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मानव के आनुवंशिक अध्ययन में कैसे मील का पत्थर साबित हुई मानव जीनोम परियोजना?

मेरठ

 30-05-2024 09:41 AM
डीएनए

हम जानते हैं कि, मानव जीनोम परियोजना(Human Genome Project) और डीएनए अनुक्रमण(DNA sequencing) प्रौद्योगिकियों में प्रगति तथा उपभोक्ता के प्रत्यक्ष आनुवंशिक परीक्षण सेवाओं के उद्भव के कारण, हम अब बढ़ती सटीकता के साथ अपने आनुवंशिक वंश का पता लगा सकते हैं। यह लोगों को जाति संबद्धता से परे अपने पारिवारिक और भौगोलिक मूल का पता लगाने की अनुमति देता है, जिससे व्यक्तिगत पहचान में जाति का महत्व संभावित रूप से कम हो जाता है। तो आइए आज देखें कि, मानव जीनोम का अवलोकन और समझ प्राप्त करते हुए, मानव जीनोम परियोजना ने इसे हासिल करने में कैसे मदद की है। साथ ही, इससे संबंधित कुछ अन्य रोचक जानकारी भी प्राप्त करेंगे। मानव जीनोम(Genome) मनुष्यों के लिए डीएनए (DNA) अनुक्रमों का एक पूरा सेट होता है।मानव जीनोम में प्रोटीन-कोडिंग डीएनए(Protein-coding DNA) अनुक्रम और विभिन्न प्रकार के डीएनए भी शामिल होते हैं, जो प्रोटीन को एनकोड(Encode)नहीं करते हैं। प्रोटीन को एनकोड न करने वाले जीनोम की एक विविध श्रेणी है, जिसमें ट्रांसलेट(Translate) न किए गए आरएनए(RNA– Ribonucleic acid) के लिए भी डीएनए कोडिंग शामिल होता है। डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड(Deoxyribonucleic acid) या डीएनए एक रासायनिक यौगिक है। इसमें लगभग सभी जीवित जीवों की गतिविधियों को विकसित करने और उन्हें निर्देशित करने के लिए आवश्यक निर्देश शामिल हैं। डीएनए अणु दो मुड़े हुए व युग्मित धागों या स्ट्रैंड (Strands) से बने होते हैं, जिन्हें अक्सर डबल हेलिक्स(Double helix) कहा जाता है। जबकि, प्रत्येक डीएनए स्ट्रैंड चार रासायनिक इकाइयों से बना होता है, जिन्हें न्यूक्लियोटाइड बेस(Nucleotide base) कहा जाता है, जिसमें आनुवंशिक “माला” शामिल होती है। ये बेस एडेनिन (ए – adenine), थाइमिन (टी – thymine), गुआनिन (जी – guanine), और साइटोसिन (सी – cytosine) हैं। इन बेस का क्रम डीएनए अणु के उस हिस्से में एन्कोड की गई जानकारी का अर्थ निर्धारित करता है, जिस प्रकार अक्षरों का क्रम किसी शब्द का अर्थ निर्धारित करता है। एक तरफ, जीनोमिक्स(Genomics) किसी व्यक्ति के सभी जीनों (जीनोम) का अध्ययन है, जिसमें उन जीनों के एक दूसरे के साथ और व्यक्ति के पर्यावरण के साथ संबंध शामिल है। मानव जीनोम परियोजना, जिसका नेतृत्व संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान में, राष्ट्रीय मानव जीनोम अनुसंधान संस्थान द्वारा किया गया था, ने मानव जीनोम अनुक्रम का एक बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाला संस्करण तैयार किया जो सार्वजनिक डेटाबेस में स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है। यह डीएनए क्रम किसी एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि, अनेक व्यक्तियों से प्राप्त है। इसलिए, यह एक “प्रतिनिधिक क्रम” या सामान्य अनुक्रम है। हालांकि, मानव जीनोम परियोजना के तहत, मानव जीनोम का अनुक्रम 2022 में ही, डीएनए अनुक्रमण द्वारा पूरी तरह से निर्धारित किया गया है। लेकिन, अभी तक इसे पूरी तरह से समझा नहीं गया है।अधिकांश जीनों की पहचान उच्च प्रयोगात्मक और जैव सूचना विज्ञान(Bioinformatics) दृष्टिकोण के संयोजन से की गई है। फिर भी, उनके प्रोटीन और आरएनए उत्पादों के जैविक कार्यों को और अधिक स्पष्ट करने के लिए अभी भी बहुत अनुसंधान करने की आवश्यकता है। आइए, अब मानव जीनोम परियोजना के समय पटल पर जाते हैं:
1. मानव जीनोम परियोजना की शुरूआत वर्ष 1984-86 में ही हुई थी।
2. अप्रैल 1990 में, इससे संबंधित संस्थाओं ने अपेक्षित 15-वर्षीय परियोजना के पहले पांच वर्षों के लिए एक योजना प्रकाशित की। परियोजना के लक्ष्यों में:
a. मानव जीनोम का मानचित्रण और उसके सभी 3.2 अरब लक्षणों का अनुक्रम निर्धारित करना;
b.. जीव विज्ञान के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण, अन्य जीवों के जीनोम का मानचित्रण और अनुक्रमण करना तथा डीएनए का विश्लेषण करने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करना हैं।
और, इस प्रकार 1 अक्टूबर, 1990 को परियोजना आधिकारिक तौर पर शुरू हुई।
3. सितंबर 1994 में, मानव जीनोम परियोजना ने अपना पहला मानचित्रण लक्ष्य पूरा किया। यह आनुवंशिक लिंकेज(Genetic linkage) मानचित्र गुणसूत्रों पर स्थित विशिष्ट डीएनए स्वरूप के बीच सापेक्ष क्रम और अनुमानित अंतर दिखाते हैं।
4. अक्टूबर 23, 1998 को जीनोम परियोजना के लिए नई पंचवर्षीय योजना प्रकाशित की है। क्योंकि, पिछली पंचवर्षीय योजना के सभी प्रमुख लक्ष्य पूरे हो चुके थे। नई पंचवर्षीय योजना में मानव अनुक्रमण का कार्य, निर्धारित समय से दो वर्ष पहले पूरा होने की उम्मीद की गई थी।
5 फिर, मार्च 1999 में, अंतर्राष्ट्रीय मानव जीनोम परियोजना ने मानव जीनोम को अनुक्रमित करने के पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया और सभी 3 अरब लक्षणों को अनुक्रमित करने के पूर्ण पैमाने पर प्रयास का शुभारंभ किया।
6. इसके पश्चात, 26 जून 2000 को, इंटरनेशनल ह्यूमन जीनोम सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (International Human Genome Sequencing Consortium) ने घोषणा की कि, मानव जीनोम के अनुक्रम का एक कार्यशील ढांचा पूरा कर लिया है। और,14 अप्रैल, 2003 को, इसी कंसोर्टियम ने मानव जीनोम परियोजना के सफल समापन की घोषणा की।

संदर्भ
https://tinyurl.com/yya69u92
https://tinyurl.com/3yn4awwe
https://tinyurl.com/45t8setu

चित्र संदर्भ
1. मानव जीनोम परियोजना को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. जीनोम बदलाव को संदर्भित करता एक चित्रण (Innovative Genomics)
3. जीनोमिक्स को संदर्भित करता एक चित्रण (innovativegenomics)
4. जैव सूचना विज्ञान मॉडल को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)

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