Post Viewership from Post Date to 07-May-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2332 180 2512

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

विश्व स्वास्थ्य दिवस विशेष: ‘चिंता है चिता के समान’, जानें इसके लक्षण प्रभाव एवं उपाय

मेरठ

 06-04-2024 09:40 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को दुनिया भर के लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ (World Health Day) मनाया जाता है। आधुनिक युग में तकनीक और विज्ञान की प्रगति के कारण मूलभूत बुनियादी सुविधाएं जैसे-जैसे सुलभ होती जा रही हैं, वैसे वैसे आजकल लगातार बिगड़ती जीवनशैली के कारण लोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
इन्हीं समस्याओं में से एक प्रमुख समस्या है चिंता, जिससे आजकल बहुत से लोग परेशान हैं। किशोरों से लेकर हर उम्र के लोग इस गंभीर समस्या का शिकार हो रहे हैं। राष्ट्रीय मानसिक सेहत संस्थान (National Institute of Mental Health) के अनुसार, चिंता विकार भारत में सबसे आम और तेजी से फैलने वाली बीमारी है। तो आज विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर आइए जानें और समझें कि यह बीमारी कितनी बड़ी है, और किन कारणों से यह लगातार बढ़ रही है। साथ ही इसके प्रभाव और उपायों के विषय में भी जानते हैं। कभी-कभार चिंता का अनुभव होना जीवन का एक सामान्य हिस्सा है। हालाँकि, अक्सर रोज़मर्रा की स्थितियों के बारे में तीव्र, अत्यधिक और लगातार चिंता और भय की स्थिति उत्पन्न होना चिंता विकार का लक्षण है। अक्सर, चिंता विकारों में तीव्र चिंता और भय या आतंक की चरम भावनाओं जैसी घटनाएं बार बार होती हैं जो मिनटों के भीतर चरम पर पहुंच जाती हैं। चिंता और घबराहट की ये भावनाएं दैनिक गतिविधियों में बाधा डालती हैं, इन्हें नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। इस प्रकार की स्थिति कभी कभी लंबे समय तक बनी रह सकती है। इसके लक्षण बचपन या किशोरावस्था के दौरान शुरू हो सकते हैं और वयस्कता तक जारी रह सकते हैं। सामान्यीकृत चिंता विकार, सामाजिक भय, विशिष्ट प्रकार का भय और पृथक्करण की चिंता आदि चिंता विकार के उदाहरण हैं। एक व्यक्ति को एक से अधिक चिंता विकार हो सकते हैं। कभी-कभी चिंता किसी चिकित्सीय स्थिति के कारण उत्पन्न होती है जिसके लिए उपचार की आवश्यकता होती है। लक्षण: चिंता विकार से पीड़ित व्यक्तियों में चिंता के अलग अलग लक्षण हो सकते हैं। स्थिति एवं भावनाओं के आधार पर किसी व्यक्ति को अपने पेट में तितलियां उड़ती हुई महसूस हो सकती है, तो किसी व्यक्ति को अपना हृदय तेजी से धड़कता हुआ महसूस हो सकता है। कभी कभी व्यक्ति स्वयं को अपने नियंत्रण से बाहर होता हुआ महसूस कर सकता है जैसे कि उसके दिमाग और शरीर के बीच कोई संबंध विच्छेद हो गया है।
चिंता विकार के कुछ सामान्य लक्षण निम्न प्रकार हैं:
➥ घबराहट, बेचैनी या तनाव महसूस होना
➥ आसन्न खतरे, घबराहट या विनाश की भावना होना
➥ हृदय गति का बढ़ना
➥ तेजी से सांस लेना
➥ पसीना आना
➥ कांपना
➥ कमज़ोरी या थकान महसूस होना
➥ वर्तमान चिंता के अलावा किसी अन्य चीज़ के बारे में ध्यान केंद्रित करने या सोचने में असमर्थता
➥ नींद न आना
➥ पेट से संबंधित समस्याओं का अनुभव करना
➥ चिंता को नियंत्रित करने में कठिनाई होना चिंता उत्पन्न करने वाली वस्तुओं से बचने की इच्छा होना चिंता विकारों के प्रकार:
चिंता विकारों के कई प्रकार हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल है:
➼ घबराहट की समस्या- इस प्रकार के चिंता विकार में व्यक्ति को अप्रत्याशित समय पर बार-बार घबराहट के दौरे का अनुभव होता है।
➼ फोबिया या डर- इस स्थिति में व्यक्ति को किसी विशिष्ट वस्तु, स्थिति या गतिविधि का अत्यधिक डर होता है।
➼ सामाजिक चिंता विकार- इस विकार से पीड़ित व्यक्ति को सामाजिक स्थितियों में दूसरों द्वारा आंके जाने का अत्यधिक भय होता है।
➼ अनियंत्रित जुनूनी विकार- इस विकार से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क में बार-बार तर्कहीन विचार आते हैं जो व्यक्ति को बार-बार विशिष्ट व्यवहार करने के लिए प्रेरित करते हैं।
➼ पृथक्करण चिंता विकार- इसमें व्यक्ति को घर या अपने प्रियजनों से दूर होने का भय बना रहता है।
➼ बीमारी चिंता विकार- इस विकार से पीड़ित व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के विषय में चिंता बनी ही रहती है, चाहे फिर वह स्वस्थ ही क्यों ना हो। चिंता विकार कष्टकारी और दुर्बल करने वाले हो सकते हैं। चिंता विकार के कारण शैक्षिक और रोजगार के अवसरों की हानि और पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती हैं। संपर्कन थेरेपी, ध्यान प्रशिक्षण और चिंता प्रबंधन तकनीकों की एक श्रृंखला जैसे उचित उपचारों की सहायता से इसके लक्षणों को प्रबंधित किया जा सकता है। इनमें से कुछ तकनीक व्यक्ति स्वयं कर सकता है, जबकि कुछ के लिए विशेषज्ञों से परामर्श ले सकता है:
चिंता विकारों के लिए कुछ प्रबंधन विकल्पों में निम्नलिखित उपाय शामिल हैं:
➼ चिंता के बारे में जागरूक होना
➼ सचेतनता
➼ विश्राम तकनीकें
➼ साँस लेने की सही तकनीक
➼ संज्ञानात्मक उपचार
➼ व्यवहार चिकित्सा
➼ परामर्श लेना
➼ आहार समायोजन
➼ व्यायाम
➼ सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना
➼ अपने प्रति सम्मानपूर्ण दृष्टिकोण रखना
➼ संरचित समस्या समाधान
➼ दवाएं
➼ सहायता समूह
यदि स्वयं समाधान से आपकी चिंताएं दूर न हों तो समय के साथ ये चिंताएँ बदतर हो सकती है। इससे पहले कि आप की चिंताएँ बदतर हो जाए, अपने डॉक्टर या मानसिक स्वास्थ्य प्रदाता से अवश्य परामर्श लें। यदि समय पर चिंता विकारो का उपचार किया जाता है तो इनका इलाज संभव है।

संदर्भ

https://tinyurl.com/5dpmfxed
https://tinyurl.com/4y3v5fx7
https://tinyurl.com/2capmf5w

चित्र संदर्भ

1. चिंतित पुरुष को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. चिंतित होने के कई कारणों को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. एक कार्यालय में मची हड़बड़ी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. तनाव प्रबंधन के संबंध में रखी गई एक कार्यशाला को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)

***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id