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चार धामों जैसे आध्यात्मिक स्थानों की यात्रा, कैसे है स्वयं जीवन का प्रतीक?

लखनऊ

 22-01-2024 09:36 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

हमारे भारत देश में कई सारे पवित्र स्थल हैं, जो हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। क्योंकि, तीर्थयात्रा सार्वभौमिक है, लेकिन सबसे पहले महत्वपूर्ण तौर पर, तीर्थयात्रा एक धार्मिक अनुशासन है। तीर्थयात्रा का अर्थ, उद्देश्य, मूल्यों और सत्य की खोज है। जो लगभग सभी धर्मों के उद्देश्य के समान हैं। यह हिंदुओं के पांच कर्तव्यों में से भी एक है। तीर्थयात्रा अर्थात साधक द्वारा आध्यात्मिक स्थानों की यात्रा, स्वयं जीवन का प्रतीक है। यह धर्म की पूर्ति और उच्च सत्य की खोज में, जीवन के अनुभव के माध्यम से किसी व्यक्ति की यात्रा को भी प्रतिबिंबित करती है। हिंदू तीर्थयात्रा में चार धाम शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि चार धाम की यात्रा करने से व्यक्ति को मोक्ष या मुक्ति प्राप्त होती है। पवित्र यात्राओं पर व्यक्ति इस लक्ष्य के लिए प्रयास करता है। तो आइए हम हिमालय के छोटे चार धाम के साथ-साथ भारत के हिंदू तीर्थ स्थलों की फिर से यात्रा करें और इसके महत्व को जानें।
लेकिन कोई पवित्र स्थल ‘तीर्थ’ कैसे बनता है? परंपरागत रूप से चार प्रकार के तीर्थ हैं-
1) दैव तीर्थ, जिसे सबसे शुभ माना जाता है। यह भगवान के परोपकारी कार्य से उत्पन्न होता है;
2) असुर तीर्थ, जहां भगवान ने किसी न किसी राक्षस को वश में किया था;
3) आर्ष तीर्थ, जो संतों और मुनियों के तप, साधना और बलिदान से निर्मित है; और
4) मनुष्य तीर्थ, मनुष्यों द्वारा स्थापित पूजा स्थल।
अब आइए, हमारे देश के कुछ प्रमुख तीर्थस्थलों के बारे में पढ़ते हैं वाराणसी: “शिव की प्रकाश नगरी– वाराणसी” में, तीर्थयात्री अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए गंगा नदी में स्नान करते हैं। कई तीर्थयात्री यहां के 1,500 मंदिरों में से एक, काशी विश्वनाथ मंदिर में, शिव लिंग की पूजा भी करते हैं। साथ ही, पंचकोशी रोड के साथ इस शहर की छह दिवसीय परिक्रमा एक गहन अनुष्ठान है। अयोध्या: “सौर राजाओं के रत्न– भगवान श्री राम” के जन्मस्थल अयोध्या में, भक्त इनकी पूजा करते हैं। हमारे राज्य उत्तर प्रदेश का यह वैष्णव शहर, हिंदू धर्म के सात सबसे पवित्र शहरों में से एक है। प्रत्येक तिमाही में यहां के मंदिर और धार्मिक स्थल, भगवान श्री राम के जीवन के प्रसिद्ध स्थलों का सम्मान करते हैं। इनमें, राम जन्मभूमि मंदिर और उनके भक्त श्री हनुमान का मंदिर भी शामिल है। प्रयागराज: “बलिदान का स्थान– प्रयाग”, लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। यहां यमुना, गंगा और सरस्वती नदियों का त्रिवेणी संगम है। प्रयागराज श्रद्धालुओं को अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष पाने हेतु, शुद्ध स्नान करने के लिए एक पवित्र स्थान प्रदान करता है। इस शहर में सबसे बड़ा कुंभ मेला भी लगता है, जब बृहस्पति वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होता है। रामेश्‍वरम: भगवान श्री राम ने रावण का वध करने की तपस्या में, भारत के दक्षिणी सिरे के पास ‘रामनाथस्वामी शिव लिंग मंदिर’ का निर्माण किया था। यहां माता सीता एवं हनुमान द्वारा स्थापित दो लिंगों की पूजा की जाती है। यहां आने वाले तीर्थयात्री समुद्र और मंदिर के 22 कुओं में स्नान करते हैं। माना जाता है कि, इनमें से प्रत्येक कुएं का पानी, स्नान करने वाले को एक विशेष प्रकार के पाप से शुद्ध कर देता है। इन तीर्थस्थलों के अलावा, चार धाम यात्रा भी काफ़ी प्रसिद्ध है। मूल रूप से, मुख्य चार धाम पथ, चार महत्वपूर्ण मंदिरों– पुरी, रामेश्वरम, द्वारका और बद्रीनाथ, को संदर्भित करता हैं। ये स्थल हमारे देश के लगभग चार प्रमुख बिंदुओं पर स्थित हैं। मूल चार धाम यात्रा के निर्माण का श्रेय 8वीं शताब्दी के महान सुधारक और दार्शनिक– आदि शंकराचार्य को दिया जाता है। इस चार धाम में से तीन स्थल वैष्णव (पुरी, द्वारका और बद्रीनाथ) हैं, जबकि, एक स्थल शैव (रामेश्वरम) है। दूसरी ओर, हम छोटा चार धाम के बारे में भी सुनते हैं। छोटा चार धाम उत्तराखंड के हिमालय पर्वतों में मौजूद एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थयात्रा परिपथ है। राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित इस पथ में निम्नलिखित चार स्थल शामिल हैं।
1.गंगोत्री,
2.यमुनोत्री,
3.केदारनाथ और
4.बद्रीनाथ।
हालांकि, बद्रीनाथ देश की मुख्य चार धाम यात्रा पथ का भी हिस्सा है। छोटा चार धाम में सभी मंदिर, तीन प्रमुख हिंदू सांप्रदायिक परंपराओं के प्रतिनिधि हैं। इनमें दो शक्ति अर्थात देवी के स्थल(यमुनोत्री और गंगोत्री), एक शैव स्थल(केदारनाथ) तथा एक वैष्णव स्थल (बद्रीनाथ) शामिल है। हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा का बहुत धार्मिक महत्व है। यह माना जाता है कि, प्रत्येक हिंदू व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार इस तीर्थयात्रा पर अवश्य जाना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि, मान्यता के अनुसार चारधाम यात्रा हमारे जीवन भर के पापों को दूर करते हुए, हमारे लिए मोक्ष के द्वार खोलती है। मान्यता यह भी है कि, जब कोई तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पूरी करता है, तो उसे मानसिक शांति मिलती है।

संदर्भ
http://tinyurl.com/hta5zy9e
http://tinyurl.com/mr4y6wk4
http://tinyurl.com/yv52b9df

चित्र संदर्भ
1. चार धामों और एक साधक को संदर्भित करता एक चित्रण (wallpaperflare)
2. पूजा करते हिंदू को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. वाराणसी को संदर्भित करता एक चित्रण (Pexels)
4. अयोध्या को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. प्रयागराज को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
6. रामेश्‍वरम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. छोटा चार धामों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)



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