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आप सभी ने अंटार्कटिका (Antarctica) का नाम तो सुना ही होगा! दरअसल, इस महाद्वीप के बारे में जानने की इच्छा हर किसी को होती है और कुछ लोग तो यहां घूमने के बारे में भी सोचते हैं। हालाँकि, यहाँ जाना इतना आसान नहीं है, क्योंकि अंटार्कटिका पृथ्वी पर मौजूद सभी सात महाद्वीपों में से सबसे ठंडा महाद्वीप है। दक्षिणी ध्रुव पर स्थित इस महाद्वीप पर तेज़ ठंडी हवाएँ चलती हैं, यहाँ का तापमान हमेशा चार डिग्री से नीचे रहता है, जिससे लोगों का यहाँ रहना या घूमना बेहद मुश्किल है। तो आइए आज पृथ्वी दिवस के मौके पर अंटार्कटिका में पर्यटन की संस्कृति के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही पर्यटन के कारण अंटार्कटिका के लिए उत्पन्न ख़तरे के विषय में भी जानते हैं। और यह भी समझते हैं कि क्या वहां की यात्रा करना पर्यावरण के लिए नैतिक है या नहीं?
1950 के दशक के उत्तरार्ध में, अंटार्कटिका में पर्यटन की शुरुआत संभवतः 500 यात्रियों द्वारा दक्षिण शेटलैंड द्वीप समूह (Shetland Islands) की भुगतान यात्रा के साथ हुई। इसके बाद 1966 में लार्स-एरिक लिंडब्लैड (Lars-Eric Lindblad) द्वारा शैक्षणिक उद्देश्य से अंटार्कटिका के लिए एक यात्री अभियान का मार्गदर्शन किया गया। 1960 के दशक में अंटार्कटिका में प्रायद्वीप को देखने का प्रमुख तरीका समुद्री पर्यटन था। वास्तव में, 1969 में लिंडब्लैड द्वारा यक़ीनन दुनिया के पहले अभियान जहाज़ के निर्माण के साथ अभियान क्रूज़ उद्योग की शुरुआत की गई।
1970 के दशक से ऑस्ट्रेलिया (Australia) और न्यूजीलैंड (New Zealand) से अंटार्कटिका में दर्शनीय स्थलों की हवाई उड़ानें शुरू हो गईं। पर्यटन की शुरुआत से पहले, अंटार्कटिका में केवल शुरुआती खोजकर्ताओं द्वारा और सील तथा व्हेलों के शिकार उद्योग के उद्देश्य से ही महाद्वीप की यात्रा की जाती थी। 1800 के दशक की शुरुआत से ही सीलों का शिकार शुरू हो गया था और 1830 तक फर सील लगभग नष्ट हो गई थी। इसके बाद 1904 में दक्षिण जॉर्जिया के ग्रिटविकेन (Grytviken, South Georgia) में व्हेलिंग स्टेशन के निर्माण के साथ व्हेल का शिकार शुरू हो गया। बाद में 1986 में, अंतर्राष्ट्रीय व्हेलिंग आयोग (International Whaling Commission) ने वाणिज्यिक रूप से सभी प्रकार के व्हेल शिकार को निलंबित कर दिया। वास्तव में शुरुआत में अंटार्कटिका में पर्यटन वहाँ के परिदृश्य के रहस्यों से प्रेरित था।
अंटार्कटिका पर किसी भी देश का स्वामित्व नहीं है और अंटार्कटिका में पर्यावरण की रक्षा और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 1961 में अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। वैसे तो, अंटार्कटिका में पर्यटन के लिए वीज़ा की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन अनुमति की आवश्यकता होती है। 1991 में, सात अंटार्कटिका यात्रा संचालक एक एकल संगठन - इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ अंटार्कटिका टूर ऑपरेटर्स (International Association of Antarctica Tour Operators (IAATO) के रूप में एक साथ आए। इस समूह द्वारा अंटार्कटिका में पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा दिया जाता है और उसका अभ्यास किया जाता है। IAATO के गठन के बाद से, अंटार्कटिका में यात्रा कार्यक्रम का रिकॉर्ड रखा गया है। इस रिकॉर्ड से पता चलता है कि 1989 के बाद से अंटार्कटिक प्रायद्वीप क्षेत्र में 200 स्थलों का दौरा किया गया है। हालांकि अंटार्कटिका में पर्यटन इनमें से 35 से भी कम स्थलों पर केंद्रित है।
अंटार्कटिका में पर्यटन के लिए अधिकांशतः समुद्री यात्रा के लिए अर्जेंटीना के उशुआइया (Ushuaia in Argentina) से प्रस्थान किया जाता है। इस यात्रा की अवधि आमतौर पर 10 से 21 दिनों के बीच होती है। अंटार्कटिका में पर्यटन हर साल नवंबर और मार्च के बीच जारी रहता है। यह गर्मी का मौसम होता है जब तापमान अधिक होता है और समुद्री बर्फ़ इतनी पिघल जाती है कि क्रूज़ जहाजों की अंटार्कटिका तक पहुंच संभव हो जाती है। हालांकि अब केवल समुद्री यात्रा के द्वारा ही नहीं, बल्कि हवाई यात्रा के द्वारा भी अंटार्कटिका का दौरा किया जा सकता है। इन हवाई यात्रियों के दौरान आप अंटार्कटिका के किसी हिस्से पर भी उतर सकते हैं या उसी हवाई यात्रा से पूरे महाद्वीप का भ्रमण करके वापस आ सकते हैं। अंटार्कटिका के लिये हवाई यात्रा की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया से 1977 में हुई थी। ये उड़ानें बिना रुके महाद्वीप के ऊपर से उड़ान भरती हैं और वापस प्रस्थान हवाई अड्डे पर उतरती हैं। इन उड़ानों में लगभग 14 घंटे लगते हैं, जिसमें 4 घंटे अंटार्कटिका के ऊपर उड़ान भरी जाती है।
पिछले कुछ वर्षों में संपूर्ण विश्व से पूरी तरह पृथक अंटार्कटिका के जंगल, और चरम जलवायु सभी ने इसकी बढ़ती लोकप्रियता में योगदान किया है। 1999-2000 के दशक में, अनुमानित 15,000 आगंतुकों ने समुद्री यात्राओं पर अंटार्कटिका की यात्रा की। जबकि 2009-2010 के दशक में, यह आंकड़ा दोगुना से भी अधिक हो गया। और वर्ष 2018 में अंटार्कटिका में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या 37,000 तक पहुँच गई। 2019-2020 के बीच 73,670 आगंतुकों के साथ यहाँ आने वाले यात्रियों की संख्या में लगभग 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और 2022-2023 में IAATO द्वारा अंटार्कटिका में आने वाले लोगों की संख्या 106,006 होने का अनुमान लगाया गया। 2021 तक, आगंतुक एयरबस A340 (Airbus A340) पर केवल 3 घंटे में दक्षिण अफ्रीका से अंटार्कटिका के लिए उड़ान भर सकते हैं, रनवे से बर्फ़ पर उतर सकते हैं और उड़ान भर सकते हैं।
हालांकि इससे पर्यटन उद्योग को तो बढ़ावा मिलता है, लेकिन एक वैश्विक चिंता उत्पन्न हो गई है। अंटार्कटिका में अधिक आगंतुकों के आगमन का अर्थ है अधिक प्रदूषण। जहाजों से अधिक काला कार्बन निकलता है जो बर्फ़ पर जम जाता है। इससे बर्फ़ के पिघलने की गति बढ़ जाती है। यदि देखा जाए तो यहाँ आने वाला प्रत्येक आगंतुक समय से पहले सैकड़ों टन पिघलने वाली बर्फ़ के लिए ज़िम्मेदार है। वर्ष 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्येक पर्यटक के आगमन से औसतन 83 टन बर्फ़ की हानि होती है। इसके अलावा एक अन्य चिंता जैव अवरोध की भी है। अंटार्कटिका में आने वाले जहाजों के पतवारों से और यात्रियों के सामान एवं कपड़ों से वन्यजीव चिपके रहते हैं। चूँकि यहाँ दुनिया भर से पर्यटक आते हैं, अंटार्कटिका का पारिस्थितिकी तंत्र, जिसमें हाल तक कोई ज्ञात आक्रामक प्रजाति मौजूद नहीं थी, इस प्रकार के हानिकारक परिवर्तनों के प्रति संवेदनशील है। आक्रामक प्रजातियाँ विशेष रूप से ख़तरनाक हैं क्योंकि अधिकांश पर्यटन बर्फ़ मुक्त तटीय क्षेत्रों में केंद्रित है जहां महाद्वीप की सबसे बड़ी स्थलीय जैव विविधता है। जलवायु गर्म होने पर गैर-देशी पौधों के वहाँ दृढ़ता से स्थापित होने की संभावना है।
हालाँकि अंटार्कटिका के अधिकांश दौरे IAATO द्वारा निर्धारित सख्त प्रोटोकॉल के तहत संचालित होते हैं, बढ़ते पर्यटन से नियमों के टूटने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। पिछले साल पहली बार अंटार्कटिका में ताज़ी गिरी बर्फ़ में प्लास्टिक की खोज की गई थी। और जलवायु परिवर्तन के कारण, अंटार्कटिका बाकी दुनिया की तुलना में पांच गुना तेजी से गर्म हो रहा है। इस स्थिति में प्रश्न उठता है कि नैतिक रूप से अंटार्कटिका की यात्रा करना कितना सही है? क्रूज़ मैपर (Cruise Mapper) द्वारा अंटार्कटिका पर की गई वास्तविक समय की ट्रैकिंग से पता चलता है कि महाद्वीप के उत्तरी सिरे पर क्रूज़ जहाज़ बर्फ़ के पिस्सू की तरह मोटे जमा हुए हैं। अंटार्कटिक पारिस्थितिकीविदों से लेकर समुद्री वैज्ञानिकों तक यहाँ बढ़ती मानव उपस्थिति के पर्यावरणीय दुष्प्रभावों के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। अंटार्कटिका में प्रति यात्री औसत CO2 उत्सर्जन 4.14 टन है जो कि एक मनुष्य द्वारा लगभग पूरे वर्ष में उत्पन्न किए जाने वाले कार्बन प्रदूषण के बराबर है।
अभी तक IAATO द्वारा आगंतुकों की संख्या पर कोई सीमा लगाने का क़दम नहीं उठाया गया है। हालांकि यहाँ के लिए पर्यटन नीति में बदलाव अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर करने वाले सभी 55 सदस्य देशों को करना होगा, जो वास्तव में पर्यटन उद्योग पर प्रतिबंध, फिर चाहे वह स्वस्थ प्रतिबंध ही क्यों न हो, लगाने के किसी भी प्रयास के कारण एक अत्यंत जटिल कार्य है। अंटार्कटिका की सुंदरता इसकी शुद्धता से है। इस स्थान के अविश्वसनीय परिदृश्य तभी क़ायम रह सकते हैं जब इन पर कोई पदचिह्न न हो। यदि यहां पर्यटन को जारी रखना है, तो इस पर विचार और नियंत्रण रहना चाहिए और कोई पदचिन्ह शेष न रहें।
संदर्भ
https://rb.gy/zivvc3
https://rb.gy/pwx4ec
https://shorturl.at/euWX8
चित्र संदर्भ
1. अंटार्कटिका में पर्यटकों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. अंटार्कटिका में विशाल हिमखंड को संदर्भित करता एक चित्रण (needpix)
3. पेंगुइन की तस्वीर लेती पर्यटक को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. अर्जेंटीना के उशुआइया को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. अंटार्कटिका में पिघलती हुई बर्फ को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. अंटार्कटिका के वृहंगम दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
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