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क्या संभव है, बिना किसी उपकरण के अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाने का विज्ञान 'टेलीपैथी'

मेरठ

 02-04-2024 09:29 AM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

हम सभी के साथ अक्सर कुछ न कुछ ऐसा घटित होता रहता है जिसका एहसास हमें कुछ समय पहले ही हो जाता है। या फिर जब हम किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा याद कर रहे होते हैं तो अचानक उसी व्यक्ति का फोन आ जाता है। ऐसे में हम बस कुछ पल के लिए हैरान हो जाते हैं और इसे महज एक संयोग समझकर भूल जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रत्येक बार ऐसा महज संयोग के कारण नहीं होता।
बिना किसी उपकरण के अपने विचारों को दूसरों तक पहुंचाना और दूसरों के विचारों को समझना या किसी घटना को पहले ही भांप लेना दूरानुभूति या टेलीपैथी कहलाता है। लेकिन अक्सर यह प्रश्न उठता है कि क्या टेलीपैथी जैसा कुछ वास्तव में संभव है? यदि हां तो कैसे? क्या सचमुच मन की शक्ति से किसी अन्य व्यक्ति तक कोई संदेश पहुंचाया जा सकता है? तो आइए आज हम इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने की कोशिश करते हैं। पांच इंद्रियों अर्थात देखना, सुनना, सूंघना, चखना और स्पर्श के अलावा, विचारों और भावनाओं को संप्रेषित करने की क्षमता को टेलीपैथी कहते हैं। टेलीपैथी दूसरों के साथ संवाद करने का एक गैर-मौखिक तरीका है। टेलीपैथी शब्द का पहली बार उपयोग 1882 में मनोवैज्ञानिक फ्रेडरिक डब्ल्यू एच मायर्स (W. H. Myers) द्वारा किया गया था। हालाँकि टेलीपैथी को कई लोग छद्म विज्ञान मानते हैं क्योंकि इसे सिद्ध करना मुश्किल है, लेकिन कई ऐसे अध्ययन हुए हैं, जिनमें इसकी संभावित प्रभावकारिता प्रदर्शित हुई है।
कई वैज्ञानिकों द्वारा प्रयोगों के माध्यम से यह सिद्ध करने की कोशिश की गई है कि टेलीपैथी वास्तविक है। इनमें से अधिकांश प्रयासों में गैंज़फेल्ड (ganzfeld) प्रयोग प्रमुख है। इस परीक्षण में, एक व्यक्ति को कई मिनटों तक दृश्य उत्तेजना से दूर रखा जाता है। दूसरा व्यक्ति उन्हें मन के माध्यम से जानकारी भेजने का प्रयास करता है। कभी-कभी, जो लोग गैंज़फेल्ड प्रयोग को आजमाते हैं उन्हें मतिभ्रम होता है। पिछले कुछ वर्षों में एक अंतरराष्ट्रीय शोध दल द्वारा केवल मानसिक रूप से "हैलो" कहने का एक तरीका विकसित किया गया है। 'पीएलओएस वन' (PLOS One) पत्रिका में प्रकाशित एक प्रयोग के अनुसार, भारत में एक व्यक्ति द्वारा मानसिक रूप से फ्रांस में तीन अन्य लोगों को "होला" (hola) और "सियाओ" (ciao) कहा गया। आश्चर्य की बात यह है कि यह संवाद बोलकर या लिखकर नहीं किया गया था। इस अध्ययन के सह-लेखक अल्वारो पास्कुअल-लियोन (Alvaro Pascual-Leone), जो हार्वर्ड मेडिकल स्कूल (Harvard Medical School) में न्यूरोलॉजी (neurology) के प्रोफेसर हैं, उम्मीद करते हैं कि इस शोध के माध्यम से आगामी दिनों में संचार का एक नया माध्यम विकसित हो सकता है, जिससे बोलने में असक्षम रोगियों के लिए नया मार्ग निकल सकता है।
इस शोध के दौरान सबसे पहले, शोधकर्ता दल द्वारा अक्षरों के बाइनरी-कोड binary-code समकक्ष स्थापित किए गए; उदाहरण के लिए "h" "0-0-1-1-1" है। फिर, खोपड़ी से जुड़े ईईजी (इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राफी) (EEG (electroencephalography) सेंसर के साथ, प्रेषक को 1 या 0 का संकेत देने के लिए अपने हाथ या पैर हिलाने के लिए बोला गया। इसके बाद कोड को प्राप्तकर्ता ईमेल पर भेज दिया गया। दूसरे छोर पर, प्राप्तकर्ता के सिर पर ट्रांसक्रानियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन (transcranial magnetic stimulation (TMS) प्रणाली लगाई गई और उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी गई थी। TMS मस्तिष्क में न्यूरॉन्स को उत्तेजित करने की एक गैर-आक्रामक विधि है; इसका उपयोग आमतौर पर अवसाद के इलाज के लिए किया जाता है। TMS प्रणाली द्वारा प्राप्तकर्ता के मस्तिष्क को उत्तेजित किया गया, जिससे उसे प्रकाश की त्वरित चमक दिखाई देने लगी। एक फ़्लैश "1" के बराबर था और एक रिक्त "0" के बराबर था।
वहां से, कोड को वापस पाठ में अनुवादित किया गया। संदेश प्रसारित करने में लगभग 70 मिनट का समय लगा। इसी प्रकार का एक अध्ययन अमेरिका की वाशिंगटन यूनिवर्सिटी (University of Washington) में किया गया। इन दोनों अध्ययनों को अभियांत्रिकी टेलीपैथी की दिशा में केवल एक छोटा कदम माना जा सकता है, जिसे पूर्ण होने में वर्षों या दशकों का समय लग सकता है। अंततः, इसका वास्तविक लक्ष्य संचार प्रणाली से कंप्यूटर रूपी माध्यम को हटाना और लोगों के बीच सीधे मस्तिष्क से मस्तिष्क संचार की अनुमति देना है। चिकित्सा के अलावा, मस्तिष्क-से-मस्तिष्क संचार का कई विषयों में अनुप्रयोग हो सकता है। उदाहरण के लिए, सैनिक युद्ध के मैदान में प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं, एक दूसरे को आदेश और चेतावनी भेज सकते हैं। नागरिकों को भी लाभ हो सकता है; व्यवसायी इसका उपयोग बातचीत के दौरान साझेदारों को संकेत भेजने के लिए कर सकते हैं।

संदर्भ
https://tinyurl.com/4zhzr7e6
https://tinyurl.com/55w9wvbu
https://tinyurl.com/2ntn9x5e

चित्र संदर्भ
1. 'टेलीपैथी पर प्रयोग करते एक व्यक्ति को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. मानसिक शोधकर्ताओं के साथ मानसिक विशेषज्ञ फ्रेडरिक मैरियन को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. दिमाग के ऊर्जा प्रवाह को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
4. ट्रांसक्रानियल मैग्नेटिक स्टिमुलेशन को दर्शाता एक चित्रण (Wikimedia)
5. टेलीपैथी को संदर्भित करता एक चित्रण (Wikimedia)

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