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हमारा शहर मेरठ, हिंदू धर्म की दो सबसे पवित्र नदियों, “गंगा और यमुना” के तटों के निकट स्थित है। मेरठ, कई दशकों से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक व्यस्त व्यापार केंद्र रहा है। नदियों की मौजूदगी के कारण मेरठ के निकट घाटों की भी कोई कमी नहीं हैं। इस क्षेत्र के अधिकांश घाट मुख्य शहर से 50 किमी या उससे कम दूरी पर स्थित हैं। इनमें से गढ़मुक्तेश्वर, द्रौपदी और अनूपशहर जैसे घाटों का विशेष ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रहा है। चलिए प्रमुख घाटों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
गढ़मुक्तेश्वर घाट: गढ़मुक्तेश्वर घाट, मेरठ से 37 किलोमीटर दूर हापुड़ जिले में एनएच-24 (NH-24) के किनारे पर स्थित है। इस घाट को ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां, आपको कई उल्लेखनीय दर्शनीय स्थल मिलेंगे, जिनमें प्रसिद्ध मुक्तेश्वर महादेव मंदिर, सती मंदिर और प्राचीन गंगा मंदिर भी शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, यहां गयासुद्दीन बलबन की एक मस्जिद भी है, जिसका निर्माण 13वीं शताब्दी में किया गया था। इस क्षेत्र में एक प्राचीन किला भी है, जिसका निर्माण मूल रूप से पांडवों द्वारा किया गया था। बाद में मराठों द्वारा इसका पुनः निर्माण किया गया था। गंगा नदी के किनारे स्थित गढ़मुक्तेश्वर में 100 से अधिक मंदिर हैं। हर साल, कार्तिक पूर्णिमा की रात में, छह लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा में पवित्र स्नान के लिए यहाँ के बृजघाट में इकट्ठा होते हैं। इस क्षेत्र में दशहरे से पहले एक उत्सव का आयोजन किया जाता है। विशेष रूप से, वेदांत मंदिर, हनुमान मंदिर और अमृत परिसर जैसे मंदिर प्रसिद्ध बृजघाट की शोभा बढ़ाते हैं।
जैसे-जैसे आप इस स्थान की यात्रा करेंगे, वैसे-वैसे आपको यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का दिव्य अनुभव होगा। दिलचस्प बात यह है कि गढ़मुक्तेश्वर घाट गंगा नदी से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर है। गढ़ मुक्तेश्वर, को मुक्ति-धाम के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ का बृज घाट, पिंडदान (पूर्वजों को समर्पित एक अनुष्ठान) और अन्य अनुष्ठानों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना आता है। ऐसा माना जाता है कि यहां इन अनुष्ठानों को करने से दिवंगत आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति हो सकती है। यहाँ पर दशहरा, भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस स्थान से जुड़ी एक किवदंती के अनुसार, “महाभारत के युद्ध में विजयी होने के बाद पांडवों ने, कौरवों की आत्माओं को मोक्ष प्रदान करने के लिए इसी स्थान पर पिंडदान किया था। भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों को इस अनुष्ठान को करने की सलाह दी। उन्होंने गढ़ मुक्तेश्वर में गंगा तट पर कौरवों का पिंडदान किया। तब से, यह स्थान पिंडदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन गया है, और इसे अब गढ़ गंगा के नाम से जाना जाता है।
गढ़ मुक्तेश्वर में तर्पण नामक अनुष्ठान भी किया जाता है, जिसका उद्देश्य परिवार में खुशी लाना और किसी भी संभावित समस्या को समाप्त करना होता है। तर्पण के दौरान देवताओं, ऋषियों और पूर्वजों की आत्माओं को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें जल अर्पित किया जाता है।
द्रौपदी घाट: द्रौपदी घाट मेरठ के हस्तिनापुर में मौजूद है। माना जाता है कि द्वापर युग में इस स्थान पर रानी द्रौपदी स्नान करने के लिए आतीं थीं, और प्रतिदिन पूजा किया करती थीं। आधुनिक भारत के इतिहास में इस स्थान का नवीनीकरण पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के द्वारा कराया गया था। यहाँ पर भगवान श्री कृष्ण के साथ-साथ द्रौपदी को समर्पित एक छोटा सा मंदिर भी है। इस मंदिर मे द्रौपदी की एक मूर्ति भी है। इस मूर्ति के माध्यम से द्रौपदी के चीरहरण के उस दृश्य को दर्शाया गया है, जब दुशासन, द्रौपदी के कपड़े उतारने की कोशिश कर रहा था और भगवान श्री कृष्ण ने तब उनकी रक्षा की थी। ऐतिहासिक दृष्टि से इस स्थान को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसे महाभारत काल से जोड़कर देखा जाता है। साथ ही इसे पूरी दुनियाँ में द्रौपदी माँ का इकलौता मंदिर बताया जाता हैं।
अनूपशहर गंगा घाट: अनूपशहर गंगा घाट मेरठ से लगभग 84 किलोमीटर दूर बुलन्दशहर जिले में स्थित एक मनोरम स्थान है। इसे अक्सर "छोटी काशी" के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ का माहौल बेहद शांत है और यहाँ पर कई प्राचीन मंदिर और धर्मशालाएं हैं। इसके अतिरिक्त, यह स्थान ऐतिहासिक रूप से समृद्ध रहा है। यह ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान एक छावनी क्षेत्र के रूप में कार्य करता था।
संदर्भ
https://tinyurl.com/3tukc8nk
https://tinyurl.com/bdfhmt66
https://tinyurl.com/yc8htd8t
https://tinyurl.com/26edcptv
चित्र संदर्भ
1. गढ़मुक्तेश्वर के क्लॉक टावर को दर्शाता एक चित्रण (pixels)
2. गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़) में गढ़ गंगा के दृश्य को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. गढ़मुक्तेश्वर में बृज घाट को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. द्रौपदी घाट मेरठ के हस्तिनापुर में मौजूद है। को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. अनूपशहर गंगा घाट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)