गिद्ध- रामायण के जटायु से लेकर अब तक

मेरठ

 05-03-2018 11:53 AM
व्यवहारिक

जब रावण सीता को हरण कर ले जा रहा था तब जटायु नामक गिद्ध ने उसे रोकने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। रावण ने उसके पर काट दिए जिससे वो जमीन पर आ गिरा, मरते मरते उसने प्रभु श्री राम को रावण द्वारा किये सीता हरण के बारे में बताया। प्रभु राम ने जटायु को अपने सीने से लगाया और उसी वक़्त जटायु को स्वर्ग प्राप्ति हुई।

इस जटायु को भले ही भगवान राम ने सीने से लगाया हो परन्तु इंसान आज भी इसके वंशजों को घृणा की दृष्टि से देखता है। इसकी सूरत, खान पान की आदतें एवं इसके बदन से आती दुर्गन्ध की वजह से इस पक्षी को अशुभ माना जाता है। अगर वे घर आदि पर बैठे दिख गए तो उस घर को त्याग दिया जाता है अथवा उसकी पूजा पाठ द्वारा शुद्धि की जाती है।

गिद्ध ज्यादातर खुले क्षेत्र में, जैसे शमशान, जहाँ इंसान अथवा पशु-पक्षी के शव हों वहाँ दिखते हैं क्यूंकि यह इनका मुख्य अन्न है। गिद्ध की दृष्टी बड़ी पैनी होती है तथा सूंघने की शक्ति भी काफी तीक्ष्ण होती है। इसकी वजह से वे बहुत ऊपर से और दूर से ही मुर्दों को ढूंढ लेते हैं। गिद्ध मेहतर प्रजाति का पक्षी है जो पृथ्वी पर संतुलन और स्वच्छता बनाए रखने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह मुर्दाखोर अगर ऐसा आहार ना करे तो दुर्गंधमय और सड़े गले मुर्दे की वजह से सब जगह भयंकर रोग-महामारी आदि फैल जायेगी। गोबर-गिद्ध उपजाति मुर्दा नहीं खाते बल्कि मल-मूत्र का भक्षण करते हैं।

भारतीय गिद्ध का वैज्ञानिक नाम जिप्स इंडिकस (लैटिन: Gyps Indicus) है। यह जंतु जगत के रज्जुकी संघ से है तथा इसका गण फ़ैल्कनीफ़ॉर्मीस ( लैटिन: Falconiformes) है। भारत में गिद्ध की कई उपजातियां पायी जाती हैं जैसे राजगिद्ध, चमर-गिद्ध, गोबर-गिद्ध आदि। उत्तर भारत में सिर्फ जाड़ों में एक ख़ास प्रकार का गिद्ध पाया जाता है जो राख जैसे भूरे रंग का होता है और जिसका कद बड़ा होता है। यह मजबूत पंखो वाला दीर्घायु पक्षी जाड़ों में घोसला बनाकर अंडे देता है। प्रजनन की अवस्था में गिद्ध 5 वर्ष में आते हैं और एक बार में सिर्फ एक या दो अंडे ही देते हैं। अगर परभक्षी इनके अंडे खा लें तो यह अगले साल अंडे नहीं देते, ये भी इनकी संख्या कम होने का एक कारण है। राजगिद्ध जोड़ा बांध कर रहता है लेकिन बाकी सब गोल बांधकर रहते हैं।

भारतीय गिद्ध गंजे सर वाला होता है जिसकी पूंछ बहुत छोटी होती है और पंख बहुत चौड़े। यह गिद्ध और उसकी उपजातियां पहले पूरे भारत भर में देखने को मिलती थी लेकिन आज शायद ही कहीं देखे जाते हैं क्यूंकि यह विलुप्तता की कगार पर पहुँच गए हैं। कुछ सालों पहले किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार गिद्ध के शिकार पशु आदि के शव में मिलने वाली डाइक्लोफिनॅक (diclofenac) दवा की वजह से उनके गुर्दे बंद हो जाते हैं और वे मर जाते हैं। अब इस दवाई पर रोक लगा दी गयी है तथा गिद्ध का प्रजनन बढ़ाने के लिए कोशिश की जा रही है। आशा है कि आने वाले कुछ सालों में इनकी संख्या में इजाफा होगा।

मेरठ में जहाँ कभी सफ़ेद गिद्ध, लाल सिर वाला गिद्ध, भारतीय गिद्ध, बंगाल का गिद्ध आदि उपजातियां दिखती थीं आज वो पूरी तरह से विलुप्त हो चुकी हैं।

1. भारत के पक्षी: राजेश्वर प्रसाद नारायण सिंह
2. https://hi.wikipedia.org/wiki/भारतीय_गिद्ध
3. अविफौना ऑफ़ सीसीएस यूनिवर्सिटी कैंपस, मेरठ, उत्तर प्रदेश: निशा राणा, रोहित पांडे और संजय भारद्वाज, 2013
4. अ पिक्टोरिअल गाइड टू द बर्ड्स ऑफ़ द इंडियन सबकॉनटीनेंट: सलीम अली और एस. डीलन रिप्ले
5. http://avibase.bsc-eoc.org/checklist.jsp?region=INggupme&list=howardmoore

RECENT POST

  • चलिए अवगत होते हैं, भारत में ड्रॉपशिपिंग शुरू करने के लिए लागत और ज़रूरी प्रक्रियाओं से
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:30 AM


  • आध्यात्मिकता, भक्ति और परंपरा का संगम है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:26 AM


  • भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लचीलेपन का श्रेय जाता है, इसके मज़बूत डेयरी क्षेत्र को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     13-01-2025 09:26 AM


  • आइए, आज देखें, भारत में पोंगल से संबंधित कुछ चलचित्र
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:30 AM


  • जानिए, तलाक के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए, कुछ सक्रिय उपायों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:26 AM


  • इस विश्व हिंदी दिवस पर समझते हैं, देवनागरी लिपि के इतिहास, विकास और वर्तमान स्थिति को
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:31 AM


  • फ़िनलैंड के सालाना उपयोग से अधिक विद्युत खपत होती है, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:27 AM


  • आइए जानें, भारत और अमेरिका की न्यायिक प्रणाली के बीच के अंतरों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:26 AM


  • आइए जानें, हमारी प्रगति की एक प्रमुख चालक, बिजली के व्यापार के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:43 AM


  • भारत में परमाणु ऊर्जा का विस्तार: स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक सशक्त कदम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:30 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id