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भारत में टेराकोटा उत्पादों के कौन से हैं विभिन्न रूप, जो सदियों से फल फूल रहे हैं?

लखनऊ

 19-01-2024 10:13 AM
म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

घर एक ऐसा स्थान होता है जहाँ व्यक्ति अपने जीवन का अधिकांश समय बिताता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति यह चाहता है कि उसका घर सभी पहलुओं में सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। हालांकि आज नवाचार और प्रौद्योगिकी हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं, लेकिन आजकल, बेहतर स्वास्थ्य जागरूकता और पर्यावरण-अनुकूल वस्तुओं के उपयोग के प्रति भी लोग जागरूक हुए हैं। इसी जागरूकता के साथ लोगों में ‘टेराकोटा’ कला से निर्मित उत्पादों जैसे मिट्टी के बर्तन, क्रॉकरी, गहने, खिलौने, टाइल्स, ईंटें और अन्य सजावटी वस्तुओं के प्रति आकर्षण उत्पन्न हुआ है। तो आइए, टेराकोटा कला से निर्मित विभिन्न वस्तुओं एवं भारत में इस कला के उपयोग के विषय में और अधिक जानते हैं। ‘टेराकोटा’ मिट्टी के शिल्प की एक पारंपरिक भारतीय कला है जो हजारों वर्षों से भारत में फल फूल रही है। कई अनुसंधान एवं सक्रिय उत्खननों के दौरान, भारत में इस कला के कई अवशेष जैसे मिट्टी के बर्तन, मूर्तियाँ, कटोरे, कप, फूलदान आदि भी पाए गए हैं,जो सिंधु घाटी सभ्यता (2600-1700 ईसा पूर्व) के समय के हैं। टेराकोटा कला और मिट्टी के बर्तन भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं में विशेष महत्त्व रखते हैं और भारत के विभिन्न राज्यों के लोगों में इस कला के प्रति लगाव देखा जा सकता है। लगभग प्रत्येक भारतीय परिवार में टेराकोटा शिल्प में बने किसी न किसी प्रकार के उत्पाद का उपयोग देखा जा सकता है, जैसे पानी भरने के लिए घड़े और सुराही, पौधे लगाने के लिए गमले और साथ ही अपने घरों को रोशन करने के लिए विभिन्न डिजाइन एवं आकारों में खूबसूरत लैंप या दीये का उपयोग। त्यौहारों के दौरान विशेष रूप से टेराकोटा शिल्प की इन वस्तुओं की मांग और भी अधिक बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, दिवाली के समय, घरों को सजाने एवं रोशन करने के लिए टेराकोटा के दीयों एवं अन्य साजो सज्जा सामग्री की मांग बढ़ जाती है। इसी प्रकार दशहरे से ठीक पहले मिट्टी से बने साधारण लेकिन सुंदर खिलौनों की भारी मांग होती है। इसके अलावा विवाह आदि समारोह में कलश या मटकी की भी खूब खरीदारी होती है।
आइए कुछ ऐसे भारतीय राज्यों पर नज़र डालते हैं, जहाँ टेराकोटा कला आज भी फल फूल रही है:
1. पश्चिम बंगाल देश का पूर्वी राज्य पश्चिम बंगाल टेराकोटा कला में अपनी समृद्ध परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। बंगाल के हुगली, मुर्शिदाबाद, दीघा और जेसोर आदि शहर अपनी टेराकोटा कला के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं। वास्तव में, यहाँ पर टेराकोटा कला में बनाए गए मंदिरों के पैनल सबसे उत्कृष्ट माने जाते हैं। पश्चिम बंगाल की टेराकोटा कला से जुड़ा एक और महत्वपूर्ण नाम ‘बांकुरा घोड़ा’ है, जिसे लाल मिट्टी के साथ इतनी खूबसूरती से बनाया जाता है कि यह अपने रूप के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है।
2. मध्य प्रदेश भारत का हृदय कहे जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश का बस्तर जिला अपनी समृद्ध संस्कृति और टेराकोटा मिट्टी के बर्तन बनाने की परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के आदिवासी घोड़ों, हाथियों और पक्षियों जैसे जानवरों की सुंदर एवं जटिल मूर्तियाँ और साथ ही मिट्टी से बने सुंदर, पारंपरिक मंदिर बनाने में माहिर हैं।
3. गुजरात गुज़रात में टेराकोटा के उत्पाद पहिये का उपयोग करके बनाए जाते हैं, जिनमें सबसे आम मिट्टी के बर्तन हैं, जिन पर बाद में सुंदर एवं आकर्षक ज्यामितीय डिजाइन एवं मछली आदि की आकृतियां बनाई जाती है।
4. तमिलनाडु तमिलनाडु में ‘अय्यनार पंथ’ द्वारा निर्मित टेराकोटा मिट्टी के बर्तन, एवं उनके द्वारा बनाई गई हाथियों और घोड़ों आदि की यथार्थवादी दिखने वाली मूर्तियाँ सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं।
5. हरियाणा हरियाणा राज्य अपनी बेहद लोकप्रिय मिट्टी की वस्तुओं जैसे पारंपरिक हुक्का और अन्य दैनिक उपयोग के उत्पादों जैसे चाय के बर्तन, फूलों के गुलदस्ते, सुंदर जानवरों की मूर्तियाँ, कप, घड़े व सुराही, आदि के लिए जाना जाता है।
6. नई दिल्ली देश की राजधानी दिल्ली शहर में टेराकोटा कला के लिए नीले रंग का उपयोग किया जाता है। यहाँ नीले रंग को मिट्टी में मिलाकर बहुत ही प्रभावशाली, कठोर एवं मनभावन रूप प्राप्त करने के लिए सुंदर मिट्टी के बर्तनों का निर्माण किया जाता है।
वास्तव में टेराकोटा कला देश की मिट्टी की कला का रूप है। इस कला में बनी वस्तुओं का रंग आम तौर पर भूरा नारंगी होता है। यह रंग सूखी और पकी हुई मिट्टी से प्राप्त होता है, हालांकि कभी-कभी गहरा रंग प्राप्त करने के लिए इन्हें इस तरह से रंगा भी जाता है। वास्तव में भारत में टेराकोटा कला को रहस्यमय माना जाता है क्योंकि यह वायु, अग्नि, पृथ्वी, जल और आकाश जैसे पांच महत्वपूर्ण तत्वों को समाहित करती है।
टेराकोटा कला का उपयोग सजावटी वस्तुओं से लेकर घरेलू उपयोगी उत्पादों जैसे दीयों, बर्तन, ईंटें, टाइल्स आदि को बनाने के लिए किया जाता है। यह कला अपनी सुंदरता के साथ साथ पर्यावरण-अनुकूल प्रकृति के लिए जानी जाती है। वास्तव में इस कला के रूप में बुनियादी आवश्यकता की वस्तुओं से लेकर सजावटी वस्तुओं के निर्माण तक मनुष्य को प्रकृति के साथ रहने के साथ साथ प्रकृति के पुनर्निर्माण का भी अवसर प्राप्त हुआ है। आइये अब टेराकोटा कला में बनी विभिन्न वस्तुओं एवं उत्पादों के विषय में जानते हैं: 1. टेराकोटा आभूषण वर्तमान युग में, देश की शहरी आबादी के बीच भी टेराकोटा से बने आभूषण बेहद लोकप्रिय हैं। हार से लेकर झुमके, अंगूठियां और यहां तक ​​कि कंगन भी टेराकोटा की जटिल डिजाइनों और जीवंत रंगों में बनाए जाते हैं। 2. टेराकोटा मिट्टी के बर्तन संभवतः टेराकोटा कला में मिट्टी के बर्तन सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। टेराकोटा के बर्तन और गमले घर एवं बगीचे की सुंदरता बढ़ाने के साथ साथ प्रकृति को भी स्वस्थ रखने का कार्य करते हैं। 3. टेराकोटा चीनी मिट्टी के बर्तन (क्रॉकरी) टेराकोटा शैली में बने चीनी मिट्टी के बर्तन (क्रॉकरी) जैसे प्लेट, कप, ट्रे, चम्मच, चायदानी और कटोरे आदि खाद्य पदार्थों के सेवन के लिए बेहद सुरक्षित माने जाते हैं और आजकल तो इन्हें इस प्रकार बनाया जाता है कि ये ऊष्मा प्रतिरोधी और ओवन (oven) सुरक्षित भी होते हैं, और आपकी रसोई की सुंदरता भी बढ़ाते हैं। 4. टेराकोटा टाइल अब घरों को पर्यावरण अनुकूल रखने के लिये घरों में फर्श के रूप में टैराकोटा टाइलों का उपयोग किया जाने लगा है। इन टाइलों पर विभिन्न प्रकार के जटिल पैटर्न बने होते हैं। 5. टेराकोटा सजावटी वस्तुएँ झूमर से लेकर लैंप और घोड़ों एवं अन्य सजावटी आकृतियों तक, टेराकोटा कला में बनी विभिन्न वस्तुएँ घर की साज-सज्जा को और भी आकर्षक बनाने में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। टेराकोटा कला में बने दीये अक्सर त्यौहारों के समय घरों एवं मंदिरों में देखे जा सकते हैं। इससे अलावा टेराकोटा के फूलदान, मूर्तियों आदि की भी भारी मांग है। 6. टेराकोटा ईंटें - आधुनिक टेराकोटा ईंटें वज़न में हल्की, लागत प्रभावी और दीवारों के निर्माण के लिए बेहद उपयुक्त मानी जाती हैं और आज ये निर्माण उद्योग में लोकप्रियता हासिल कर रही हैं।
पकी हुई मिट्टी से बनी टेराकोटा ईंटें पारंपरिक निर्माण सामग्री का एक आदर्श विकल्प हैं। इन ईंटों का निर्माण मिट्टी को आयताकार आकार देकर और फिर उन्हें भट्ठे में उच्च तापमान पर पकाकर किया जाता है, जिससे मिट्टी सख्त होकर टिकाऊ हो जाती है। दुनिया भर की विभिन्न संस्कृतियों में सदियों से टेराकोटा ईंटों का उपयोग उनकी मजबूती, स्थायित्व और सुंदरता के कारण किया जाता रहा है।
 ये ईटें आम तौर पर लाल-भूरे रंग की होती हैं। टेराकोटा ईंटें निर्माण कार्यों के लिए व्यापक रूप से लाभप्रद मानी जाती हैं। ये ईंटें उच्च गुणवत्ता वाली एवं वज़न में हल्की होती हैं जिससे इनसे निर्मित संरचना का समग्र वजन कम हो जाता है, और संरचना भूकंप एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अधिक प्रतिरोधी हो जाती है।
ये ईंटें आकार में भी बड़ी होती है जिससे इनके साथ सीमेंट आदि की आवश्यकता कम होती है, और साथ ही समय और श्रम की लागत भी कम हो जाती है, जिससे वे किसी भी निर्माण परियोजना के लिए लागत प्रभावी बन जाती हैं। इसके अलावा टेराकोटा ईंटें खोखली होती हैं, जिसके कारण इनसे बनने वाली संरचना ताप प्रतिरोधी होती है। इसलिए निर्मित संरचना में अतिरिक्त तापन या शीतलन प्रणाली की आवश्यकता बेहद कम हो जाती है और वे ऊर्जा-कुशल बन जाती हैं। इसके अतिरिक्त, टेराकोटा ईंटों से बनी दीवार बेहतर ध्वनि प्रतिरोधी भी होती है जिसके कारण बाहर के ध्वनि प्रदूषण को दूर रखते हुए जीवन की गुणवत्ता में सुधार आता है। टेराकोटा की ईंटें पूरी तरह से प्राकृतिक मिट्टी से बनी होती हैं और इनमें केवल चूरा, चावल की भूसी और कोयले की राख जैसे योजक होते हैं, जिसके कारण ये पर्यावरण के अनुकूल होती हैं।
अपनी अनूठी संरचना और निर्माण प्रक्रिया के कारण, इन ईंटों में पारंपरिक ईंटों से बेहतर असाधारण संपीड़न शक्ति होती है जिसके कारण ये ईंटें ऊंची इमारतों के लिए आदर्श होती हैं। इनकी विशेष डिज़ाइन और संरचना के कारण ये ईंटें विद्युत और पाइपलाइन नलिकाओं को समायोजित करने के लिए उपयुक्त होती हैं। इसके अलावा, उच्च तापमान पर पके होने के कारण इन ईंटों में अग्नि प्रतिरोधी गुण भी होते हैं। टेराकोटा की इन सभी विशेषताओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि, आज इस कला की बहुमुखी प्रतिभा के कारण यह कला विभिन्न रूपों में लगभग हर भारतीय घर का हिस्सा बन गई है।

संदर्भ
https://shorturl.at/pIKOT
https://shorturl.at/giRUZ
https://shorturl.at/hDQ07

चित्र संदर्भ
1. दो अलग-अलग समयांतराल में हो रहे मिट्टी के कार्य को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. शुंग काल 100 ईसा पूर्व की टेराकोटा की मातृ देवी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
3. मिट्टी के बर्तन बेचती भारतीय महिला को संदर्भित करता एक चित्रण (PickPik)
4. टेराकोटा आभूषण को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. टेराकोटा मिट्टी के बर्तनों को संदर्भित करता एक चित्रण (Wallpaper Flare)
6. क्रॉकरी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
7. टेराकोटा टाइल को संदर्भित करता एक चित्रण (PickPik)
8. टेराकोटा सजावटी मूर्तियों को संदर्भित करता एक चित्रण (Needpix)
9. टेराकोटा की ईंटों को संदर्भित करता एक चित्रण (PickPik)



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