुष्य को पूर्ण बनाता है। इस कहावत का उपयोग अभ्यास के माध्यम से किसी कौशल में महारत हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है।
📝 जहाँ चाह वहाँ राह।: इसका मतलब यह है कि यदि कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने के लिए कृतसंकल्प होता है, तो वह अपनी मंजिल को सफलतापूर्वक हासिल कर ही लेता है।
📝 अंत भला तो सब भला: इस कहावत का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को बधाई देने के लिए किया जाता है जिसने कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद कोई कार्य अच्छी तरह से पूरा किया है।
जीवन से जुड़ी उर्दू कहावतें:
📝 "जिंदगी फूलों की सेज नहीं": इस उर्दू कहावत का प्रयोग जीवन में कठिनाइयों का सामना करने वाले किसी व्यक्ति को सांत्वना देने के लिए किया जाता है।
📝 "जिंदगी जिंदा दिल का नाम है": इस काव्यात्मक छंद का उपयोग दुखी लोगों को खुश रहने के लिए प्रेरित करने और उन्हें जीवन का पूरा आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है।
📝 "ताजुरबा सब कहें बरहा उस्ताद है": इस कहावत का उपयोग अनुभवों के महत्व पर प्रकाश डालने के लिए किया जा सकता है।
📝 "समय और ज्वार किसी का इंतज़ार नहीं करते": इस कहावत का प्रयोग अक्सर उन युवाओं को संबोधित करने के लिए किया जाता है जो बेकार की गतिविधियों पर अपना समय बर्बाद करते हैं।
📝 "समय पर एक सिलाई नौ बचाती है": इस कहावत का अर्थ है कि यदि आप समय रहते कार्रवाई करें तो आप भविष्य में आने वाली कई समस्याओं से खुद को बचा सकते हैं।
📝 "देर आए दुरुस्त आए": इस कहावत का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को कोई बात बहुत देर से समझ आती है, लेकिन अच्छी तरह से समझ में आ जाती है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/36frmkj7c
https://tinyurl.com/zuxrbmhj
https://tinyurl.com/5an35sfv
चित्र संदर्भ
1. किताब पढ़ती एक छोटी बच्ची को संदर्भित करता एक चित्रण (pxhere)
2. कन्फ्यूशियस को संदर्भित करता एक चित्रण (worldhistory)
3. सुमेरियन भाषा को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. एक युगल को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
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